"जनजाति को ST के रूप में पहचान दिलाने का अधिकार HC के पास नहीं राष्ट्रपति के पास" : मणिपुर हिंसा पर सुप्रीम कोर्ट

मणिपुर में हिंसा के पीछे दो वजहें बताई जा रही हैं. पहली वजह यहां के मैतेई समुदाय अनुसूचित जनजाति का दर्जा देने की मांग कर रहे हैं. वहीं दूसरी वजह सरकारी भूमि सर्वेक्षण बताई जा रही है.

विज्ञापन
Read Time: 16 mins
नई दिल्ली:

मणिपुर में जारी प्रदर्शन को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने चिंता जताई है. CJI ने कहा है कि फिलहाल हम राज्य में हालत स्थिर चाहते हैं. हमारा लक्ष्य सभी की सुरक्षा है. हम वहां की घटनाओं से चिंतित हैं. अदालत ने कहा कि यह एक मानवीय मुद्दा है. सरकार लोगों को सुरक्षित करने और हालात ठीक करने के लिए कदम उठाए. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हाईकोर्ट नहीं, बल्कि राष्ट्रपति के पास  जनजाति को ST के रूप में पहचानने का अधिकार है. अदालत ने सरकार से कहा कि भोजन के साथ पर्याप्त राहत शिविर सुनिश्चित करने की जरूरत है. विस्थापित व्यक्तियों के पुनर्वास की व्यवस्था हो. धार्मिक पूजा स्थलों की रक्षा की जाए.  अदालत ने सुनवाई की अगली तारीख 17 मई तय की है. 

गौरतलब है कि मणिपुर में बीते कई दिनों से हो रही हिंसा में अभी तक 50 से ज्यादा लोगों की जान जा चुकी है. राज्य में स्थिति को बिगड़ता देख केंद्र ने अतिरिक्त सुरक्षा बलों को मणिपुर के लिए भेजा है. सेना और पैरामिलिट्री के 10 हजार से ज्यादा जवानों की तैनाती के बाद यहां हिंसक घटनाओं में थोड़ी कमी जरूर आई है.

क्या है मणिपुर में हिंसा की वजह 

मणिपुर में हिंसा के पीछे दो वजहें बताई जा रही हैं. पहली वजह है यहां के मैतेई समुदाय को अनुसूचित जनजाति का दर्जा देना. मणिपुर में मैतेई समुदाय बहुसंख्यक वर्ग में आता है, लेकिन इन्हें अनुसचित जनजाति का दर्जा दे दिया गया है. जिसका कुकी और नागा समुदाय के लोग विरोध कर रहे हैं.कुकी और नागा समुदायों के पास आजादी के बाद से ही आदिवासी का दर्जा है. अब मैतेई समुदाय भी इस दर्जे की मांग कर रहा है जिसका विरोध कुकी और नागा समुदाय के लोग कर रहे हैं. कुकी और नागा समुदाय का कहना है कि मैतेई समुदाय तो बहुसंख्यक समुदाय है उसे ये दर्जा कैसे दिया जा सकता है. 

Advertisement

कैसे शुरू हुई हिंसा ? 

कुकी समुदाय के लोगों ने तीन मई को मैतेई समुदाय को मिलने वाले दर्जे और सरकार के फैसले के विरोध में प्रदर्शन किया गया. इसी प्रदर्शन में हिंसा शुरू हो गया. चार मई को जगह-जगह पर गाड़ियों को आग के हवाले कर दिया गया. चार तारीख को ही मैतेई और कुकी समुदाय के बीच ये झगड़ा शुरू हो गया. पांच मई को जब हालात खराब हुए तो वहां पर सेना पहुंची. इसके बाद 10 हजार से ज्यादा लोगों को दूसरी जगह शिफ्ट किया गया. पांच मई की ही रात भारतीय राजस्व सेवा के अधिकारी मिथांग की भीड़ ने हत्या कर दी.  इनकी हत्या घर से निकालकर की गई.

Advertisement

ये भी पढ़ें-

Featured Video Of The Day
UP में घुसते ही Lawrence Gang ने किया Pappu Yadav को Phone, सांसद बोले- 'मैं किसी से नहीं डरता'
Topics mentioned in this article