खास बातें
- उत्तराखंड में प्राकृतिक आपदा का सामना कर रहे लोगों ने फटे कपड़े और गंदे चावलों की राहत सामग्री को ठुकराते हुए कहा कि यह राहत सामग्री किसी काम की नहीं है।
उत्तराखंड में प्राकृतिक आपदा का सामना कर रहे लोगों ने फटे कपड़े और गंदे चावलों की राहत सामग्री को ठुकराते हुए कहा कि यह राहत सामग्री किसी काम की नहीं है।
राहत के तौर पर दिए जा रहे चावलों में कीड़े हैं और ज्यादातर कपड़े फटे हुए हैं। रुद्रपुर के ग्रामीणों का कहना है कि उन्हें दिए जा रहे कंबलों की नहीं बल्कि खाद्य सामग्री की जरूरत है।
बाढ़ग्रस्त क्षेत्र में राज्य सरकार, गैर-सरकारी संगठन और व्यक्तिगत रूप से राहत सामग्री वितरित की जा रही है।
इधर, मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा ने पिछले महीने की 16-17 तारीख को आई इस प्राकृतिक आपदा में लापता हो गए 5748 लोगों को मृत घोषित करने से इनकार कर दिया और कहा कि गुमशुदा लोगों की खोजबीन का काम जारी रहेगा।