NEET-PG में काउंसिलिंग के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने लंबी सुनवाई के बाद सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रखा है. SC यह तय करेगा कि EWS (आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग) 8 लाख रुपये सालाना के मानदंड के आधार पर काउंसलिंग शुरू होगी या नहीं. केंद्र की काउसंलिग शुरू करने की इजाजत की अर्जी पर सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रखा है.अदालत ने पक्षकारों को शुक्रवार सुबह तक लिखित दलीलें देने को कहा है. आज मामले की सुनवाई के दौरान जस्टिस चंद्रचूड़ ने लंबी बहस पर एक वकील से नाराजगी जताई. उन्होंने कहा कि अदालत में कोई EWS नहीं हैं.यहां सीनियर-जूनियर सब बराबर हैं. आप बहस करना चाहते हैं तो हम कल के सुनवाई टाल देते हैं. हम राष्ट्रीय हित में मामले को जल्द खत्म करना चाहते हैं जिससे काउंसलिंग शुरू हो सके.
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गौरतलब है कि इस मामले में फेडरेशन ऑफ रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन (FORDA) की तरफ से भी अर्जी दी गई है. फोर्डा की ओर से कहा गया कि काउंसलिंग जल्द से जल्द शुरू करने की आवश्यकता है क्योंकि हम चिकित्सा कार्यबल की रीढ़ हैं. जमीनी स्तर पर जब कोविड की तीसरी लहर दरवाजे पर दस्तक दे रही है, हमें मैदान में डॉक्टरों की जरूरत है. इस पर जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि यह सिर्फ डॉक्टरों की नहीं बल्कि देश की चिंता है. आपकी चिंता को बेंच ने भी साझा किया है.रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन के लिए सलाहकार अपूर्व करोल ने कहा कि 33%कार्यबल काम पर नहीं गए हैं और जो काम कर रहे हैं वे भी ओमिक्रॉन के कारण अत्यधिक प्रभावित हो रहे हैं. जो भी फैसला लिया जाए, उसमें तेजी लाई जानी चाहिए.
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याचिकाकर्ता के वकील अरविंद दातार ने अपनी दलील में कहा, "8 लाख की सीमा ज्यादा है और मनमानी है. उनको फायदा होगा, जो आर्थिक रूप से कमजोर नहीं हैं. जब वे क्रीमी लेयर को बाहर कर रहे हैं तो 8 लाख कैसे जायज है? वे कह रहे हैं कि उम्मीदवारों को घर पंजीकरण दस्तावेज/आय, संपत्ति प्रमाण पत्र दिखाने की जरूरत है. उम्मीदवारों को इतनी जल्दी सूचना पर दस्तावेज कहां से प्राप्त होंगे? वे पूरे देश पर एक फार्मूला थोपने की कोशिश कर रहे हैं जिसका कोई औचित्य नहीं है. सिंहो समिति की रिपोर्ट में विस्तृत अध्ययन किया गया था. आज की काउंसलिंग के लिए सिंहो कमेटी की रिपोर्ट के तहत वर्तमान में मौजूद फॉर्मूला लागू किया जाए. अगले साल नए EWS मानदंड पर विचार किया जा सकता है. फोर्डा का पक्ष रखते हुए कहा, "हम वही हैं, जो हड़ताल पर गए थे. हर साल 45,000 डॉक्टरों को पीजी डॉक्टरों के रूप में मेडिकल वर्कफोर्स में शामिल किया जाता है. इस साल महामारी की वजह से परीक्षा देर से हुई थी और पहले साल अभी तक शामिल नहीं हुए हैं. काउंसलिंग जल्द से जल्द शुरू करने की आवश्यकता है क्योंकि हम चिकित्सा कार्यबल की रीढ़ हैं. जमीनी स्तर पर जब से कोविड की तीसरी लहर दरवाजे पर दस्तक दे रही है, हमें मैदान में डॉक्टरों की जरूरत है. आरक्षण के संबंध में जो भी संवैधानिक मुद्दे हैं, वे बाद में भी तय किए जा सकते हैं.
केंद्र सरकार की ओर से सॉलिसिटर जनरल (SG) तुषार मेहता ने कहा कि ये नियम AIQ को छोड़कर 2019 से पहले से ही लागू है. काउंसलिंग की बुकलेट जारी करने की तिथि 29 जुलाई, 2021 थी. लागू आरक्षण क्या होगा, काउंसलिंग के समय सूचित किया जाएगा. जब मैं परीक्षा देता हूं, तो मुझे अपना सर्वश्रेष्ठ देना होता है और उस समय आरक्षण पर विचार नहीं किया जाता. भले ही हम 23 फरवरी को कहते हैं कि NEET PG सीटों में दाखिला आरक्षण के अनुसार होगा. यह स्पष्ट करता है कि यह केवल परीक्षा की अधिसूचना हैसॉलिसिटर जनरल ने कहा कि यह पहली बार नहीं है कि केंद्र ने OBC या EWS आरक्षण की शुरुआत की है. केंद्रीय शिक्षा संस्थानों में दाखिले के लिए OBC आरक्षण के लिए OBC आरक्षण कानून 2006 मौजूद है.