महाराष्ट्र में महा विकास अघाड़ी में सीटों का बंटवारा हो गया है. कांग्रेस, एनसीपी (शरद पवार गुट) और शिवसेना (उद्धव ठाकरे गुट) की बुधवार को हुई बैठक में सीटों के समझौते पर आखिरी मुहर लग गई है. तीनों पार्टियों ने 85-85-85 पर चुनाव लड़ने का फैसला किया है. बाकी 18 सीटें क्षेत्रीय पार्टियों के साथ अलायंस के लिए रखी गई हैं. अन्य दलों में समाजवादी पार्टी, स्वाभिमानी पक्ष यानी SWP और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) यानी CPIM समेत दूसरी पार्टियां शामिल हैं. महाराष्ट्र की 288 सीटों में से बाकि की सीटें दूसरे सहयोगी दलों को दी जाएंगी. महाराष्ट्र विधानसभा में 288 सीटें हैं. यहां एक ही फेज में 20 नवंबर को वोटिंग होगी.
दरअसल, मंगलवार को ही महाराष्ट्र की 288 सीटों के लिए महाविकास अघाड़ी (MVA) के बीच सीट शेयरिंग तय हो गई थी. सीटों के बंटवारे के लिए घटक दलों के बीच कई घंटों तक मीटिंग हुई. मीटिंग के बाद शिवसेना उद्धव गुट के नेता संजय राउत ने कहा था कि MVA में सीट शेयरिंग फाइनल हो चुका है. अब कोई और मीटिंग नहीं होगी. इसके बाद बुधवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस करके सीट शेयरिंग का ऐलान किया गया.
हालांकि, शिवसेना (UBT) के नेता संजय राउत ने एक पेच फंसा दिया है. सीट शेयरिंग फॉर्मूले पर उन्होंने कहा कि नंबर बदल भी सकते हैं. क्योंकि कौन किस सीट पर चुनाव लड़ेगा, इसपर चर्चा होनी बाकी है. संजय राउत ने कहा कि हम महा विकास अघाड़ी के रूप में चुनाव लड़ रहे हैं. महाराष्ट्र में हमारी सरकार बनेगी.
शिवसेना (UBT) ने 65 सीटों पर घोषित किए कैंडिडेट
बुधवार शाम को ही शिवसेना (UBT) ने 65 सीटों पर कैंडिडेट का ऐलान कर दिया है. उद्धव ठाकरे के बेटे आदित्य ठाकरे वर्ली से चुनाव लड़ेंगे. वरुण देसाई को बांद्रा ईस्ट से टिकट दिया गया है. ठाणे से राजन विचारे को टिकट मिला है. जबकि कोपरी पाचपखाडी सीट से CM एकनाथ शिंदे के सामने केदार दिघे को उतारा गया है. केदार दिघे, शिंदे के गुरु आनंद दिघे के भतीजे हैं. महाराष्ट्र महाविकास अघाड़ी (MVA) में शिवसेना (UBT)के बाद कांग्रेस और NCP (SP) की लिस्ट आनी बाकी है.
क्या कहती है कांग्रेस?
महाराष्ट्र कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले ने कहा, "हमने तय किया है कि कांग्रेस, NCP (शरद गुट) और शिवसेना (UBT) 85-85 सीटों पर चुनाव लड़ेंगे. बाकी 18 सीटों पर हम समाजवादी पार्टी सहित अपने गठबंधन दलों से बात करेंगे. उम्मीद है गुरुवार तक मंजूरी मिल जाएगी. शेष 33 सीटों पर तीनों दलों के बीच अभी चर्चा होनी है. यानी इन सीटों पर इनके बीच सहमति बननी बाक़ी है."
क्या कहती है शिवसेना (UBT)
शिवसेना (UBT) के सांसद अनिल देसाई ने कहा, "अभी फॉर्म भरने की तैयारी करनी है. कुछ सीटें छोटे मित्र पक्षों को दी जाएगी. उसमे कुछ बातचीत करके उन्हें दिया जाएगा. जो बचेंगी उसे आपस में बांटे लेंगे."
मौजूदा महाराष्ट्र विधानसभा की स्थिति
महाराष्ट्र विधानसभा में कुल 288 सीटें हैं. बहुमत का आंकड़ा 145 है. मौजूदा महाराष्ट्र विधानसभा का कार्यकाल 26 नवंबर 2024 तक खत्म हो रहा है. अभी महाराष्ट्र विधानसभा में BJP के 103 विधायक हैं. शिवसेना के 37, NCP के 39 विधायक हैं. इसके साथ ही छोटे दलों से 9 सदस्य और 13 निर्दलीय भी विधानसभा में हैं. BJP की अगुवाई वाले गठबंधन को महायुति कहा जाता है.
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कांग्रेस, शरद पवार गुट और उद्धव ठाकरे का गठबंधन महाराष्ट्र विधानसभा में विपक्ष में है. कांग्रेस के 37, शिवसेना UBT के 37, NCP (शरद चंद्र पवार) के 13 विधायक हैं. एक स्वंतत्र सदस्य भी गठबंधन का हिस्सा है. वहीं, भारतीय शेतकरी कामगार पक्ष के एक विधायक हैं. महाराष्ट्र की विधानसभा में इसके साथ ही MIM के 2, समाजवादी पार्टी के 2 और CPI(M) के 1 विधायक हैं.
कैसा रहा था 2019 का महाराष्ट्र चुनाव?
2019 में महाराष्ट्र में 21 अक्टूबर को एक ही फेज में वोटिंग कराई गई थी. वोटिंग पर्सेंट 61.4% रहा था. गठबंधन में चुनाव लड़ रही BJP ने 105 सीटें और शिवसेना ने 56 सीटें जीती थी. गठबंधन से NCP को 54 और कांग्रेस को 44 सीटें मिलीं थी. हालांकि, CM पद को लेकर विवाद हुआ और BJP-शिवसेना का 25 साल का गठबंधन टूट गया.
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फिर शुरू हुआ सियासी ड्रामा
23 नवंबर 2019 को सुबह-सुबह देवेंद्र फडणवीस ने मुख्यमंत्री और अजित पवार ने उपमुख्यमंत्री पद की शपथ ले ली. हालांकि, सियासी उथल-पुथल के बीच फ्लोर टेस्ट से पहले ही 26 नवंबर 2019 को दोनों ने इस्तीफा दे दिया. बाद में 28 नवंबर को उद्धव ठाकरे ने NCP और कांग्रेस के साथ मिलकर सरकार बना रही. इस गठबंधन को महाविकास अघाड़ी कहा गया. फिर शिवसेना में बगावत हुई. पार्टी के दो गुट हो गए. चुनाव आयोग ने एकनाथ शिंदे के गुट को असली शिवसेना माना. एकनाथ शिंदे ने BJP के साथ गठबंधन करके सरकार बना ली. देवेंद्र फडणवीस डिप्टी CM बने. इसके बाद उद्धव ठाकरे की महाविकास अघाड़ी सरकार गिर गई. जुलाई 2023 में NCP में टूट हुई. अजित पवार ने अपने चाचा शरद पवार से बगावत कर दी और शिंदे-BJP सरकार में शामिल हो गए. उन्हें दूसरा डिप्टी CM बनाया गया. बाद में चुनाव आयोग ने भी अजित पवार के गुट को असली NCP माना.