2024 का टूर्नामेंट : क्या इलेक्शन पिच पर टीम मोदी के खिलाफ मैच में विपक्ष ने कर लिए 10 सेल्फ गोल?

2024 के लोकसभा चुनाव में विपक्ष ऐसी गलतियां भी कर दे रहा है, जो उसे महंगी पड़ रही हैं. आइए समझते हैं अब तक के लोकसभा चुनाव में विपक्ष (INDIA Alliance) ने ऐसी कितने सेल्फ गोल (गलतियां) कर दीं, जिससे उन्हें ही नुकसान हो रहा है.

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विपक्षी दलों के INDIA गठबंधन में कुछ सीटों पर उम्मीदवारों के चयन को लेकर भी विवाद है.
नई दिल्ली:

लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Elections 2024) में जैसे-जैसे एक-एक फेज की वोटिंग खत्म होती जा रही है. ये उतना ही दिलचस्प बनता जा रहा है. चुनावी पिच पर सत्ता पक्ष हो या विपक्ष दोनों ही स्कोर करने में जुटे हैं. दोनो पक्षों का मकसद एक ही है, ज्यादा से ज्यादा गोल कर 2024 की जंग को जीतना. जीत की हड़बड़ी में विपक्ष ऐसी गलतियां भी कर दे रहा है, जो उसे महंगी पड़ रही हैं. आइए समझते हैं अब तक के लोकसभा चुनाव में विपक्ष (INDIA Alliance) ने ऐसी कितने सेल्फ गोल (गलतियां) कर दीं, जिससे उन्हें ही नुकसान हो रहा है.

सेल्फ गोल नंबर 1: खरगे का शिव vs राम वाला बयान
छत्तीसगढ़ की एक जनसभा में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने शिव नाम वाले अपने प्रत्याशी की तारीफ करते हुए कह दिया कि उनका शिव राम का मुकाबला करेगा. अब राम और शिव तो एक दूसरे को अपना देव मानते थे. इसी बयान को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जनता की अदालत में ले गए.

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पीएम मोदी ने गुरुवार को गुजरात के आणंद में हुई रैली में खरगे के बयान का जिक्र किया. पीएम ने कहा, "मल्लिकार्जुन खरगे ने भगवान राम और भगवान शिव के संबंध में एक खतरनाक बयान दिया है. हिंदू समाज को बांटने के लिए खेल खेला गया है. वे रामभक्तों और शिवभक्तों में भेद करके लड़ाना चाहते हैं. ये हजारों-हजार साल से चली आ रही हमारी परंपराएं हैं. जिन परंपराओं को मुगल भी तोड़ नहीं पाए, अब कांग्रेस उन्हें तोड़ना चाहती है."

सेल्फ गोल नंबर 2 : अमेठी-रायबरेली पर लेटलतीफी  
पिछले चार पांच दशक से अमेठी और रायबरेली नेहरू गांधी परिवार का गढ़ रहा है. ज्यादातर उनके ही परिवार के सदस्य वहां से चुनाव लडते रहे हैं. लेकिन पिछली बार अमेठी से राहुल गांधी क्या हारे, कांग्रेस आखिर तक इस उलझन में घिरी रही कि करे क्या. बीजेपी के राज्यसभा सांसद लहर सिंह सिरोया ने ट्वीट किया कि राहुल कहते हैं कि डरो मत, लेकिन खुद ही अमेठी में डरे हुए हैं. इस दुविधा का नतीजा ये हुआ कि पर्चा भरने के आखिरी दिन से एक दिन पहले तक उहापोह बनी रही. 

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इस लेटलतीफी का असर सिर्फ अमेठी रायबरेली जैसी सीटों पर कांग्रेस की उम्मीदों के कम होने भर तक नहीं है, बल्कि उत्तर प्रदेश में कांग्रेस के भविष्य पर भी इसका असर पड़ सकता है. रायबरेली में तो सोनिया गांधी के राज्यसभा जाने के बाद ही तय हो गया था कि वो नहीं लड़ेंगी. लेकिन अब रायबरेली से कौन लड़ेगा, ये डिस्कशन कांग्रेस में लंबा खिंच गया.

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सेल्फ गोल नंबर 3 : अधीर रंजन चौधरी का बीजेपी की तरफदारी करना
जिस अधीर रंजन चौधरी को पांच साल तक कांग्रेस ने लोकसभा में अपनी पार्टी का नेता बनाकर रखा. उनकी ममता बनर्जी से ऐसी अदावत है कि वो बीजेपी की पैरोकारी करने लगे. एक रैली में अधीर रंजन ने कहा था, "बीजेपी को वोट भले दे देना, टीएमसी को नहीं देना." अधीर रंजन के बयान से कांग्रेस में जहां असमंजस की स्थिति है. वहीं, बीजेपी इसे चुनाव में कैश कर रही है.

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सेल्फ गोल नंबर 4: टीएमसी नेता ने की बीजेपी की तारीफ 
बंगाल वाले अधीर बाबू बीजेपी को वोट दिलाने के लिए अधीर हो रहे हैं, तो उसी बंगाल में ममता बनर्जी की पार्टी के महासचिव कुणाल घोष बीजेपी उम्मीदवारों की तारीफ करने लगे. ये विपक्ष के लिए परेशानी का सबब है.

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सेल्फ गोल नंबर 5 : टीएमसी नेता का सांप्रदायिक बयान 
पश्चिम बंगाल के भरतपुर से टीएमसी विधायक हुमायूं कबीर ने जो बयान दिया है, वो बंगाल में चुनावों को ध्रुवीकरण की तरफ ले जा सकता है. टीएमसी विधायक हुमांयू कबीर कहते हैं, "अगर मैं 2 घंटे के अंदर बीजेपी को भागीरथी नदी में नहीं फेंक सका, तो राजनीति छोड़ दूंगा. मैं आप लोगों को शक्तिपुर क्षेत्र में नहीं रहने दूंगा. अगर आप सोचते हैं कि मुर्शिदाबाद में केवल 30% निवासी हैं, तो हम बता दें कि हम 70% हैं."

सेल्फ गोल नंबर 6 : SP नेता का वोट जेहाद वाला बयान
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व विदेश मंत्री सलमान खुर्शीद की भतीजी मारिया आलम समाजवादी पार्टी की नेता हैं. फर्रुखाबाद में चुनाव प्रचार करने पहुंचीं, तो वोट जिहाद का राग अलापने लगीं. समाजवादी पार्टी की नेता मारिया आलम कहती हैं, "संघी सरकार को हटाने के लिए बहुत अक्लमंदी के साथ एकजुट होकर बहुत खामोशी से वोटों का जिहाद करो. क्योंकि हम सिर्फ वोटों का जिहाद कर सकते हैं."

मारिया के इस बयान को धर्म के नाम पर मुस्लिम वोटों को लामबंद करने वाला माना गया. इसके बाद समाजवादी पार्टी जहां मारिया का बचाव कर रही है, वहीं बीजेपी हमलावर है.

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बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव विनोद तावड़े कहते हैं, "झूठ फैलाने वाले विपक्षी दलों ने अब 'वोट जिहाद' अभियान शुरू कर दिया है. इससे पता चलता है कि वे हताश और निराश हैं. एक तरफ वे ओबीसी का आरक्षण मुसलमानों को दे रहे हैं, दूसरी तरफ वे चुनाव के दौरान 'वोट जिहाद' की बात कर रहे हैं."

सेल्फ गोल नंबर 7 : दिल्ली में आप से गठबंधन, कांग्रेस में भगदड़
दिल्ली में आम आदमी पार्टी से हाथ मिलाना कांग्रेस के लिए भारी पड़ रहा है. दिल्ली में ही देखिए तो विरोध इतना तेज बढ़ा कि प्रदेश अध्यक्ष अरविंदर सिंह लवली ने इस्तीफा दे दिया. उसी तरह शीला सरकार में मंत्री रहे राजकुमार चौहान ने भी इस्तीफा दे दिया. जबकि नसीब सिंह और नीरज बसोया जैसे पूर्व विधायकों ने भी पार्टी छोड़ दी. 

सेल्फ गोल नंबर 8 : सूरत-इंदौर में कांग्रेस उम्मीदवारों का पलट जाना 
गुजरात से मध्य प्रदेश तक बीजेपी से लड़ने की जिम्मेदारी कांग्रेस पर है, लेकिन गुजरात में सूरत के कांग्रेस उम्मीदवार नीलेश कुंभानी हों या मध्य प्रदेश के इंदौर से कांग्रेस उम्मीदवार अक्षय कांति बम... दोनों जगहों पर कांग्रेस के उम्मीदवारों ने ऐन मौके पर अपना नाम वापस ले लिया. कांग्रेस को दूसरा उम्मीदवार उतारने का मौका भी नहीं मिला. इस पर सोशल मीडिया पर किसी ने चुटकी ली कि किसी भी लावारिस कांग्रेसी को छूना मत, बम हो सकता है."

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सेल्फ गोल नंबर 9 : राहुल गांधी का शक्ति से लड़ने वाला बयान
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने ये बयान काफी पहले दिया था कि हिंदू धर्म की शक्ति से वो लड़ना चाहते हैं, लेकिन जब चुनाव की सरगर्मी तेज हुई; तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसको मुद्दा बना दिया. राहुल गांधी ने कहा, "हिंदू धर्म में एक शक्ति है. मैं उस शक्ति से लड़ना चाहता हूं." इसे मुद्दा बनाते हुए पीएम मोदी ने कहा, "वो शक्ति से लड़ना चाहते हैं...वो शक्ति को हराना चाहते हैं."

सेल्फ गोल नंबर 10 : सैम पित्रोदा का विरासत टैक्स वाला बयान 
कांग्रेस के नेता बीजेपी से लड़ते लड़ते अचानक कुछ ऐसा बोल जाते हैं कि अपनी मुश्किलें बढ़ा लेते हैं. ऐसा ही बयान इंडियन ओवरसीज कांग्रेस के अध्यक्ष सैम पित्रोदा ने दिया. पित्रोदा ने तो अमेरिका में बैठकर अमेरिका की तरह भारत में विरासत टैक्स लगाने की बात की थी. वो बात यहां कांग्रेस के लिए घात बन गई. इसी विरासत टैक्स को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चुनाव में प्रचार दर प्रचार ऐसा माहौल बनाया कि हाथ पर बटन दबाने का मतलब अपनी संपत्ति से भी हाथ धोना हो सकता है.

जाहिर तौर पर 2024 के इस चुनावी मैच में कांग्रेस समेत INDIA अलायंस के नेताओं के बोल वचन विपक्ष को टेंशन देने वाले हैं.

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