राजस्थान के हनुमानगढ़ में बन रही एक एथेनॉल फैक्ट्री को लेकर किसान आंदोलन कर रहे हैं. बुधवार को यह आंदोलन हिंसक हो गया. आरोप है कि प्रदर्शनकारी किसानों ने टिब्बी के राठीखेड़ा गांव में बन रही एथेनॉल फैक्ट्री के परिसर में घुस गए. उन्होंने फैक्ट्री की चारदीवारी को ट्रैक्टरों से तोड़ दिया और कई गाड़ियों में आग लगा दी. इस दौरान पुलिस और किसानों के बीच झड़प भी हुई. इसमें कांग्रेस विधायक अभिमन्यु पूनिया समेत कई लोग घायल हो गए.हिंसा के बाद प्रशासन ने इंटरनेट सेवाएं ठप करने और स्कूल-कॉलेज बंद करने का आश्वासन दिया था. किसान इस फैक्ट्री का विरोध कर रहे हैं. वो पिछले एक साल से तरह-तरह से इस फैक्ट्री का विरोध कर रहे हैं. इसी को लेकर बुधवार को महापंचायत का आयोजन किया गया था.
बुधवार को हुई हिंसा के बाद भी एथेनॉल फैक्ट्री का विरोध जारी है. प्रदर्शनकारी किसानों का कहना है कि मांग पूरी नहीं होने तक आंदोलन जारी रहेगा.इसी क्रम में किसानों ने टिब्बी के गुरुद्वारा सिंह सभा में सभा की. इसमें महिलाएं भी शामिल हुईं. इस सभा में भाग लेने जा रहे कांग्रेस कार्यकर्ताओं को पुलिस ने रोक दिया.पुलिस ने कांग्रेस विधायक रुपिंदर सिंह कुन्नर को हिरासत में ले लिया. पुलिस के मुताबिक 10 दिसंबर को हुई हिंसा मामले में 100 से अधिक लोगों पर केस दर्ज किया गया है.पुलिस ने इनमें से कुछ लोगों को हिरासत में लिया है.
कहां लग रही है एशिया की सबसे बडी एथेनॉल फैक्ट्री
राठीखेड़ा में करीब 450 करोड़ रुपए की लागत से एशिया की सबसे बड़ी अनाज आधारित एथेनॉल फैक्ट्री का निर्माण हो रहा है.इसे ड्यून इथेनॉल प्राइवेट लिमिटेड नाम की कंपनी बनवा रही है. 40-मेगावाट का अनाज-आधारित एथेनॉल प्लांट भारत के एथेनॉल ब्लेंडेड पेट्रोल (EBP) कार्यक्रम का हिस्सा है.

अपनी मांगों को लेकर किसानों ने बुधवार को एक महापंचायत का भी आयोजन किया था.
फैक्ट्री के बनने से इलाके के ग्रामीण और किसान खुश नहीं हैं. अपनी लड़ाई को आगे बढ़ाने के लिए ग्रामीणों ने 'एथेनॉल फैक्ट्री हटाओ संघर्ष समिति'का गठन किया है. ग्रामीणों और किसानों की मुख्य चिंता जमीन अधिग्रहण और पानी के स्तर को लेकर है. उन्हें आशंका है कि फैक्ट्री शुरू होने के बाद इलाके में जलस्तर घट जाएगा. उन्हें डर है कि फैक्ट्री की वजह से पर्यावरण और उनकी आजीविका पर संकट आ जाएगा. इसे देखते हुए किसानों ने फैक्ट्री का निर्माण रोकने का लिखित आदेश जारी न होने तक विरोध जारी रखने की घोषणा की है.
किसान और ग्रामीणों का विरोध-प्रदर्शन
इसी समिति के नेतृत्व में ग्रामीण पिछले करीब एक साल से आंदोलन कर रहे हैं. लेकिन हाल ही में उन्हें धरनास्थल से हटा दिया गया था. इसके बाद से फैक्ट्री की चारदीवारी बना दी गई. फैक्ट्री के निर्माण में कोई बाधा न आए इसलिए वहां सीमा गृह रक्षा दल की दो बटालियन तैनात की गई थी.

इथेनॉल फैक्ट्री के विरोध में अपनी लड़ाई को आगे बढ़ाने के लिए किसानों ने 'एथेनॉल फैक्ट्री हटाओ संघर्ष समिति'का गठन किया है.
ग्रामीणों की समिति और प्रशासन के बीच हुई बातचीत विफल हो गई. दरअसल किसान फैक्ट्री का निर्माण तुरंत रोकने का लिखित आश्वासन मांग रहे थे.बातचीत विफल होने के बाद ग्रामीणों ने एसडीएम कार्यालय के सामने सभा की और शाम करीब चार बजे फैक्ट्री की दीवार तोड़ने के लिए ग्रामीण निकल पड़े. ट्रैक्टरों से बन रही फैक्ट्री की बाउंड्री वॉल गिरा दी गई.गुस्साई भीड़ ने फैक्ट्री परिसर में खड़ी 10 से अधिक गाड़ियों को आग के हवाले कर दिया. इनमें एक जेसीबी मशीन, सात कारें और दो बाइक और पुलिस की एक गाड़ी शामिल थी.प्रदर्शनकारियों को हिंसक होता देख उन्हें तितर-बितर करने के लिए पुलिस ने लाठीचार्ज किया और आंसू गैस के गोले छोड़े. लाठीचार्ज में संगरिया के कांग्रेस विधायक अभिमन्यु पूनिया घायल हो गए. उन्हें हनुमानगढ़ जिला अस्पताल ले जाया गया.
हिंसक प्रदर्शन के बाद प्रशासन ने टिब्बी और आसपास के गांवों में इंटरनेट सेवाएं ठप कर दीं और स्कूल-कॉलेज बंद कर दिए.हनुमानगढ़ के पुलिस अधीक्षक के मुताबिक इस हिंसक झड़प में पांच पुलिसकर्मी घायल हुए हैं. उनके मुताबिक सात लोगों को हिरासत में लिया गया है.
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