सुप्रीम कोर्ट के 49 वें चीफ जस्टिस यूयू ललित को आज विदाई दी गयी. इस अवसर पर यूयू ललित ने कहा कि मुझे अपने कई वादे याद हैं जो मैने इस जिम्मेदारी को संभालते समय किए थे. लिस्टिंग प्रक्रिया सहित कई को पूरा कर पाया. फ्रेश फाइलिंग मैटर और लंबित मामलों के आंकड़े दस हजार थे. अब ये 8700 हैं. 1300 मामले निपटाए गए. छह संविधान पीठ गठित की. सभी तेजी से काम कर रही हैं. मुझे बार की भी मांग का ध्यान है जो मुझसे की गई थी. बार का काफी सहयोग मिला. मैने 37 साल सुप्रीम कोर्ट में काम किया. संतुष्टि भरी यात्रा रही.आज दोपहर जब मैं आखिरी बार कोर्ट रूम से अपने चेंबर में गया तो ये ख्याल मेरे मन में आया कि पहली बार जब मैं सुप्रीम कोर्ट में पेश हुआ तो तब के चीफ जस्टिस वाईवी चंद्रचूड़ की कोर्ट में पेश हुआ था. अब मैं जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ को ही कमान सौंप रहा हूं.
जस्टिस ललित ने कहा मैंने सोलापुर और मुंबई में पढ़ाई की.मेरे शिक्षकों की मुझे गढ़ने में काफी मेहनत रही. माता पिता के साथ साथ पत्नी और बच्चों सहित परिवार का सहयोग मेरे जीवन में बहुत अहम है. दरअसल जजों के बारे में meeting the lawyers not beating the lawyers की बात जिसका जिक्र जस्टिस चंद्रचूड़ मेरे हवाले से कर रहे थे वो बात दरअसल मुझे सीनियर चंद्रचूड़ साहब यानी जस्टिस वाईवी चंद्रचूड़ साहब ने बताया था.ललित ने कहा कि मुझे सुप्रीम कोर्ट बार का सदस्य होने का गर्व है. जब मैं दिल्ली आया तो मेरे भी सपने थे लेकिन तब राह साफ नहीं थी. लेकिन अब पीछे मुड़कर देखता हूं तो संतुष्टि और खुशी होती है. आप सब के प्रति कृतज्ञता प्रकट करता हूं.
कार्यक्रम में मनोनीत चीफ जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा कि मैंने एक वकील के तौर पर सोराबजी को ब्रीफिंग दी थी तो जस्टिस ललित से मुलाकात की थी. फिर हम एक दूसरे के खिलाफ भी कई मुकदमों में पेश हुए फिर साथी जज हुए. मैंने उनसे कानून और प्रक्रिया की कई बारीकियां जानी सीखी. अच्छे हृदय के बेहतरीन समझ वाले जज हैं जस्टिस ललित. एक बेंच में साथ साथ मामले सुनने के दौरान कई यादगार क्षण याद करते हुए जस्टिस चंद्रचूड़ ने कई सिक्रेट भी साझा किए. उन्होंने कहा कि हमने उनसे कई बातें सीखी कि हमें वकीलों को समझना चाहिए we must meet the lawyer not beat the lawyer मुझे जस्टिस ललित के उत्तराधिकारी के तौर पर अहसास है कि मैं बड़े जूते में पांव डाल रहा हूं. 2G मामलों में सीबीआई के वकील रहे, लोकप्रिय अमाइकस क्योरे रहे धाकड़ वकील और विद्वान सूझबूझ वाले जज और जबरदस्त काम करने वाले चीफ जस्टिस जो हमेशा शांत रहते हैं स्थितप्रज्ञ की तरह प्रशासनिक स्तर पर भी उन्होंने न्याय को आम जनता के द्वार तक पहुंचाया.