कर्नाटक विधानसभा में लगा वीर सावरकर का पोर्ट्रेट, सीढ़ियों पर विरोध करने उतरा विपक्ष

कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री तथा कांग्रेस नेता सिद्धारमैया, जो इस वक्त नेता प्रतिपक्ष है, ने विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व किया और कर्नाटक विधानसभा में विवादास्पद व्यक्तित्व का पोर्ट्रेट लगाने की ज़रूरत पर सवाल खड़ा किया.

विज्ञापन
Read Time: 24 mins
वीर सावरकर का संबंध बेलगावी से भी है, जो कर्नाटक तथा पड़ोसी महाराष्ट्र के बीच जारी सीमा विवाद का केंद्र है...
बेंगलुरू:

कर्नाटक में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (BJP) की सरकार द्वारा राज्य विधानसभा के भीतर वीर सावरकर का पोर्ट्रेट लगाए जाने के बाद विपक्षी दलों ने विधानसभा भवन की सीढ़ियों पर ही विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया है. कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री तथा कांग्रेस नेता सिद्धारमैया, जो इस वक्त नेता प्रतिपक्ष है, ने विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व किया और कर्नाटक विधानसभा में विवादास्पद व्यक्तित्व का पोर्ट्रेट लगाने की ज़रूरत पर सवाल खड़ा किया.

इस मुद्दे पर कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने कहा, "मुझे विधानसभा में तस्वीर लगाए जाने के बारे में जानकारी नहीं है... मैं अभी पहुंचा हूं, और विधानसभा के भीतर क्या होता है, इसकी ज़िम्मेदारी स्पीकर की होती है... मैं इस मुद्दे को लेकर स्पीकर तथा नेता प्रतिपक्ष से बात करूंगा..."

इसी मुद्दे पर विपक्षी पार्टी जनता दल सेक्युलर (JDS) के नेता तथा पूर्व मुख्यमंत्री एच.डी. कुमारस्वामी ने कहा, "मुझे इस बात से कुछ लेना-देना नहीं है कि कौन किसकी फ़ोटो लगा रहा है, कौन हटा रहा है... मेरा ध्यान राज्य के ग़रीब परिवारों को बचाने में ज़्यादा है... सरकार जो कर रही है, वह शर्मनाक है..."

Advertisement

कर्नाटक में विनायक सावरकर को लेकर हो रहे विवादों में यह ताज़ातरीन है, जबकि अगले ही साल राज्य में फिर विधानसभा चुनाव होने तय हैं. दरअसल, सूबे की BJP सरकार वीर सावरकर के बारे में राज्यव्यापी जागरूकता अभियान चला रही है, जिसे एक कदम आगे ले जाते हुए उसने इस बार विधानसभा में सावरकर का पोर्ट्रेट लगा दिया है.

Advertisement

वीर सावरकर का संबंध बेलगावी से भी रहा है, जो कर्नाटक तथा पड़ोसी महाराष्ट्र के बीच जारी सीमा विवाद का केंद्र है. वर्ष 1950 में सावरकर को बेलगावी स्थित हिन्डालगा केंद्रीय कारागार में चार महीने के लिए सावधानीवश हिरासत में रखा गया था. उस वक्त उनकी गिरफ़्तारी के आदेश मुंबई से जरी हुए थे, और उन्हें बेलगावी पहुंचते ही गिरफ़्तार कर लिया गया था. उस समय पाकिस्तान के पहले प्रधानमंत्री बने लियाक़त अली ख़ान के दिल्ली दौरे का विरोध करने से रोकने के लिए सावरकर को सावधानीवश हिरासत में रखा गया था.

Advertisement

सावरकर की रिहाई उनके परिवार द्वारा याचिका दायर किए जाने के बाद की गई थी. उन्होंने बॉम्बे हाईकोर्ट में एक शपथपत्र (एफिडेविट) भी दाखिल किया था, जिसमें उन्होंने राजनैतिक गतिविधियों से दूर रहने का वादा किया था.

Advertisement

अगले साल होने जा रहे विधानसभा चुनाव से पहले होने वाला बसवराज बोम्मई के नेतृत्व वाली BJP सरकार का अंतिम शीतकालीन सत्र भी बेलगावी में ही हो रहा है. 10-दिवसीय सत्र में भी सीमा विवाद के छाए रहने की संभावना है. इसी संदर्भ में जिला प्रशासन ने महाराष्ट्र से शिवसेना के लोकसभा सांसद धैर्यशील माने के बेलगावी में प्रवेश पर पाबंदी लगा दी है.

--- ये भी पढ़ें ---
* "बिलावल का बिलबिलाना...", आतंकवाद के मुद्दे को लेकर पाकिस्तान पर बरसे अनुराग ठाकुर
* "अपनी बेटी के साथ देखें फिल्म..." : MP स्पीकर ने 'पठान' विवाद पर SRK को दी चुनौती
* देखें VIDEO: घने कोहरे में लिपटा दिल्ली-NCR, विज़िबिलिटी घटने से धीमी हुई रफ़्तार

Featured Video Of The Day
Yogi Adityanath ने की Abu Azmi का इलाज करवाने की बात तो नाराज हुए Akhilesh Yadav | Metro Nation @10
Topics mentioned in this article