भीमा कोरेगांव हिंसा मामला : गौतम नवलखा को SC से बड़ी राहत, जेल से निकालकर हाउस अरेस्ट के आदेश

सुप्रीम कोर्ट ने नवलखा पर कई शर्ते भी लगाईं है. हाउस अरेस्ट के दौरान उनके पास किसी तरह का कोई संचार उपकरण यानी कोई लैपटॉप, मोबाइल, कंप्यूटर आदि कुछ नहीं होगा.

विज्ञापन
Read Time: 19 mins
NIA की ओर से SG तुषार मेहता ने हाउस अरेस्ट का विरोध किया था.
नई दिल्ली:

भीमा कोरेगांव हिंसा मामले में आरोपी गौतम नवलखा को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है. सुप्रीम कोर्ट ने एक महीने के लिए नवलखा को तलोजा जेल से  निकालकर नवी मुंबई में हाउस अरेस्ट के आदेश दिए हैं. सुप्रीम कोर्ट ने नवलखा पर शर्ते भी लगाईं हैं और कहा है कि हाउस अरेस्ट के दौरान किसी तरह का कोई संचार उपकरण यानी कोई लैपटॉप, मोबाइल, कंप्यूटर आदि कुछ नहीं होगा. इस दौरान वो किसी भी अवैध गतिविधि में शामिल नहीं होंगे. ना ही मीडिया से बात करेंगे, साथ ही मामले से जुड़े लोगों और गवाहों से भी बात नहीं करेंगे.

कोर्ट ने नवलखा की पार्टनर सहबा हुसैन को साथ रहने की इजाजत दी है. नवलखा पुलिस अधिकारियों की ओर से उपलब्ध कराए गए मोबाइल फोन से रोज पांच मिनट तक घर वालों से बात कर सकेंगे. पुलिस अधिकारी निगरानी और फोन कॉल का रिकॉर्ड रख सकेंगे. जस्टिस केएम जोसफ और जस्टिस हृषिकेश रॉय की पीठ ने आदेश दिया कि खर्चे का ड्राफ्ट पुलिस कमिश्नर के दफ्तर में जमा करना होगा.

ये भी पढ़ें- "वादों को नहीं किया पूरा...": MCD चुनाव से पहले आप नेता आतिशी का BJP पर हमला

Advertisement

बुधवार को सुप्रीम कोर्ट ने संकेत दिया था कि वो नवलखा को हाउस अरेस्ट में रखने के पक्ष में है. सुप्रीम कोर्ट ने NIA को गुरुवार को यह बताने के लिए कहा है कि अगर उन्हें जेल से बाहर घर में नजरबंद रखने की अनुमति दी जाती है तो  एजेंसी नवलखा पर किस तरह के प्रतिबंध चाहती है.  इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने नवलखा को तुरंत मुंबई के जसलोक अस्पताल में भर्ती कराने के आदेश दिए थे. जस्टिस के एम जोसेफ और जस्टिस ह्रषिकेश रॉय की बेंच ने कहा था कि हम इस विचार से हैं कि नवलखा एक विचाराधीन कैदी हैं. उनका भी स्वास्थ्य का अधिकार है. इसलिए तलोजा जेल के सुपरीटेंडेंट को आदेश देते हैं कि वो नवलखा को उनकी पसंद के जसलोक अस्पताल ले जाएं. हम अभी इस मामले में हाउस अरेस्ट के बड़े मुद्दे पर विचार नहीं कर रहे हैं.

Advertisement

NIA की ओर से SG तुषार मेहता ने हाउस अरेस्ट का विरोध किया था और कहा था कि वो मामले के इलेक्ट्रॉनिक्स सबूतों को मिटाना चाहते हैं.  उनको हाउस अरेस्ट की इजाजत ना मिले.  वहीं नवलखा की ओर से कपिल सिब्बल ने कहा था कि अगर नवलखा मुंबई में अपनी बहन के घर रहते हैं तो इसमें देश की सुरक्षा को क्या खतरा है. उनको बीमारी है और कोलोनोस्कॉपी के लिए तीन दिन के उपवास की जरूरत है. 

Advertisement
Featured Video Of The Day
Russia Ukraine War Explained: Trump की ताजपोशी से पहले क्यों मची होड़
Topics mentioned in this article