महिलाओं के जिम में पुरुष प्रशिक्षक क्यों? हाई कोर्ट ने जताई चिंता, ट्रेनर पर गंदी वीडियो बनाने के आरोप

हाई कोर्ट ने अपने आदेश में कहा, 'यह चिंताजनक है कि वर्तमान समय में महिलाओं को पुरुष प्रशिक्षक ट्रेनिंग दे रहे हैं, लेकिन उनकी सुरक्षा और सम्मान के लिए कोई ठोस प्रावधान नहीं है.'

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  • मेरठ के एक पुरुष जिम ट्रेनर नितिन सैनी पर महिला की आपत्तिजनक वीडियो बनाने और जातिसूचक टिप्पणी का आरोप लगा है.
  • इलाहाबाद हाई कोर्ट ने महिलाओं की सुरक्षा के अभाव को गंभीर चिंता का विषय बताते हुए अहम टिप्पणी की है.
  • इलाहाबाद हाई कोर्ट ने सुरक्षा उपायों पर जोर दिया है, इस मामले की अगली सुनवाई आठ सितंबर को होने वाली है.
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जिम में महिला और पुरुष, दोनों का जाना, एक्‍सरसाइज करना आम बात है. ज्‍यादातर जिम में महिलाओं के लिए महिला ट्रेनर की उपलब्‍धता नहीं होती. और ऐसे में महिलाओं के साथ दुर्व्‍यवहार की खबरें भी आती रहती हैं. एक ऐसे ही मामले में मेरठ के पुरुष जिम ट्रेनर पर जिम में महिला की आपत्तिजनक वीडियो बनाने के आरोप लगे हैं, जिसकी सुनवाई इलाहाबाद हाई कोर्ट कर रहा है. सोमवार को इस मामले में सुनवाई करते हुए इलाहाबाद हाई कोर्ट ने महिलाओं की सुरक्षा को लेकर अहम टिप्पणी की. कोर्ट ने कहा कि बिना पर्याप्त सुरक्षा उपायों के महिलाओं को पुरुष जिम प्रशिक्षकों से ट्रेनिंग दिलाना गंभीर चिंता का विषय है.

जिम ट्रेनर ने चुपके से बना लिया वीडियो! 

जस्टिस शेखर कुमार यादव ने मेरठ के एक जिम ट्रेनर नितिन सैनी की अपील पर सुनवाई करते हुए ये टिप्‍पणी की. सैनी पर एक महिला ग्राहक ने जातिसूचक टिप्पणी करने और दूसरी महिला का अश्लील वीडियो बनाकर उसे भेजने जैसे गंभीर आरोप लगाए हैं.

पीड़िता का आरोप है कि ट्रेनर नितिन सैनी ने जिम में आने वाली एक महिला की गुप्त रूप से आपत्तिजनक वीडियो रिकॉर्ड किए और बाद में अश्लील सामग्री भी भेजता रहा. अदालत ने कहा कि इन आरोपों पर आईपीसी की धारा 354 (महिला की गरिमा भंग करना) और 504 (जानबूझकर अपमान कर शांति भंग करना) जैसी धाराएं लागू हो सकती हैं.

कोर्ट ने पुलिस से मांगे कई सवालों के जवाब 

हाई कोर्ट ने अपने आदेश में कहा, 'यह चिंताजनक है कि वर्तमान समय में महिलाओं को पुरुष प्रशिक्षक ट्रेनिंग दे रहे हैं, लेकिन उनकी सुरक्षा और सम्मान के लिए कोई ठोस प्रावधान नहीं है.' इसके साथ ही अदालत ने मेरठ के ब्रह्मपुरी थाना पुलिस से कई बिंदुओं पर जवाब मांगा है:

  • क्या संबंधित जिम कानून के तहत पंजीकृत है?
  • क्या अपीलकर्ता को इस मामले में गिरफ्तार किया गया है?
  • क्या उस जिम में महिला प्रशिक्षक मौजूद हैं या नहीं?

इस मामले की अगली सुनवाई 8 सितंबर को होगी.

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