Yoga Poses For Kids: योग, आसन और उसके फायदे अब दुनियाभर में मशहूर हो चुके हैं. सेहत को लेकर जागरूकता बढ़ने के साथ ही योग और आसन को लोग अपने डेली रूटीन में जगह देने लगे हैं. हालांकि, ज्यादा उम्र हो जाने की वजह से कई बार लोगों को योगासनों का अभ्यास करने में मुश्किलों का सामना करना पड़ता है. इसलिए कहा जाता है कि सेहत के लिए बेहद फायदेमंद इस योग और आसनों को करने की आदत बचपन से डाल लेनी चाहिए. क्योंकि छोटे बच्चों में अच्छी आदत लगना आसान होता है. साथ ही उनके शरीर का लचीलापन योगासनों को सटीक तरीके से करने में मददगार भी होता है. आइए, जानते हैं कि बच्चों को लिए कौन से 10 योगासन करने में आसान हैं और उनसे ढेर सारे फायदे भी होते हैं.
बच्चों के लिए 10 आसान योगासन (10 Easy Yoga Poses for Kids)
वीरभद्रासन एक - खड़े होकर किए जाने वाले वीरभद्रासन एक के कई फायदे हैं. इनमें छाती, फेफड़ों, कंधे, गर्दन, पेट वगैरह में लचीलापन बढ़ना शामिल है. इस आसन को नियमित करने से कंधों, बाज़ुओं और पीठ की मांसपेशियां मजबूत होती है. जांघों, पिंडली और टखने ताकतवर होते हैं. अगर किसी को साइटिका हो तो उसे फौरन राहत मिलता है.
वीरभद्रासन दो - खड़े होकर ही किए जाने वाले वीरभद्रासन दो को नियमित तौर पर करने से पीठ दर्द से छुटकारा मिलता है. हिप्स के मसल्स बढ़ते हैं. ब्लड सर्कुलेशन तेज होता है. अंदरुनी अंगों को ताकत मिलती है और पेट का मसाज हो जाता है.
बद्ध पद्मासन - बद्ध पद्म आसन का अभ्यास ढेर सारे लाभ देता है. यह आसन पाचन तंत्र और डायबिटीज के अलावा घुटने, कंधे, बांह और पीठ समेत कई अंगों के दर्द को कंट्रोल करने में मदद करता है.
वज्रासन - वज्रासन बैठकर किया जाने वाला योग आसन है. बच्चों को इसके कई फायदे हैं. वज्रासन हॉर्मोन बैलेंस करने, स्लीपिंग पैटर्न और डाइजेशन सिस्टम सुधारने, नर्वस सिस्टम और मेटाबॉलिज्म वगैरह को ठीक करने में रामबाण जैसा असर करता है.
सुप्त वज्रासन - वज्रासन में पीछे लेट जाने की प्रक्रिया को जोड़ने से सुप्त वज्रासन हो जाता है. इसको नियमित करने से अपच, गैस और डकार जैसी गैस्ट्रिक समस्याएं दूर होती हैं. फेफड़ों की मांसपेशियों को मजबूत मिलती है. इससे अस्थमा और ब्रोंकाइटिस के मरीजों को राहत मिलती है. इसका अभ्यास रीढ़ और कूल्हे के लचीलेपन को बढ़ाने और जांघ की मांसपेशियों को मजबूत करता है.
उष्ट्रासन ( कैमल पोज) - शरीर को लचीला बनाने में सबसे ज्यादा असरदार उष्ट्रासन या कैमल पोज को ही माना जाता है. ऊंट के आकार की तरह पोज बनाने से कमर के निचले हिस्से में दर्द कम होता है. इस आसन को रेगुलर करने से थकान और चिंता खत्म होता है. साथ ही फेफड़ों को ताकत मिलती है.
धनुरासन - पीठ को टोन करने यानी शेप में लाने के लिए धनुरासन के अभ्यास की सलाह दी जाती है. इस आसन की नियमित प्रैक्टिस रीढ़ की हड्डी को लचीला बनाता है. छाती को फैलाकर पुष्ट करता है. सांस की प्रक्रिया रिदम में आती है. गर्दन का खिंचाव कम होता है. पैरों की मांसपेशियों को आराम पहुंचाता है.
भेकासन - भेकासन यानी मेढ़क की तरह मुद्रा बनाने से पूरे शरीर के लचीलापन बेहतर होता है. जांघों की मांसपेशियां मजबूत होती है. पीठ, गर्दन और कंधों के दर्द में राहत मिलती है.
कुर्मासन - रीढ़ की हड्डी को लंबा और अलाइन करने में कुर्म आसन यानी कछुए की तरह पोज बनाना एक मददगार फिजिकल एक्सरसाइज है. यह आसन करने से पीठ का तनाव और कठोरता कम होता है. यह कूल्हों, हैमस्ट्रिंग और कंधों के जोड़ों के लचीलेपन को भी बढ़ा सकता है. साइटिका के सूजन और दर्द को यह आसन कम कर देता है.
भुजपीडासन - रोजाना तय समय पर लगातार भुजपीडासन करने से कलाइयों और भुजाओं को मजबूत करने में मदद मिलती है.
बच्चों में एकाग्रता बढ़ाएंगे ये 5 योगासन | Yoga Poses To Improve Focus, Concentration
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(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)