World Sight Day: क्या आपको धुंधला दिखने लगा है? रात में गाड़ी चलाते समय रोशनी चुभती है या पढ़ते समय अक्षर साफ नहीं दिखते? अगर हां, तो ये संकेत हो सकते हैं मोतियाबिंद के. यह एक ऐसी आंखों की बीमारी है जो उम्र के साथ लगभग हर किसी को होती है. लेकिन, क्या आप जानते हैं कि इसके पीछे एक खास वजह है, आंखों में प्रोटीन का बनना या टूटना. आई7 ग्रुप ऑफ आई हॉस्पिटल के डायरेक्टर डॉ. राहिल चौधरी ने एनडीटीवी को बताया कि मोतियाबिंद तब होता है जब आंख के लेंस में मौजूद प्रोटीन आपस में चिपकने लगते हैं या टूटकर गुच्छे बना लेते हैं. इससे लेंस धुंधला हो जाता है और रोशनी रेटिना तक नहीं पहुंच पाती. आइए आसान भाषा में समझते हैं कि ये बीमारी कैसे होती है, इसके लक्षण क्या हैं और इससे कैसे बचा जा सकता है.
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आंख में बादल लगना या मोतियाबिंद क्या है? (What is Cataract?
हमारी आंख में एक पारदर्शी लेंस होता है जो कैमरे के लेंस की तरह काम करता है. यह लेंस रोशनी को रेटिना तक पहुंचाता है जिससे हम चीजों को साफ देख पाते हैं. जब इस लेंस में मौजूद प्रोटीन टूटकर आपस में चिपकने लगते हैं, तो लेंस धुंधला हो जाता है. यही स्थिति मोतियाबिंद कहलाती है.
कैसे बनता है आंखों में प्रोटीन?
उम्र बढ़ने पर शरीर में कई बदलाव होते हैं, जिनमें आंखों का लेंस भी शामिल है. लेंस में मौजूद प्रोटीन धीरे-धीरे डैमेज होने लगते हैं. ये प्रोटीन गुच्छों में बदल जाते हैं और लेंस की पारदर्शिता खत्म कर देते हैं. इससे रोशनी अंदर नहीं जा पाती और नजर कमजोर हो जाती है.
हर किसी को क्यों होता है ये बीमारी?
60 साल की उम्र के बाद मोतियाबिंद होना आम बात है. यह एक प्राकृतिक प्रक्रिया है, जैसे बाल सफेद होना या त्वचा पर झुर्रियां आना. हालांकि कुछ मामलों में यह जल्दी भी हो सकता है, जैसे डायबिटीज के मरीजों में, UV किरणों के ज्यादा संपर्क में आने पर, स्टेरॉइड्स का लंबे समय तक सेवन करने पर, आंख में चोट लगने पर.
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मोतियाबिंद के लक्षण (Cataract Symptoms)
- धुंधला दिखना
- चमकदार रोशनी से परेशानी
- रात में देखने में दिक्कत
- रंग फीके दिखना
- चश्मे का नंबर बार-बार बदलना
- दोहरी चीजें दिखना
मोतियाबिंद का इलाज क्या है?
मोतियाबिंद का सबसे प्रभावी इलाज सर्जरी है. इसमें धुंधला लेंस हटाकर एक नया कृत्रिम लेंस लगाया जाता है. यह प्रक्रिया सुरक्षित और आम है और इससे नजर फिर से साफ हो जाती है.
मोतियाबिंद एक ऐसी बीमारी है जो उम्र के साथ लगभग हर किसी को होती है. इसका कारण आंखों में प्रोटीन का टूटना और चिपकना है, जिससे लेंस धुंधला हो जाता है. हालांकि यह एक आम समस्या है, लेकिन समय पर पहचान और इलाज से नजर को बचाया जा सकता है.
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(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)