फेफड़ों में कैसर होने के 5 बड़े कारण, सिर्फ स्मोकिंग करने से ही नहीं होता लंग कैंसर

Causes Of Lung Cancer: लंग कैंसर के कारण कई हैं और इन पर ध्यान देना जरूरी है. फेफड़ों के कैंसर की पहचान और इससे बचाव के उपाय करने के लिए सबसे पहले इस कैंसर के कारणों के बारे में पता होना जरूरी है.

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Lung Cancer Causes: फेफड़ों का कैंसर एक गंभीर और घातक बीमारी है

World Lung Cancer Day: फेफड़े का कैंसर सबसे आम कैंसर है और दुनिया भर में कैंसर से होने वाली मौतों का प्रमुख कारण है. हर साल लगभग 1.6 मिलियन लोग इस कैंसर से  जिंदगी हार जाते हैं. फेफड़े के कैंसर का मुख्य कारण तम्बाकू धूम्रपान है, लेकिन यह उन लोगों में भी हो सकता है जिन्होंने कभी धूम्रपान नहीं किया है. शोध का दावा है कि फेफड़े के कैंसर के 15 प्रतिशत रोगियों का तंबाकू सेवन का कोई इतिहास नहीं है. धूम्रपान न करने वालों में फेफड़े के कैंसर के सबसे आम कारण वायु प्रदूषण, दोनों बाहरी और आंतरिक, निष्क्रिय धूम्रपान, एस्बेस्टस के संपर्क में आना, रेडॉन गैस, धुएं और आनुवंशिक प्रवृत्ति हैं. फेफड़ों का कैंसर एक गंभीर और घातक बीमारी है, जो हर साल लाखों लोगों की जान लेती है. यह बीमारी फेफड़ों की कोशिकाओं में असामान्य वृद्धि के कारण होती है. फेफड़ों के कैंसर के कई कारण हो सकते हैं, जिनमें से पांच के बारे में यहां जानिए.

फेफड़ों के कैंसर के मुख्य कारण | Causes of Lung Cancer

1. धूम्रपान

धूम्रपान फेफड़ों के कैंसर का सबसे बड़ा और सबसे सामान्य कारण है. सिगरेट, बीड़ी, सिगार और हुक्का के धुएं में मौजूद तंबाकू के पदार्थ फेफड़ों की कोशिकाओं को नुकसान पहुंचाते हैं और कैंसर का जोखिम बढ़ाते हैं. लंबे समय तक धूम्रपान करने वाले व्यक्तियों में फेफड़ों के कैंसर का खतरा कई गुना बढ़ जाता है.

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2. सेकेंड हैंड स्मोकिंग

जो लोग खुद धूम्रपान नहीं करते, लेकिन धूम्रपान करने वालों के पास रहते हैं और उनके धुएं में सांस लेते हैं, उन्हें परोक्ष धूम्रपान का शिकार माना जाता है. सेकेंड हैंड धूम्रपान भी फेफड़ों के कैंसर का एक प्रमुख कारण है, क्योंकि इसमें उपस्थित हानिकारक रसायन नॉन-स्मोकर्स के फेफड़ों को भी प्रभावित करते हैं.

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3. प्रदूषण

कारखानों, कंस्ट्रक्शन साइट और अन्य इंडस्ट्रियल एरिया में काम करने वाले लोग, जो कई रसायनिक पदार्थों और प्रदूषकों के संपर्क में रहते हैं, उन्हें भी फेफड़ों के कैंसर का खतरा हो सकता है. एस्बेस्टस, आर्सेनिक और रेडॉन जैसी विषैली गैसें और रसायन फेफड़ों को डैमेज कर सकते हैं.

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4. वायु प्रदूषण

शहरी और इंडस्ट्रियल एरिया में बढ़ते वायु प्रदूषण के कारण भी फेफड़ों के कैंसर का खतरा बढ़ता है. प्रदूषित हवा में हानिकारक तत्व जैसे कार्बन मोनोऑक्साइड, सल्फर डाइऑक्साइड और अन्य विषैले पदार्थ फेफड़ों की कोशिकाओं को नुकसान पहुंचा सकते हैं और कैंसर की संभावना को बढ़ा सकते हैं.

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5. पारिवारिक इतिहास और आनुवंशिकता

कुछ मामलों में फेफड़ों के कैंसर का कारण आनुवंशिक हो सकता है, जिन लोगों के परिवार में पहले से फेफड़ों के कैंसर के मामले होते हैं, उन्हें भी इस बीमारी का खतरा होता है. यह आनुवंशिक प्रवृत्तियां और कमजोर इम्यून सिस्टम के कारण हो सकता है.

फेफड़ों के कैंसर का इलाज संभव है, लेकिन इसके लिए शीघ्र पहचान और उपचार की जरूरत होती है. हेल्दी लाइफस्टाइल अपनाना, धूम्रपान छोड़ना और प्रदूषण से बचाव करना इस बीमारी के जोखिम को कम करने के जरूरी स्टेप हैं.

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(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)

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