लड़कियों की शादी की न्यूनतम उम्र 18 हो या 21 ये बहस का विषय हो सकता है. लेकिन विज्ञान के नियम और तौर तरीके तय हैं. इन तौर तरीकों की मानें तो लड़कियों की शादी और उसके बाद फैमिली प्लानिंग से जुड़े सही फैसले कई मायने रखते हैं. लड़कियों के शरीर में साल दर साल आते हार्मोनल बदलाव ये तय करते हैं कि कब पहला बच्चा और फिर दूसरा बच्चा करने की सही उम्र है. दो या उससे ज्यादा बच्चों में गैप और होने वाले बच्चे के सेहतमंद होने की गुंजाइश काफी कुछ मां बनने वाली युवती की उम्र पर भी निर्भर करती है. इसलिए नियमों से आगे चलकर फैमिली प्लानिंग का सही समय समझ लेना भी बहुत जरूरी है.
लड़कियां तय करें कब करनी है शादी, लेकिन जरूर रखें इस बात का ध्यान
क्या है फैमिली प्लानिंग?
लड़कियों की उम्र को समझने से पहले फैमिली प्लानिंग का मतलब समझ लेना जरूरी है. आमतौर पर ये प्लानिंग पति और पत्नी दोनों मिलकर करते हैं. शादी के बाद पहला बच्चा कब चाहिए. बच्चों की संख्या कितनी होनी चाहिए. एक बच्चे से दूसरे बच्चे के जन्म के बीच कितना अंतर होगा. इस अंतर को साधने के लिए क्या क्या कोशिशें होंगी. मसलन, कॉन्ट्रासेप्टिव पिल्स ली जाए या कोई और तरीका इस्तेमाल किया जाए. ये सब फैमिली प्लानिंग का हिस्सा हैं.
पहले बच्चे के लिए सही उम्र
साइंस के अनुसार 25 से 35 साल के बीच महिलाओं में रिप्रोडक्शन सबसे उम्दा स्तर पर होता है. इस दौरान पहले और हो सके तो दोनों बच्चों की प्लानिंग कर ली जानी चाहिए. इस अनुसार माना जाए तो शादी की सही उम्र पच्चीस साल तक मानी जा सकती है. 35 साल के बाद प्रेग्नेंट होने वाली महिलाएं एडवांस मेटरनल एज वाली महिलाएं मानी जाती है. जिनकी प्रेगनेंसी में रिस्क भी हो सकता है.
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सेहत का सवाल
सही समय पर फैमिली प्लान करने से होने वाले बच्चे की सेहत से भी संशय खत्म होता है. कम उम्र में महिलाओं में बनने वाले एग्स भी सेहतमंद होते हैं. जबकि उम्र बढ़ने के साथ साथ एग्स की क्वालिटी भी कमजोर पड़ती है. एक्सपर्ट्स के मुताबिक ज्यादा उम्र में मां बनने वाली महिलाओं के बच्चों में डाउन सिंड्रोम जैसे रोगों का खतरा बढ़ जाता है.
लेट प्रेगनेंसी यानी ज्यादा कॉम्प्लिकेशन होना.
मां की सेहत को भी खतरा
लेट प्रेगनेंसी होने पर कंसीव करने वाली महिला की सेहत को भी खतरा होता है. लेट प्रेगनेंसी यानी ज्यादा कॉम्प्लिकेशन होना. इसलिए सही समय शादी कर फैमिली कंप्लीट करना ही फायदेमंद है. हालांकि जॉब्स के चलते अब कई युवतियां या महिलाएं सही उम्र से चूक जाती हैं. यही वजह है कि अब हाई रिस्क प्रेगनेंसी स्पेशलिस्ट की ज्यादा जरूरत पड़ने लगी है.
ऐसे तय करें सही समय
एडवांस होती तकनीक के साथ अब प्रेगनेंसी का सही समय जान लेना भी आसान हो गया है. Anti Mullerian Hormone टेस्ट के जरिए महिलाएं ये जान सकती हैं कि उन्हें प्रेग्नेंसी कब प्लान करनी चाहिए. ओवेरियन रिजर्व अगर कम है तो वो एग फ्रीज करवाकर प्रेग्नेंसी लेट भी कर सकती हैं. इन सुविधाओं के बावजूद डॉक्टर्स 25 से 35 की उम्र के बीच फैमिली को प्लान करने की सलाह देते हैं ताकि जच्चा और बच्चा दोनों स्वस्थ रहें.
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