Symptoms of Juvenile Diabetes: डायबिटीज (Diabetes) एक ऐसी बीमारी है जो इंसान को घुट घुटकर जीने पर मजबूर कर देती है. डायबिटीज में मरीज को अपनी लाइफस्टाइल (Lifestyle changes) और डाइट का खास ध्यान रखना पड़ता है. बच्चों को भी डायबिटीज (Diabetes In Kids) की बीमारी हो सकती है, अगर समय रहते इसकी पहचान कर ली जाए तो इस पर कुछ हद तक कंट्रोल किया जा सकता है. टाइप 1 डायबिटीज से शरीर के अंग या तंत्र डैमेज हो सकते हैं. अगर बच्चे इस बीमारी की चपेट में आ जाएं, तो उनकी जिंदगी काफी मुश्किल हो जाती है.
Types of Diabetes: डायबिटीज दो तरह की होती है, टाइप 1 और दूसरा टाइप 2 डायबिटीज. टाइप 1 डायबिटीज में शरीर में बिल्कुल भी इंसुलिन नहीं बनता है, टाइप 2 में शरीर में अपर्याप्त मात्रा में इंसुलिन का निर्माण होता है. बच्चों में जेनेटिक कारणों से टाइप 1 डायबिटीज हो सकती है. ऐसे बच्चों में कुछ शुरुआती लक्षण नजर आते हैं, जिन पर गौर पर उन्हें इस बीमारी की चपेट से कुछ हद तक बचाया जा सकता है. आइए जानते हैं कि बच्चों में डायबिटीज के लक्षण क्या होते हैं.
बच्चों को शुगर कब हो सकती है?
पहला सवाल तो यही उठकर आता है कि बच्चों को शुगर कब हो सकती है. ऐसे में यह समझना जरूरी है कि बच्चों का नॉमल शुगर लेवल क्या है और किस लेवल के शुगर को बच्चों में डायबिटीज माना जाएगा. तो अगर स्तर 200 mg/dL (11.1 mmol/L) या इससे ज़्यादा हो तो बच्चे को डायबिटीज से पीडित माना जाता है.
मुझे कैसे पता चलेगा कि मेरे बच्चे को हाई ब्लड शुगर है?
Baccho me diabetes ke lakshan: अब यह जानना जरूरी है कि मधुमेह के मुख्य लक्षण क्या हैं. आपको कैसे पता चलेगा कि आपके बच्चे को जुवेनाइल डायबिटीज है? तो सके लिए कुछ खास लक्षण हैं जिनके बारे में हम आपको बता रहे हैं. अगर आपके बच्चों में इस तरह के लक्षण दिखें तो आपको समझना चाहिए कि बच्चे को डायबिटीज है या हो सकती है. और आपको डॉक्टर से मिलना चाहिए.
बच्चों में टाइप 1 डायबिटीज के लक्षण | Diabetes in Children | Sign of type 1 diabetes in kids | Symptoms of Juvenile Diabetes
बिस्तर गीला करना
अकसर बच्चे बिस्तर में ही पेशाब कर देते हैं. जो बच्चे रात में सोते समय नींद में पेशाब नहीं करते थे, वो टाइप 1 डायबिटीज होने पर ऐसा करने लगते हैं. ऐसा बच्चों में हाई शुगर लेवल की वजह से होता है. अगर आपके बच्चे में अचानक ये लक्षण उभर रहे हों तो आपको सतर्क हो जाना चाहिए.
बार-बार पेशाब आना
टाइप 1 डायबिटीज में बच्चों को बार- बार पेशाब आता है.डायबिटीज में हाई शुगर लेवल की वजह से खून में टॉक्सिक तत्व घुल जाते हैं. फिर बॉडी अधिक शुगर को निकाल कर कंट्रोल में लाने की कोशिश करती है. इसके लिए किडनी ज्यादा पेशाब का निर्माण करती है और फिर मरीज को बार-बार पेशाब आने लगती है.
ज्यादा थकान होना
टाइप 1 डायबिटीज में बच्चे को थकान और कमजोरी फील होती है. कई बार डायबिटीज की वजह से बच्चे चिड़चिड़े, उदास या गुस्सा होने लगते हैं. ज्यादा थकान और कमजोरी टाइप 1 डायबिटीज के होने का संकेत हो सकता है. अगर बच्चा थोड़ी देर खेलने के बाद ही थक जाता है तो आपको सतर्क हो जाना चाहिए और डॉक्टर से मिलना चाहिए.
टाइप 1 डायबिटीज का इलाज
बॉडी में ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल में रखकर बच्चों को टाइप 1 डायबिटीज के खतरे से बचाया जा सकता है. अगर इस डायबिटीज के लक्षणों को समय पर पहचान कर इसका इलाज शुरू कर दें, तो इसे कंट्रोल करना आसान हो जाता है. आप बच्चों में इस तरह के लक्षण देख रहे हैं तो बिना देर किए डॉक्टर से संपर्क करें.
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(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)