बहुत लो कोलेस्ट्रॉल भी है खतरनाक, यहां जानिए कितना होना चाहिए बॉडी में कोलेस्ट्रॉल लेवल

Low Cholesterol Disadvantages: जब कोलेस्ट्रॉल लेवल बहुत कम हो जाता है, तो ये कई स्वास्थ्य समस्याओं को जन्म दे सकता है, जैसे कि ब्रेन फंक्शन का बिगड़ना, मूड रिलेटेड डिसऑर्डर और डिप्रेशर और यहां तक कि कैंसर सहित कुछ बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है.

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low cholesterol side effects: बहुत कम कोलेस्ट्रॉल लेवल के दुष्परिणाम भी हो सकते हैं.

Tips To Control Cholesterol: हाई कोलेस्ट्रॉल के बुरे प्रभावों के बारे में हममें से बहुत से लोग जानते हैं. कई लोग अपनी हार्ट हेल्थ की सुरक्षा के लिए हाई कोलेस्ट्रॉल लेवल को मैनेज करने और कम करने के उपाय कर रहे हैं. यह पहचानना जरूरी है कि बहुत कम कोलेस्ट्रॉल लेवल के दुष्परिणाम भी हो सकते हैं. कोलेस्ट्रॉल बॉडी की सही फंक्शनिंग के लिए जरूरी है, जिसमें हार्मोन और कोशिका झिल्ली को बनाना भी शामिल है. जब कोलेस्ट्रॉल लेवल बहुत कम हो जाता है, तो ये कई स्वास्थ्य समस्याओं को जन्म दे सकता है, जैसे कि ब्रेन फंक्शन का बिगड़ना, मूड रिलेटेड डिसऑर्डर और डिप्रेशर और यहां तक कि कैंसर सहित कुछ बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है. कोलेस्ट्रॉल लेवल में सही संतुलन बनाए रखना जरूरी है.

अंजलि मुखर्जी बैलेंस डाइट और हेल्दी कोलेस्ट्रॉल लेवल को बनाए रखने के बारे में बताती हैं. एक हालिया पोस्ट में उन्होंने इसके बारे में बताया कि हालांकि बढ़े हुए कोलेस्ट्रॉल लेवल के नेगेटिव साइड सबको पता हैं, लेकिन सवाल यह उठता है कि क्या लो कोलेस्ट्रॉल स्वास्थ्य समस्याओं को जन्म दे सकता है.

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कितना होना चाहिए कोलेस्ट्रॉल लेवल?

वह इस बात पर जोर देती हैं कि बहुत से लोगों को इस बात की जानकारी नहीं होगी कि लो कोलेस्ट्रॉल लेवल खासतौर से 120 मिलीग्राम प्रति डेसीलीटर से नीचे, अवसाद, चिंता, गहरी उदासी, मांसपेशियों में कमजोरी, लो विटामिन डी लेवल और बढ़े हुए जोखिम सहित कई स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकता है.

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कुछ लोगों को शायद इस बात का अहसास भी न हो कि वे इन लक्षणों का अनुभव कर रहे हैं. कोलेस्ट्रॉल लेवल को लगभग 160 से 190 मिलीग्राम प्रति डेसीलीटर के दायरे में बनाए रखना, साथ ही एलडीएल या खराब कोलेस्ट्रॉल को 100 (आमतौर पर लगभग 80 से 90 मिलीग्राम प्रति डेसीलीटर) से नीचे रखना, समग्र कल्याण के लिए महत्वपूर्ण माना जाता है.

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पढ़िए कोलेस्ट्रॉल को कंट्रोल करने के तरीके:

डाइट: हेल्दी फैट, हाई फाइबर वाले फू्ड्स और ओमेगा-3 फैटी एसिड चुनें. सेचुरेटेड और ट्रांस फैट का सेवन कम करें.

वजन: कोलेस्ट्रॉल लेवल में सुधार के लिए हेल्दी वेट बनाए रखें.

व्यायाम: हर हफ्ते कम से कम 150 मिनट तक रेगुलर फिजिकल एक्टिविटी करें.

धूम्रपान छोड़ें: धूम्रपान एचडीएल कोलेस्ट्रॉल को कम करता है और ब्लड वेसल्स को नुकसान पहुंचाता है.

शराब का सेवन कम करें: ट्राइग्लिसराइड्स को बढ़ाने से बचने के लिए कम मात्रा में शराब का सेवन करें.

दवा: कुछ मामलों में आपका डॉक्टर कोलेस्ट्रॉल कम करने वाली दवाएं लिख सकता है.

रेगुलर चेकअप: रेगुलर मेडिकल चेकअप के साथ कोलेस्ट्रॉल लेवल को भी चेक करते रहें.

स्ट्रेस मैनेजमेंट: ध्यान और योग जैसी तनाव कम करने वाली तकनीकों को फॉलो करें.

प्रोसेस्ड फूड्स को सीमित करें: बहुत ज्यादा प्रोसेस्ड विकल्पों की तुलना में साबुत, अनप्रोसेस्ड फूड्स को चुनें.

हाइड्रेशन: अच्छी तरह से हाइड्रेटेड रहें, जो कोलेस्ट्रॉल नियंत्रण में सहायता करता है.

प्रिस्क्रिप्शन दवा: अगर लाइफस्टाइल में बदलाव से भी काम न हो तो आपका डॉक्टर दवा लिख सकता है.

(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)

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