Pregnancy: पहली तिमाही में बहुत कुछ रिस्ट्रिक्टेड होता है. यात्रा न करें और व्यायाम करने से बचें क्योंकि इस अवधि में गर्भपात की दर 15 से 20 प्रतिशत तक होती है. चौथे महीने में सोनोग्राफी और जांच के बाद गर्भावस्था की प्रकृति के आधार पर यात्रा और हल्के व्यायाम की अनुमति है. अगर गर्भावस्था सेंसिटिव नेचर की है, तो पूर्ण आराम की सलाह दी जाती है. पिछले दो महीनों में ध्यान रखें और शारीरिक तनाव की मात्रा को सीमित करें.
गर्भवती माताओं की गर्भावस्था के बारे में कुछ शंकाएं:
महिलाओं को मिचली आने लगती है, इससे कैसे निपटा जा सकता है?
यह ज्यादातर पहली तिमाही में होता है, लाइफस्टाइल में मामूली बदलाव से मदद मिल सकती है. जैसे ही आप जागते हैं, उठने या अपने दांत ब्रश करने से पहले, एक ड्राई क्रेकर या बिस्किट लें और फिर आधे घंटे के लिए बिस्तर पर रहें. साथ ही हर दो घंटे में खाना खाएं और मसालेदार और ऑयली फूड से बचें.
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महिलाओं को कौन सी शारीरिक सावधानियां बरतनी चाहिए?
दुपहिया या ऑटो में यात्रा न करें और भारी सामान न उठाएं. अगर आपका प्लेसेंटा कम है, तो पूर्ण आराम की सलाह दी जाती है.
डाइट संबंधी सावधानियां क्या हैं?
डाइट में कोई रिस्ट्रिक्शन नहीं है. लोग कहते हैं कि पपीता और आम जैसी गर्म चीजें न खाएं क्योंकि इनसे गर्भपात हो सकता है, लेकिन चिकित्सकीय रूप से कहें तो, जब तक संयम है, तब तक आप सब कुछ खा सकते हैं. सुनिश्चित करें कि आप उबला हुआ पानी और बाहर से कच्ची सब्जियां या फल न खाएं पिएं, क्योंकि जब आप गर्भवती होती हैं तो पीलिया से मुकाबला करना कठिन होता है. साथ ही पर्याप्त दूध और फल लें.
व्यक्ति स्वयं को भावनात्मक रूप से कैसे तैयार करे?
अगर होने वाली मां को पता है कि क्या हो रहा है, और क्या उम्मीद करनी है, तो वह काफी तैयार है. अगर आप अपने शरीर को प्रभावित करने वाले परिवर्तनों और होने वाली सभी संभावनाओं को जानते हैं तो आप चिंतित नहीं होंगे. बस अच्छी तरह से अवगत रहें.
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मूड स्विंग होना आम बात है, इसे कैसे दूर किया जा सकता है?
मूड स्विंग्स होते हैं क्योंकि हार्मोनल परिवर्तन होना तय है. अगर आपका परिवेश सुखद और शांत है और सपोर्ट सिस्टम स्ट्रिंग है, तो आप इससे पार पा लेंगे.
कामकाजी महिलाओं में तनाव का खतरा अधिक होता है, वे इससे कैसे निपट सकती हैं और इसके क्या दुष्प्रभाव हो सकते हैं?
हम सभी ने सीखा है कि तनाव से कैसे निपटना है. जब तक कि यह आपके किसी करीबी को खोने जैसी किसी गंभीर चीज से संबंधित न हो.
अगर आपका पहले से ही एक बच्चा है, तो आप यह कैसे ध्यान रखें कि गर्भावस्था के दौरान और दूसरे बच्चे के जन्म के बाद भी वह उपेक्षित महसूस न करे?
बच्चों को पहले दिन से ही प्रेग्नेंसी के बारे में बताना होगा, ताकि वे भी इसके लिए उत्साहित हो सकें. सबसे जरूरी बात धैर्य रखना है. साथ ही कोशिश करें और उन पर बराबर ध्यान दें.
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बच्चे के जन्म के बाद पहले कुछ महीनों में बरती जाने वाली सावधानियां?
यह एक कठिन दौर होता है क्योंकि बच्चा ज्यादातर समय मां को जगाए रखता है और कई माताएं स्तनपान की समस्याओं से जूझती हैं. एक प्री पेरेंटल क्लास में हिस्सा लें जो स्तनपान से निपटने के तरीके और कुछ तेल लगाकर अपने स्तन को तैयार करने के बारे में सलाह देगी. साथ ही अच्छा खाएं क्योंकि आप बच्चे के साथ व्यस्त रहने वाले हैं.
(डॉ रिशमा पई मुंबई में जसलोक और लीलावती अस्पतालों से जुड़ी एक सलाहकार स्त्री रोग विशेषज्ञ हैं)
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