Protein खाना या प्रोटीन पीना क्या है बेहतर? एक्सपर्ट से जानें...

Protein Eating Or Drinking: न्यूट्रिशनिस्ट दीप्ति जैन आपको यह समझने में मदद करेंगी कि आपके प्रोटीन के सेवन का सही तरीका क्या है.

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Protein Eating Or Drinking: प्रोटीन के सेवन का सही तरीका क्या है.

Protein Eating Or Drinking: प्रोटीन एक आवश्यक मैक्रोन्यूट्रिएंट है जो (पानी के अलावा) हमारे शरीर का अधिकांश हिस्सा बनाता है. यह हमारी त्वचा, मांसपेशियों, हार्मोन, एंजाइम, हड्डियों, ब्लड आदि का निर्माण करता है. हालांकि, शरीर में मौजूद कार्बोहाइड्रेट और फैट जैसे अन्य मैक्रोन्यूट्रिएंट्स के अलग, हमारे शरीर में प्रोटीन को स्टोर करने के लिए कोई रिजर्व नहीं है. यह देखते हुए कि भारत में हमारी आबादी का एक बड़ा प्रतिशत शाकाहारी है, इस फैक्ट पर जोर दिया गया है कि हममें से बहुत से लोगों को अपनी डेली डाइट में पर्याप्त प्रोटीन नहीं मिलता है. और इसलिए यह सवाल आता है कि क्या आपको अपना प्रोटीन खाना चाहिए या प्रोटीन पीना चाहिए.

न्यूट्रिशनिस्ट दीप्ति जैन आपको यह समझने में मदद करेंगी कि आपके प्रोटीन के सेवन का सही तरीका क्या है. प्रोटीन के लिए वयस्क आरडीए 0.8-1 ग्राम प्रोटीन प्रति किलोग्राम वजन है, यह इस पर भी निर्भर करता है कि आप अपनी दिनचर्या में किस प्रकार की शारीरिक गतिविधियां करते हैं. एक 65 किलोग्राम वजन वाले वयस्क को प्रतिदिन लगभग 52-65 ग्राम प्रोटीन की आवश्यकता होगी. अधिकांश नॉनवेजिटेरियन लोगों के लिए, यह मसला नहीं है क्योंकि औसतन नॉनवेजिटेरियन डाइट मुख्य रूप से शरीर में प्रोटीन की आवश्यकता को पूरा करती है, जिसे फुल प्रोटीन भी कहा जाता है क्योंकि इनमें नौ प्रकार के अमीनो एसिड होते हैं जिन्हें हमारा शरीर अपने आप पैदा नहीं कर सकता है. 

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वेजिटेरियन के लिए, डेयरी प्रोडक्ट, टोफू, क्विनोआ, या फूड कॉम्बिनेशन जैसे दाल चावल, हम्मस और पिटा ब्रेड आदि को फुल प्रोटीन के रूप में बांटा जा सकता है. जबकि प्रोटीन पाउडर/शेक में विटामिन और खनिज शामिल होते हैं, नेचुरल सोर्स के फूड के सेवन में विटामिन, खनिज, एंटीऑक्सिडेंट और फाइबर होते हैं, यह सुनिश्चित करते हुए कि आप मील से सेटिस्फाइंग हैं/भरा हुआ महसूस करते हैं. आम तौर पर हमारे दिमाग को यह संकेत देने में लगभग 20-30 मिनट का समय लगता है कि खाने से हमारा पेट भर गया है. इसलिए, केवल प्रोटीन शेक आपको पेट भरे होने का एहसास नहीं देगा क्योंकि यह जल्दी कंज्यूम हो जाता है.

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हार्ट संबंधी कुछ समस्याएं हैं, तो किसी एक्सपर्ट से सलाह लेने के बाद ही प्रोटीन पाउडर का सेवन करना चाहिए. Image Credit: iStock

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प्रोटीन खाने से प्रोटीन शेक के कुछ दुष्प्रभाव, जैसे मतली, सिरदर्द, सूजन आदि भी कम हो सकती हैं. इसलिए अपने प्रोटीन पाउडर को किसी अच्छे ब्रांड से चुनना या घर पर खुद का प्रोटीन पाउडर बनाना आवश्यक है. यह भी ध्यान दिया जाना चाहिए कि जो लोग वजन घटाने के लिए डाइट करते हैं वो प्रोटीन शेक का उपयोग ज्यादा करते हैं, लेकिन केवल फूड के बजाय ड्रिंक पर निर्भर रहना बुद्धिमानी वाला ऑप्शन नहीं है. जैसे ही आप सामान्य रूप से खाना शुरू करेंगे, सभी बेनिफिट्स और रिजल्ट लूज कर देंगे. इसलिए, हेल्दी बैलेंस डाइट पर टिके रहना बेहतर है जहां आप हर चीज का सेवन सीमित तरीके से करते हैं.

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हालांकि, इसका मतलब यह नहीं है कि प्रोटीन पाउडर की अपनी जगह नहीं है. समझने वाली पहली बात यह है कि प्रोटीन पाउडर वास्तव में स्पलीमेंट हैं. यही कारण है कि वे वास्तव में रेगुलर मील को रिप्लेस करने के लिए नहीं हैं. उन व्यक्तियों के लिए जो कड़ी मेहनत करते हैं या पेशेवर बॉडीबिल्डर या एथलीट हैं, उनका डेली प्रोटीन इनटेक प्रति किलो वजन 1.6-2.2 ग्राम प्रोटीन तक बढ़ सकता है. ये प्रोटीन सप्लीमेंट बहुत अच्छे हो सकते हैं क्योंकि उन्हें औसत व्यक्ति की तुलना में बहुत अधिक प्रोटीन सेवन की आवश्यकता होती है, और मील की उतनी मात्रा का उपभोग करना हमेशा आसान नहीं होता है जो आपकी डेली आवश्यकता को पूरा कर सके. लेकिन ध्यान रखें कि यदि आप किडनी या लीवर की समस्याओं से पीड़ित हैं, हाई यूरिक एसिड है या हार्ट संबंधी कुछ समस्याएं हैं, तो किसी एक्सपर्ट से सलाह लेने के बाद ही प्रोटीन पाउडर का सेवन करना चाहिए.

राइटर के बारे में: दीप्ति जैन Chicnutrix में न्यूट्रिशनिस्ट हैं.

(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)

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