हाई कोलेस्ट्रॉल लेवल को हार्ट से जुड़ी बीमारियों का एक प्रमुख कारण माना जाता है. अगर आप सोच रहे हैं कि सिर्फ सर्दियों में ही कोलेस्ट्रॉल बढ़ने का खतरा होता है तो आप गलत हैं. गर्मी के मौसम में भी यह आपको परेशान कर सकता है. आहार में बदलाव और कुछ फलों और दूसरे फूड आइटम्स के नियमित सेवन से कोलेस्ट्रॉल के लेवल को कम करने में मदद मिल सकती है. इससे आपका स्वास्थ्य भी बेहतर होगा और दिल की बीमारियों का खतरा भी कम होगा. ऐसे में यहां हम आपको ऐसे ही फूड आइटम्स के बारे में बताने जा रहे हैं जिनका आप सेवन कर सकते हैं.
1. स्ट्रॉबेरी और सेब
कोलेस्ट्रॉल के लेवल को कम करने में स्ट्रॉबेरी और सेब काफी उपयोगी है. स्ट्रॉबेरी जहां एंटीऑक्सीडेंट का समृद्ध स्रोत है तो सेब में फाइबर पेक्टिन होते हैं. हृदय रोगियों को अपने आहार में स्ट्रॉबेरी और सेब दोनों फलों को शामिल करना चाहिए. आप अपने नाश्ते में स्ट्रॉबेरी और सेब का सेवन कर सकते हैं. ये आपकी हार्ट हेल्थ के लिए काफी फायदेमंद साबित हो सकता है.
2. एवोकाडो
एवोकाडो विटामिन K, C, B5, B6, E और मोनोअनसैचुरेटेड फैट जैसे एंटीऑक्सीडेंट का एक समृद्ध स्रोत हैं. ये हृदय को स्वस्थ रखने और स्ट्रोक के जोखिम को कम करने में मदद करते हैं. एवोकैडो एलडीएल और एचडीएल कोलेस्ट्रॉल के स्तर के साथ-साथ ब्लड ट्राइग्लिसराइड्स को भी कंट्रोल कर सकता है.
3. खट्टे फल
नींबू, संतरे और अंगूर जैसे खट्टे फल भी आपके कोलेस्ट्रॉल के लेवल को कंट्रोल करने में मददगार साबित हो सकते हैं. खट्टे फलों में हेस्परिडिन होता है, जो हाइपरटेंशन के लक्षणों को कम कर सकता है. ये फल वजन को नियंत्रित करने में भी मदद करते हैं, जिसे हृदय रोगों के पीछे एक और कारण बताया जाता है.
4. पपीता
फाइबर युक्त फल पपीता रक्तचाप को नियंत्रित करने में मदद करता है और रक्त में अनहेल्दी (LDL) कोलेस्ट्रॉल के लेवल को भी कंट्रोल करता है. एक बड़े फल (लगभग 780 ग्राम) में लगभग 13 से 14 ग्राम फाइबर होता है, जो एक अच्छी मात्रा है.
5. एप्रीकॉट
यह फल फाइबर का अच्छा स्रोत है. एप्रीकॉट में मौजूद बीटा-कैरोटीन LDL यानी बैड कोलेस्ट्रॉल को धमनियों को बंद करने से रोकने में मदद करता है. अगर आपको ताजा एप्रीकॉट नहीं मिल रहा है, तो आप सूखे एप्रिकॉट भी खा सकते हैं.
6. ओट्स
फलों के अलावा आप ओट्स भी खा सकते हैं. कोलेस्ट्रॉल के लेवल को कम करने वाले पोषक तत्वों में से एक फाइबर है जो ओट्स में भरपूर मात्रा में होता है. ओट्स में घुलनशील फाइबर होते हैं जो जैल बनाते हैं और कोलन में बैक्टीरिया द्वारा आसानी से पच जाते हैं. ओट्स गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल ट्रैक्ट में बाइल एसिड के साथ बाइंड होकर कोलेस्ट्रॉल को कम करता है और इस तरह खराब कोलेस्ट्रॉल के लेवल को कम करके हृदय रोग से बचाने में मदद कर सकता है.
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