बिहार में विरोध प्रदर्शन करते युवा
केंद्र सरकार (Central Government) की सेना में भर्ती के लिए लायी गई अग्निपथ स्कीम (Agneepath Scheme) का पूरे देश में विरोध प्रदर्शन शुरू हो गया है. युवाओं ने सरकार पर उन्हें मूर्ख बनाने का आरोप लगाया है. उन्होंने कई जगह रेल रोके तो कई जगहों पर सड़क जाम कर विरोध जताया.
- बिहार के कई शहरों में युवाओं ने सड़कों पर उतरकर विरोध प्रदर्शन किया. बक्सर में सेना की बहाली की तैयारी करने वाले छात्र प्रदर्शन के दौरान भड़क गये और रेल ट्रैक जाम कर दिया. युवाओं ने दिल्ली-हावड़ा रूट पर बक्सर स्टेशन पर जनशताब्दी एक्सप्रेस को रोक दिया.
- मुजफ्फरपुर (Muzaffarpur)में प्रदर्शनकारी युवाओं ने नेशनल हाईवे-28 को जाम कर दिया. युवाओं ने रेलवे स्टेशन के पास चक्कर चौक पर जमकर हंगामा किया और आग जलाकर रोड जाम कर दिया. यहां से करीब आधा किलोमीटर की दूरी पर चक्कर मैदान है, जहां सेना की बहाली होती है.
- प्रदर्शन में शामिल सेना के लिए तैयारी कर रहे एक युवा ने पूछा, "मैं दो साल से दौड़ रहा हूं और खुद को शारीरिक रूप से तैयार कर रहा हूं. क्या अब मैं सिर्फ चार साल की नौकरी करूंगा?" एक अन्य युवक ने कहा कि केवल चार साल की सेवा का मतलब होगा कि हमें उसके बाद अन्य नौकरियों के लिए फिर से पढ़ाई करनी होगी और अपनी उम्र के अन्य युवाओं से पीछे रहना होगा.
- युवाओं का कहना है कि केवल चार साल की नौकरी के बाद वह क्या करेंगे. क्या वो सिर्फ चार साल की नौकरी के लिए तैयारी कर रहे हैं और क्या 30 हजार रुपये में घर चल जाएगा? सेना भर्ती की तैयारी करने वाले दूसरे युवा ने कहा कि चार साल बाद जॉब मिलने की क्या गारंटी रहेगी? कहीं जॉब नहीं मिली तो आगे क्या होगा? ऐसे में 'अग्निवीरों' के लिए अन्य सरकारी नौकरियों में कम से कम 20 से 30% का आरक्षण दिया जाए.
- केंद्र सरकार की इस नई योजना की सेना में रहे कई पूर्व अधिकारियों ने भी आलोचना की है और गंभीर सवाल उठाए हैं. उन्होंने तर्क दिया चार साल की नौकरी से देशभक्ति की भावना पर भी असर पड़ेगा. ऐसे युवा देश के लिए ज्यादा जोखिम लेने से बचेंगे और किसी तरह चार साल की सेवा पूरी करनी चाहेंगे. मेजर जनरल बीएस धनोआ (सेवानिवृत्त) ने ट्वीट किया, "सशस्त्र बलों के लिए हाल ही में घोषित भर्ती नीति के लिए दो सिफारिशें हैं. पहला कि सेवा अवधि को सात साल तक बढ़ाया जाए और दूसरा कि जो लोग सेवा जारी रखने के इच्छुक हैं उनका कोटा कम से कम 50 प्रतिशत किया जाए.
- सरकार की तरफ से केंद्रीय मंत्री और पूर्व सेना प्रमुख जनरल वीके सिंह ने इस योजना के बारे में पूछे जाने पर कहा कि उन्हें इस बारे में ज्यादा जानकारी नहीं है, लेकिन साथ ही उन्होंने कहा कि योजना के लागू होने तक तस्वीर पूरी तरह साफ हो जाएगी.
- 17.5 वर्ष से 21 वर्ष की आयु के युवाओं को सशस्त्र बल- सेना, नौसेना और वायु सेना में 4 साल के लिए अग्निवीर के रूप में शामिल किया जाएगा. इस साल 46 हजार से अधिक अग्निशामकों की भर्ती की जाएगी. अग्निवीरों को 30 हजार रुपये से 40 हजार रुपये मासिक वेतन का भुगतान किया जाएगा. उन्हें इस अवधि के दौरान 48 लाख रुपये का बीमा कवर भी मिलेगा.
- EPF/PPF की सुविधा के साथ अग्निवीरों को पहले साल 4.76 लाख रुपये मिलेंगे. वहीं चौथे साल में वेतन 40 हजार यानी सालाना 6.92 लाख रुपये मिलेंगे. भत्ते के तौर पर जोखिम, राशन, वर्दी और यात्रा में उपयुक्त छूट मिलेगी. वहीं सेवा के दौरान डिसेबल होने पर नॉन-सर्विस पीरियड का कुल पे और इंट्रेस्ट भी मिलेगा. सेवा निधि को आयकर से छूट दी जाएगी. अग्निवीरों के लिए शैक्षणिक योग्यता वही होगी, जो बल में नियमित पदों के लिए तय है.
- 4 साल के कार्यकाल पर लगभग 25 प्रतिशत अग्निवीरों को सशस्त्र बलों में कम से कम 15 सालों की अवधि के लिए नियमित संवर्ग के रूप में नामांकित किया जाएगा. अग्निशामकों को बाहर निकलने पर सेवा निधि पैकेज के रूप में 11.71 लाख रुपये दिए जाएंगे, जो आयकर से मुक्त होंगे. हालांकि, कोई ग्रेच्युटी या पेंशनरी लाभ नहीं होगा.
- देश की सेवा की इस अवधि के दौरान अग्निवीरों को कई तरह की ट्रेनिंग दी जाएगी. वहीं चार साल की सेवा के बाद उन्हें प्रमाण पत्र दिया जाएगा, साथ ही नागरिक समाज में शामिल किया जाएगा. सेवा काल के दौरान मौत होने पर 44 लाख रुपये की अतिरिक्त अनुग्रह राशि दी जाएगी. वही विकलांगता की स्थिति में डॉक्टर की रिपोर्ट के आधार पर 100% पर 44 लाख, 75% पर 25 लाख और 50% पर 15 लाख की अनुग्रह राशि दी जाएगी.
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