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Constitution Day: 26 नवंबर को क्यों मनाया जाता है संविधान दिवस? ये 10 बातें नहीं जानते होंगे आप

Constitution Day: भारत में हर साल 26 नवंबर को संविधान दिवस मनाया जाता है. इस दिन को पहले राष्ट्रीय कानून दिवस के तौर पर मनाया जाता था.

Constitution Day: 26 नवंबर को क्यों मनाया जाता है संविधान दिवस? ये 10 बातें नहीं जानते होंगे आप
Constitution Day: संविधान दिवस

Constitution Day: भारत में 26 नवंबर को राष्ट्रीय कानून दिवस मनाया जाता है. जिसे अब संविधान दिवस के रूप में लोग जानते हैं और इसी नाम से हर साल मनाया जा रहा है. कई लोगों को इस बात को लेकर कंफ्यूजन रहता है कि जब 26 जनवरी को भारत के संविधान को लागू किया गया था तो 26 नवंबर को संविधान दिवस क्यों मनाया जाता है? दरअसल 26 नवंबर 1949 को भारत की संविधान सभा ने औपचारिक तौर पर भारत के संविधान को अपनाया था, जिसके बाद 26 जनवरी 1950 को इसे लागू किया गया. यही वजह है कि इस दिन को धूमधाम से मनाया जाता है और देशभर के सरकारी विभागों और स्कूलों में अलग-अलग कार्यक्रम आयोजित होते हैं. आइए संविधान से जुड़ी कुछ खास बातें आपको बताते हैं. 

भारतीय संविधान से जुड़ी 10 बातें 

  1. करीब तीन साल तक 53,000 से ज्यादा भारतीय नागरिकों ने संविधान सभा की दर्शक दीर्घा में बैठकर संविधान के मसौदे पर हुई बहसों को लाइव देखा था.
  2. भारत का संविधान दुनिया का सबसे लंबा लिखित संविधान है, जिसकी शुरुआत में 395 अनुच्छेद, 22 भाग और 8 अनुसूचियां थीं.
  3. भारत के संविधान को किसी टाइपराइटर से नहीं बल्कि हाथ से लिखा गया.  अंग्रेजी और हिंदी दोनों भाषाओं में इसे लिखा गया और इसमें कुल 90,000 शब्द थे.
  4. इसे लिखने के लिए कलाकार भी बुलाए गए, जिन्होंने अपनी खूबसूरत लेखनी से संविधान के हर शब्द को उकेरने का काम किया. आचार्य नंदलाल बोस के नेतृत्व में शांतिनिकेतन के कलाकारों ने ये काम किया. 
  5. संविधान की मूल प्रतियां भारत की संसद के पुस्तकालय में नाइट्रोजन से भरे बॉक्स में सुरक्षित रखी गई हैं.
  6. 24 जनवरी, 1950 को नई दिल्ली में संसद के संविधान हॉल में संविधान सभा के 284 सदस्यों ने भारतीय संविधान पर हस्ताक्षर किए थे.
  7. 24 जनवरी, 1950 को संविधान सभा की आखिरी बैठक हुई थी. इसी बैठक के दौरान डॉ. राजेंद्र प्रसाद का नाम भारत के पहले राष्ट्रपति के रूप में लिया गया. 
  8. संविधान सभा में महिलाओं की भागीदारी भी रही, इसमें कुल 15 महिला सदस्य थीं. जिनमें सरोजिनी नायडू, राजकुमारी अमृत कौर, हंसाबेन जीवराज मेहता, सुचेता कृपलानी और जी. दुर्गाबाई शामिल थीं. यही वजह है कि संविधान में महिलाओं के लिए भी समान अधिकारों की बात कही गई है. 
  9. 22 जुलाई 1947 को आयोजित संविधान सभा की बैठक के दौरान भारत का राष्ट्रीय ध्वज अपनाया गया था. ये वही मूल स्वरूप था, जो 15 अगस्त, 1947 को अंग्रेजों से भारत की स्वतंत्रता से कुछ दिन पहले था.
  10. भारतीय संविधान को बनने में पूरे 2 साल, 11 महीने और 18 दिन लगे थे. जिसके बाद आखिरकार 26 नवंबर 1949 को संविधान पूरी तरह से बनकर तैयार हुआ था.

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