CBSE Board Class 10th, 12th Passing Criteria: केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) की बोर्ड परीक्षाएं 15 फरवरी 2025 से होनी है. हालांकि सीबीएसई ने अब तक बोर्ड परीक्षा 2025 की डेटशीट जारी नहीं की है. सीबीएसई के लाखों छात्र-छात्रों को सीबीएसई कक्षा 10वीं और 12वीं बोर्ड परीक्षा 2024 डेटशीट का इंतजार कर रहे हैं. वहीं सीबीएसई बोर्ड परीक्षा 2025 में शामिल होने वाले छात्रों को बता दें कि बोर्ड ने पासिंग क्राइटेरिया में कोई बदलाव नहीं किया है. सीबीएसई बोर्ड परीक्षा 2025 में पास होने के लिए सभी छात्रों को 33% अंक प्राप्त करने होंगे. वहीं बोर्ड अगले साल भी टॉपरों की जानकारी नहीं देगा, ना ही स्टूडेंट के डिविजन और पर्सेंटेज को बताएगा.
सीबीएसई बोर्ड परीक्षा 100 अंकों के लिए होती है, जिसमें 80 अंक थ्योरी पेपर और 20 अंक प्रैक्टिकल परीक्षा/ प्रोजेक्ट/ इंटर्नल असिस्मेंट से मिलते हैं. सीबीएसई बोर्ड की थ्योरी परीक्षा में पास होने के लिए छात्रों को प्रत्येक विषय में कम से कम 33 प्रतिशत अंकों की जरूरत होगी. यानी सीबीएसई कक्षा 10वीं और सीबीएसई कक्षा 12वीं के स्टूडेंट को सीबीएसई बोर्ड की थ्योरी परीक्षा 2025 में प्रत्येक विषय में कम से कम 33 प्रतिशत अंक लाने होंगे. वहीं प्रैक्टिकल परीक्षा/ प्रोजेक्ट/ इंटर्नल असिस्मेंट (यदि लागू हो) में छात्रों कम से कम 33% अंक प्राप्त करने होंगे. ओवरऑल मार्क्स की बात करें तो किसी विषय में उत्तीर्ण होने के लिए स्टूडेंट को थ्योरी और प्रैक्टिकल दोनों में कुल मिलाकर 33% अंक लाना आवश्यक है.
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नो टॉपर, नो डिविजन
पिछले साल सीबीएसई बोर्ड ने रिजल्ट में बदलाव की घोषणा की थी. बोर्ड ने कहा कि वह साल 2024 से सीबीएसई कक्षा 10वीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षा में भाग लेने वाले छात्रों का ओवरऑल डिविजन (Division), डिस्टिंक्शन (Distinction) या एग्रीगेट मार्क्स (Aggregate Marks) नहीं बताएगा. अगले साल भी बोर्ड द्वारा सीबीएसई बोर्ड कक्षा 10वीं, 12वीं के टॉपरों की जानकारी नहीं देगा, ना ही किसी भी स्टूडेंट के डिविजन और पर्सेंटेज को बताएगा. स्टूडेंट में बोर्ड परीक्षा के तनाव और दबाव को कम करने के लिए सीबीएसई बोर्ड द्वारा ऐसा किया जा रहा है. अगले साल सीबीएसई बोर्ड कक्षा 10वीं, 12वीं की बोर्ड परीक्षा 2025 में करीब 40 लाख छात्र-छात्राएं भाग लेंगे.
डिस्टिंक्शन कैटेगरी भी नहीं होगी
सीबीएसई बोर्ड ने कहा कि अब वह छात्रों को बोर्ड परीक्षा में मिले कुल अंकों के आधार पर फर्स्ट, सेकेंड और थर्ड डिविजन में नहीं बांटेगा. स्टूडेंट को किसी विषय में 90% से अधिक अंक मिलने वाली 'डिस्टिंक्शन' कैटेगरी भी बंद कर दी है. स्टूडेंट के आगे की पढ़ाई के लिए या फिर जॉब के लिए 10वीं या 12वीं के अंकों का प्रतिशत जरूरी है तो उसका कैलकुलेशन एडमिशन लेने वाले संस्थान द्वारा या जॉब देने वाले एम्प्लॉयर (employer) द्वारा किया जाएगा.
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