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AI की दुनिया से लेकर सेमीकंडक्टर तक, साइंस और टेक्नोलॉजी में भारत ने हासिल किया ये मुकाम

Science And Technology Year Ender 2025: भारत ने हर साल की तरह इस साल भी साइंस और टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में कई अहम काम किए और नए मुकाम भी हासिल हुए. एआई से लेकर चिप मार्केट और स्पेस सेक्टर में भारत ने बड़ी छलांग लगाई.

AI की दुनिया से लेकर सेमीकंडक्टर तक, साइंस और टेक्नोलॉजी में भारत ने हासिल किया ये मुकाम
Science And Technology Year Ender 2025: साइंस में भारत की छलांग

Science And Technology Year Ender 2025: साल 2025 खत्म होने वाला है, जिसके बाद भारत अब नए साल यानी 2026 में नई ऊंचाइयों को छूने के लिए तैयार है. हर बढ़ते साल में भारत की ताकत और ज्यादा बढ़ रही है और दुनियाभर में दबदबा कायम हो रहा है. इस पूरे साल साइंस और टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में भारत ने कई मुकाम हासिल किए. फिर चाहे वो एआई की दुनिया में रखे जाने वाले कदम हों या फिर स्पेस सेक्टर, 2025 में कई ऐसे मुकाम हासिल किए गए, जिनका जिक्र करना जरूरी है. आइए जानते हैं कि साइंस और टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में भारत ने इस साल क्या-क्या हासिल किया. 

AI की दुनिया में बड़ी छलांग

भारत ने इस साल आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस यानी एआई के सेक्टर में बड़ी छलांग लगाई है. हाल ही में Stanford University की एक रिपोर्ट सामने आई है, जिसमें बताया गया कि एआई के मामले में भारत तीसरे नंबर पर है. अमेरिका और चीन के बाद भारत में इस क्षेत्र में तेजी से काम हो रहा है. भारत में इंसानों की मदद के बिना एआई के जरिए मेडिकल डायग्नोसिस, लॉजिस्टिक, एजुकेशन, रिसर्च, क्लाइमेट मॉडलिंग जैसे कई तरह के काम किए जा रहे हैं. भारत सरकार ने इंडिया एआई मिशन के लिए कुल ₹10,370 करोड़ रुपये के बजट का ऐलान किया था. यानी एआई की दुनिया में भारत काफी कुछ करने वाला है. 

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भारत की सेमीकंडक्टर क्रांति

स्मार्ट फोन और कंप्यूटर जैसी तमाम चीजों में इस्तेमाल होने वाली सबसे जरूरी चीज का अब भारत में निर्माण हो रहा है. भारत में सेमीकंडक्टर का बाजार तेजी से बढ़ रहा है और सेमीकॉन इंडिया 2025 में इसकी झलक देखने के लिए मिली. सितंबर 2025 में आयोजित इस कार्यक्रम में 48 देशों और क्षेत्रों की 350 से ज्यादा कंपनियों और पार्टिसिपेंट्स ने भाग लिया. आज तमाम बड़ी कंपनियां भारत में इसके लिए फैब्रिकेशन और टेस्टिंग यूनिट्स बना रही हैं. भारत का टारगेट है कि 2030 तक ग्लोबल सेमीकंडक्टर मार्केट में कम से कम 10-15% हिस्सेदारी हासिल की जाए. 

स्पेस सेक्टर में भी हुआ काम

2025 में भारत ने स्पेस सेक्टर में भी कई अहम मुकाम हासिल किए. इस साल भारत, अमेरिका और जापान ने मिलकर स्पेस मिशनों का ऐलान किया, साथ ही प्राइवेट कंपनियों ने सिक्योर स्पेस टूरिज्म वर्जन की शुरुआत की. इसके अलावा इस साल ISRO ने भारत के स्पेस पोर्ट श्रीहरिकोटा से 100 लॉन्च पूरे किए. GSLV-F15/NVS-02 मिशन के साथ ये मुकाम हासिल किया गया. 

  • चंडीगढ़ स्थित SCL के साथ मिलकर स्पेस एप्लीकेशन के लिए पहला 'मेक-इन-इंडिया' 32-बिट माइक्रोप्रोसेसर विकसित किया गया.
  • IIT मद्रास में Centre of Excellence का उद्घाटन हुआ. 
  • इलेक्ट्रिक प्रोपल्शन सिस्टम के लिए 'स्टेशनरी प्लाज्मा थ्रस्टर' का 1000 घंटे का लाइफ टेस्ट सफल रहा.
  • अप्रैल 2025 से छह महीने के लिए भारत ने 'इंटरनेशनल चार्टर स्पेस एंड मेजर डिजास्टर्स' का नेतृत्व किया. 

  • अंतरिक्ष प्रौद्योगिकियों और उपग्रह डेटा का उपयोग करके देश में गेहूं की पैदावार का अनुमान लगाया गया. 

चलती ट्रेन से मिसाइल लॉन्च

भारत ने इसी साल पहली बार चलती ट्रेन से मिसाइल लॉन्च किया. अग्नि-प्राइम मिसाइल को डीआरडीओ ने ओडिशा के चांदीपुर से रेल मोबाइल लॉन्चर से दाग दिया. ये पहली बार था जब खास डिजाइन वाले रेल लॉन्चर से मिसाइल फायर की गई. इसके साथ ही भारत दुनिया के उन देशों की लिस्ट में शामिल हो गया, जिनके पास 'कैनिस्टराइज्ड' लॉन्च सिस्टम है. यानी रेल नेटवर्क का इस्तेमाल करते हुए भी मिसाइल छोड़ी जा सकती है. 

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