पंजाब पुलिस ने गायक सिद्धू मूसेवाला की हत्या (Sidhu Moose Wala Murder Case) की जांच में तेजी लाने के लिए एंटी-गैंगस्टर टास्क फोर्स (AGTF) के प्रमुख की निगरानी में विशेष जांच दल (SIT) का बुधवार को पुनर्गठन किया. अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक प्रमोद बान एजीटीएफ के प्रमुख हैं. पहले तीन सदस्यीय एसआईटी का गठन किया गया था, जिसमें मनसा एसपी (जांच) धर्मवीर सिंह, बठिंडा, डीएसपी (जांच) विश्वजीत सिंह और मनसा सीआईए के प्रभारी पृथ्वीपाल सिंह शामिल थे.
अब इसमें तीन और सदस्य जोड़े गये हैं, जिनमें नये अध्यक्ष, पुलिस महानिरीक्षक (आईजीपी) जसकरण सिंह और दो नए सदस्य सहायक महानिरीक्षक एजीटीएफ गुरमीत सिंह चौहान और मनसा के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) गौरव तोरा शामिल हैं.
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अपने नए आदेश में पुलिस महानिदेशक वी के भवरा ने कहा कि एसआईटी हर रोज जांच करेगी, इस जघन्य अपराध के दोषियों को गिरफ्तार करेगी और जांच पूरी होने पर सक्षम क्षेत्राधिकार वाली अदालत में पुलिस रिपोर्ट पेश की जाएगी.
आदेश में आगे कहा गया है कि एसआईटी किसी भी अन्य पुलिस अधिकारी का चयन कर सकती है और डीजीपी के अनुमोदन से किसी विशेषज्ञ/अधिकारी की सहायता ले सकती है.
मशहूर पंजाबी गायक और कांग्रेस नेता मूसेवाला की रविवार को पंजाब के मनसा जिले में अज्ञात हमलावरों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी. राज्य पुलिस ने इस घटना को अंतर-गिरोह प्रतिद्वंद्विता का मामला करार दिया था और कहा था कि हत्या के पीछे लॉरेंस बिश्नोई गिरोह का हाथ है. बिश्नोई गिरोह के सदस्य कनाडा के गोल्डी बराड़ ने हत्या की जिम्मेदारी ली है.
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