1. ईशान किशन (मुंबई)
हालांकि, मुंबई इंडियंस के ईशान किशन का नाम आईपीएल में नया नहीं है और वह पिछले तीन साल से टूर्नामेंट का हिस्सा हैं. यह युवा विकेटकीपर बिहार से आता है और वह अंडर-19 के दिनों में भारतीय जूनियर टीम और ऋषभ पंत के कप्तान रहे हैं. किशन को नियमित रूप से अवसर नहीं मिले थे और जो मिले थे, उसे वह दबोचने में नाकाम साबित हुए थे. इस साल भी सौरभ तिवारी की चोट इशान के लिए वरदान बनकर आयी! और इस बार अवसर को उन्होंने दोनों हाथों से दबोच लिया. बेंगलोर के खिलाफ यह इशान की 99 रन की पारी ही थी, जिससे मुंबई ने करीब-करीब मैच अपने नाम कर लिया और फिर मैच सुपर ओवर में पहुंचा. इस पारी से इशान ने समीकरण बदल दिए और उम्मीद है कि उनके बल्ले से आगे ऐसी ही पारियां देखने को मिलेंगी.
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2. देवदत्त पडिक्कल (बेंगलोर)
अगर बेंगलोर के इस युवा 20 साल के ओपनर को अभी से ही टूर्नामेंट की सबसे बड़ी देन करार दिया जाए, तो एक बार को गलत नहीं ही होगा. देवदत्त की पारियों से कहीं से नहीं लगा कि वह सिर्फ 20 साल के हैं और क्रिकेट के मंच पर नए खिलाड़ी हैं. देवदत्त की परिपक्वता बताती है कि वह भारत के लिए खेलने में ज्यादा समय नहीं लेंगे. वास्तव में बेंगलोर ने 20 साल के देवदत्त को अनुबंधित कर एक तरह से जुआ खेला था, लेकिन इसका रिवार्ड इतना ज्यादा मिलेगा, यह विराट ने दूर-दूर तक नहीं सोचा था. शुरुआती 4 मैचों में से 3 में पचासे जड़कर देवदत्त बेंगलोर के एक मजबूत बल्लेबाज के रूप में उभरकर सामने आए हैं.
3. प्रियम गर्ग (हैदराबाद)
शुरुआती मैचों में टीम इंडिया के जूनियर कप्तान प्रियम गर्ग को इसलिए बैटिंग का मौका नहीं मिला क्योंकि वह उसके लिए निचले क्रम में ही फिट होते है, लेकिन जब मौका मिला, तो प्रियम चौका लगाना नहीं चूके!! चेन्नई के खिलाफ हैदराबाद का स्कोर 4 विकेट पर 69 रन हो गया था. ऐसे में गर्ग ने सिर्फ 26 गेंदों पर 51 रन बनाकर दिखाया कि उन्हें तेज बैटिंग करना बखूबी आता है और उनकी इस पारी ने कई लोगों पर असर छोड़ा है.
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4. अब्दुल समाद (हैदराबाद)
जम्मू-कश्मीर के लिए खेलने वाले इस युवा ने भी प्रशंसकों और पूर्व क्रिकेटरों का दिल जीता है. सिर्फ 19 साल के अब्दुल समाद ने दिखाया कि वह जरूरत के मौके पर लंबे-लंबे शॉट लगा सकते हैं. घरेलू क्रिकेट में पूर्व अनुभवी इरफान पठान के मार्गदर्शन में अब्दुल समाद ने सीढ़ी दर सीढ़ी प्रगति की है. समाद को दिग्गज मुरलीधरन ने हैदाराबद टीम के लिए खरीदा था और इस खिलाड़ी ने निराश नहीं किया है. यहां इस तथ्य की अनदेखी नहीं की जा सकती है कि समाद को काफी नीचे खेलने का मौका मिला, तो गेंदबाजी में भी सीमित मौके मिले. चेन्नई के खिलाफ आखिरी ओवर फेंककर समाद ने दिखाया कि उनके पास उच्च स्तरीय टेम्प्रामेंट भी है.
5. रवि बिश्नोई (पंजाब)
घरेलू क्रिकेट में राजस्थान के लिए खेलने वाले इस दाएं हाथ के लेग स्पिनर में भविष्य की ढेरों संभावनाएं दिखाई पड़ी हैं. पंजाब ने इस युवा लेग स्पिनर को अफगानी रहस्यमयी मुजीब-उर-रहमान पर वरीयता दी. और रवि बिश्ननोई ने कोच अनिल कुंबले को निराश नहीं किया है. बेंगलोर के खिलाफ रवि ने तीन विकेट लिए. इसमें एरॉन फिंच का देखने लायक विकेट भी शामिल था. हालांकि, रवि कई मौकों पर अनुभवहीन दिखाई पड़े, लेकिन मैच दर मैच उनमें परिपक्वता दिखाई और आड़े समय में भी चेहरे पर मुस्कान को बरकरार रखा, जो उनके मिजाज के बारे में बताता है.
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