Year Ender 2020: साल 2020 जहां एक ओर कोरोना के लिए याद किया जाएगा, तो वहीं, इस साल सरकार ने शिक्षा के क्षेत्र में कई अहम और बड़े फैसले लिए. इन फैसलों को शिक्षा में बड़े बदलाव के तौर पर देखा जा रहा है, जो परीक्षा पैटर्न से लेकर सीखने और पढ़ने के ढांचे में परिवर्तन करेगा. हम बात कर रहे हैं कि नई शिक्षा नीति की. इस साल 29 जुलाई 2020 को कैबिनेट बैठक में नई शिक्षा नीति (NEP 2020) को मंजूरी दी गई और 34 साल पुरानी 1986 में बनी शिक्षा नीति को बदल दिया गया.
नई शिक्षा नीति में क्या बदलाव किए गए?
नई शिक्षा नीति में स्कूल एजुकेशन से लेकर हायर एजुकेशन तक कई बड़े बदलाव किए गए हैं. हायर एजुकेशन के लिए सिंगल रेगुलेटर रहेगा (लॉ और मेडिकल एजुकेशन को छोड़कर). वहीं, उच्च शिक्षा में 2035 तक 50 फीसदी GER पहुंचने का लक्ष्य तय किया गया.
नई शिक्षा नीति में स्कूली शिक्षा में सुधार का खाका तैयार किया गया है, जिसमें बोर्ड परीक्षा को सरल बनाने, पाठ्यक्रम का बोझ कम करने के साथ ही बचपन की देखभाल और शिक्षा पर जोर देते हुए स्कूल पाठ्यक्रम के 10 + 2 ढांचे की जगह 5 + 3 + 3 + 4 की नई पाठयक्रम संरचना लागू करने की बात कही गई, जो क्रमशः 3-8, 8-11, 11-14, और 14-18 साल के उम्र के बच्चों के लिए होगी.
मातृभाषा पर दिया गया ज़ोर
नई नीति में विद्यार्थियों को कौशल या व्यावहारिक जानकारियां देने और पांचवी कक्षा तक मातृभाषा में शिक्षा देने पर जोर दिया गया है. इसके अलावा नई प्रणाली में तीन साल की आंगनवाड़ी / प्री स्कूलिंग के साथ 12 साल की स्कूली शिक्षा होगी.
मल्टीपल एंट्री और एग्जिट सिस्टम लागू
नई शिक्षा नीति में मल्टीपल एंट्री और एग्जिट सिस्टम लागू किया गया है. अभी तक की व्यवस्था में अगर चार साल इंजीनियरिंग पढ़ने या 6 सेमेस्टर पढ़ने के बाद किसी कारणवश आगे नहीं पढ़ पाते हैं तो कोई उपाय नहीं होता, लेकिन मल्टीपल एंट्री और एग्जिट सिस्टम में 1 साल के बाद सर्टिफिकेट, 2 साल के बाद डिप्लोमा और 3-4 साल के बाद डिग्री मिल जाएगी. स्टूडेंट्स के हित में यह एक बड़ा फैसला माना जा सकता है.
PM मोदी ने नई शिक्षा नीति के बारे में क्या कहा?
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति- 2020 (NEP) के तहत ‘21वीं सदी में स्कूली शिक्षा' पर आयोजित एक सम्मेलन को वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से संबोधित करते हुए कहा था, "पुरानी शिक्षा व्यवस्था को बदलना उतना ही आवश्यक था, जितना स्कूल के खराब बोर्ड को बदलना होता है. नई राष्ट्रीय नीति नए भारत की नई उम्मीदों की, नई आवश्यकताओं की पूर्ति का माध्यम है. इसके पीछे पिछले चार-पांच वर्षों की कड़ी मेहनत है. हर क्षेत्र, हर विधा, हर भाषा के लोगों ने इस पर दिन रात काम किया है."
PM मोदी के अनुसार, इस नीति का लक्ष्य छात्रों पर से बस्ते का बोझ कम करके उनके जीवन में काम आने वाली चीजों को सीखने के लिए प्रेरित करना है. प्रधानमंत्री ने कहा था कि नई शिक्षा नीति का एक बड़ा लक्ष्य सभी तक शिक्षा को पहुंचाना है. इस नीति का लक्ष्य 2035 तक उच्च शिक्षा में औसत दाखिले को 50 प्रतिशत तक बढ़ाना है.
PM मोदी ने यह भी कहा था कि अब तक एजुकेशन सिस्टम वॉट टू थिंक (What To Think) पर आधारित था, जबकि नई व्यवस्था में हाउ टू थिंक (How To Think) पर जोर दिया गया है.
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं