यूनियन पब्लिक सर्विस कमीशन (UPSC) ने सिविल सेवा परीक्षा 2019 का परिणाम 4 अगस्त को जारी किया था. सिविल सर्विस एग्जाम देश के सबसे मुश्किल एग्जाम में शुमार किया जाता है. 1 हजार से कम वैकेंसी के लिए करीब 10 लाख से अधिक उम्मीदवार सिविल सर्विस परीक्षा में शामिल होते हैं. NDTV ने UPSC 2019 में रैंक 2, 3, 4 और 6 लाने वाले छात्र जतिन किशोर, प्रतिभा वर्मा, हिमांशु जैन और विशाखा यादव से बात की सभी ने अनुभवों को साझा किया.
रैंक 2 जतिन किशोर का यह दूसरा प्रयास था जिसमें उन्होंने '' इंडियन इकोनॉमिक सर्विस '' की ट्रेनिंग में रहते हुए अटेम्पट दिया. इससे पहले उन्होंने 2018 में यूपीएससी द्वारा आयोजित '' इंडियन इकोनॉमिक सर्विस '' यानी ' IES ' की परीक्षा में रैंक 1 हासिल किया था. जतिन ने अपनी परीक्षा की स्ट्रेटजी शेयर की और अपनी सफलता का मंत्र बताया. जतिन ने यूपीएससी के भावी परीक्षार्थियों के लिए कहा कि परीक्षार्थियों को कंटेट पर अधिक फोकस करना होगा तभी सफलता प्राप्त होगी.
यूपीएससी में तीसरा स्थान हासिल करने वाली सुलतानपुर की प्रतिभा वर्मा जो कि सफल महिला उम्मीदवारों की लिस्ट में पहले स्थान पर हैं ने कहा कि परीक्षार्थियों को ऑप्शनल सब्जेक्ट चुनते समय अपने ग्रेजुएशन के विषयों का ध्यान रखना चाहिए. और पिछले सालों के प्रश्न पत्रों को हल करना चाहिए. IIT दिल्ली से B tech कर चुकीं प्रतिभा ने बताया कि CSE एक्ज़ाम की तैयारी करते समय ऑप्शनल विषयों के चुनाव में किन बातों का मुख्य तौर पर ध्यान रखना चाहिए.
चौथी रैंक हासिल करने वाले हिमांशु जैन हरियाणा के पलवल जिले के होडल गांव के रहने वाले हैं. उन्होंने हंसराज कॉलेज से इकोनॉमिक्स ऑनर्स में अपनी ग्रेजुएशन पूरी की. हिमांशु ने बताया कि किसी भी एग्जाम को पास करने के लिए अनुशासन, निरंतरता और धैर्य बहुत ही अहम भूमिका निभाते हैं. हिमांशु ने छात्रों को ये सुझाव भी दिया है कि सेल्फ़ स्टडी ज्यादा कारगर साबित होती है, इसलिए मुख्य बिंदुओं पर ध्यान देना बेहद ज़रूरी है.
सिविल सेवा परीक्षा में छठी रैंक हासिल करने वाली सॉफ्टेवयर इंजीनियर विशाखा यादव ने दो प्रयासों में विफल रहने के बाद भी हार नहीं मानी और तीसरी बार उनकी मेहनत रंग लाई. विशाखा के पिता दिल्ली पुलिस में सहायक उप निरीक्षक हैं.उन्होंने कहा, '' यह मेरा तीसरा प्रयास था और मुझे अब भी यकीन नहीं हो रहा कि मैं छठी रैंक पर हूं.'' उन्होंने कहा कि रणनीति बनाकर पढ़ाई करना उनके लिए खासा मददगार साबित हुआ और इसी के चलते तीसरे प्रयास में सफलता हासिल हुई है.
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