UPSC Result 2018: दिल्ली के ट्रेनी SDM से मिलिए, पत्नी के सब्जेक्ट से UPSC सिविल सर्विसेज में मारी बाजी

UPSC Result 2018: संघ लोकसेवा आयोग की सिविल सर्विसेज 2018 परीक्षा में 340 वीं रैंक पाने वाले प्रतीक बायल (Prateek Bayal) की सफलता में जानिए पत्नी का क्या रहा रोल?

UPSC Result 2018: दिल्ली के ट्रेनी SDM से मिलिए, पत्नी के सब्जेक्ट से  UPSC सिविल सर्विसेज में मारी बाजी

UPSC Result 2018: संघ लोकसेवा आयोग की सिविल सर्विसेज 2018 परीक्षा में 340 वीं रैंक पाने वाले प्रतीक बायल पत्नी अंजलि के साथ(फाइल फोटो)

नई दिल्ली:

UPSC Result 2018: संघ लोकसेवा आयोग की सिविल सर्विसेज 2018 परीक्षा में सफल हुए प्रतीक बायल का किस्सा बड़ा रोचक है. इनकी सफलता में खुद की मेहनत तो है ही, मगर पत्नी की भी खास भूमिका है. प्रतीक बायल पत्नी अंजलि के सब्जेक्ट को ही अपना वैकल्पिक विषय बनाकर सिविल सर्विसेज की परीक्षा में सफल हुए हैं. यह लगातार दूसरा मौका है, जब आईआईटी दिल्ली से मैकेनिकल इंजीनियरिंग में बीटेक करने वाले प्रतीक बायल (Prateek Bayal सिविल सर्विसेज़ में सफल हुए हैं. इस बार वही हुआ जो चाहते थे. यानी रैंकिंग बेहतर हो गई, इसी के साथ आईएएस में चयन की संभावना भी बलवती हो गई. शुक्रवार को जारी सिविल सर्विसेज़ 2018 की परीक्षा में उन्हें 340वीं रैंक हासिल हुई. पिछली बार की परीक्षा में 966वीं रैंक मिली थी. जिसके बाद प्रतीक का चयन दिल्ली-अंडमान निकोबार सिविल सर्विसेज़ (दानिक्स) में एसडीएम पद के लिए हुआ था. इस वक्त वह अंडर ट्रेनी अफसर हैं. यूं तो अभी रैंकिंग के आधार पर आईएएस, आईपीएस...आईआरएस आदि संवर्ग का बंटवारा होना है, मगर आरक्षित वर्ग से होने के कारण 340 रैंक पाने वाले प्रतीक का आईएएस संवर्ग पाना तय है. खुद उन्हें इस बात का पूरा भरोसा है. वैसे भी इस बार नोटिफिकेशन के मुताबिक़ आईएएस/आईपीएस के करीब 350 पद की वैकेंसी रही. इससे पूर्व 2017 में 27वीं रैंक के साथ प्रतीक भारतीय वन सेवा (IFS) में चुने जा चुके हैं. हालांकि सिविल की तैयारी में लगे होने के कारण उन्होंने ज्वॉइनिंग होल्ड कर रखी थी.

पत्नी के साथ की तैयारी और साथ दी परीक्षा
एनडीटीवी से बात करते हुए प्रतीक बायल ने अपनी सफलता का राज खोला. सिविल सर्विसेज़ में माता-पिता के साथ पत्नी की खास भूमिका होने का ज़िक्र किया. दरअसल आईआईटी दिल्ली से प्रतीक ने मैकेनिकल इंजीनियरिंग से 2014 में बीटेक किया. फिर तैयारी शुरू की. परीक्षा के नए पैटर्न के मुताबिक़ अब चार जनरल स्टडी के पेपर के साथ सिर्फ एक वैकल्पिक सब्जेक्ट की परीक्षा देनी होती है. पत्नी अंजलि भी साथ-साथ सिविल की तैयारी कर रहीं थीं. वह फ़िज़िक्स से एमएससी कर दिल्ली में फिलहाल सरकारी टीचर हैं. पत्नी ने वैकल्पिक सब्जेक्ट के तौर पर फ़िज़िक्स को ही चुना. ऐसे में प्रतीक ने सोचा क्यों न पत्नी के पकड़ वाले विषय फिजिक्स को अपना भी वैकल्पिक सब्जेक्ट बनाकर तैयारी की जाए. ताकि घर पर तैयारी के दौरान एक दूसरे की मदद कर वैकल्पिक पेपर को अपने लिए आसान बना लिया जाए.

प्रतीक ने डॉ. डीपी वाजपेयी को मेंटर बनाकर फ़िज़िक्स की तैयारी में मदद ली. 2018 में प्रतीक, पत्नी अंजलि के साथ सिविल सेवा की प्रारंभिक परीक्षा में बैठे और दोनों सफल रहे और फिर एक ही वैकल्पिक विषय से दोनों पति-पत्नी मुख्य परीक्षा में भी बैठे. हालांकि मुख्य परीक्षा की मेरिट में कुछ अंकों से चूक जाने के कारण पत्नी को इंटरव्यू के लिए कॉल नहीं आया, मगर प्रतीक की मेहनत और क़िस्मत दोनों ने साथ दिया. आखिर वह इंटरव्यू तक पहुंचे भी और अब घोषित नतीजे में सफल भी हुए.

पारिवारिक पृष्ठभूमि
प्रतीक बायल यूं तो दिल्ली के पहाड़गंज के मूल निवासी हैं, मगर परिवार उत्तम नगर में रहता है. उनकी मां कमलेश बायल आंगनबाड़ी वर्कर हैं. वह स्टेट और नेशनल लेवल पर अपने शानदार काम के लिए सम्मानित हो चुकी हैं. प्रतीक के पिता किशन लाल एयर फोर्स हेडक्वॉर्टर से सेक्शन ऑफ़िसर पद से 2013 में रिटायर हो चुके हैं. बड़े भाई नितिन बायल नेशनल सेंटर फ़ॉर सेल साइंस पुणे से बतौर सीनियर रिसर्च फ़ेलो पीएचडी कर रहे हैं. 2014 में बीटेक करने के बाद प्रतीक तैयारी में जुट गए. साल 2016 में उनका चयन असिस्टेंट पीएफ कमिश्नर पद के लिए हुआ था. गुजरात के जूनागढ़ में रेस्टिंग के दौरान भी सिविल की तैयारी जारी थी. आख़िरकार प्रतीक ने सफलता के झंडे गाड़ दिए. हाईस्कूल और इंटरमीडियट की पढ़ाई क्रमश: 2007 और 2009 में केंद्रीय विद्यालय बयाना और गोल मार्केट से की. प्रतियोगी छात्रों को सलाह देते हुए प्रतीक कहते हैं कि न कभी निराश हों, न कभी हार मानें, सारी बातें दिल से निकालकर सिर्फ तैयारी पर फोकस करें, एक दिन सफलता दौड़ी चली आएगी.

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