नई दिल्ली:
उत्तर प्रदेश सरकार राज्य के शासकीय स्कूलों में पढ़ने वाले मेधावी छात्र-छात्राओं की आईआईटी प्रवेश परीक्षा उत्तीर्ण करने में मदद के लिये पटना के मशहूर कोचिंग संस्थान ‘सुपर-30’ से हाथ मिलाएगी। एक उच्च पदस्थ अधिकारी ने बताया कि सुपर-30 से जारी बातचीत आखिरी दौर में है। इसका मकसद सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले मेधावी छात्रों की आईआईटी प्रवेश परीक्षा जैसे मुश्किल इम्तेहान को पास करने में मदद करना है।
उन्होंने बताया कि सुपर-30 के लिये विद्यार्थियों का चयन एक परीक्षा के आधार पर किया जाना प्रस्तावित है। यह इम्तेहान लखनउ, इलाहाबाद, गोरखपुर, बरेली, झांसी, कानपुर, आगरा, मुरादाबाद और आजमगढ़ समेत 11 केन्द्रों पर होगा। अधिकारी ने बताया कि सुपर-30 के संस्थापक आनन्द कुमार ने सरकारी स्कूलों के शिक्षकों के लिये प्रशिक्षण कार्यक्रम चलाने का सुझाव दिया है, ताकि वे छात्रों में प्रतियोगी परीक्षाएं पास करने के लायक नींव ढाल सकें।
उन्होंने बताया कि इस काम के लिये सुपर-30 राज्य सरकार से कोई मानदेय नहीं लेगा। मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने इस साल जनवरी में नवोदय विद्यालय के कई गरीब लड़कों द्वारा आईआईटी प्रवेश परीक्षा पास करने और अपने सामने आयी समस्याओं को उनसे साझा किये जाने के बाद सुपर-30 की मदद लेने में दिलचस्पी दिखायी थी। अखिलेश की इस पहल पर राज्य सरकार ने मुख्यमंत्री के विशेष सचिव मुतुकुमार स्वामी को इस योजना को मूर्तरूप देने के लिये नोडल अधिकारी बनाया है। वहीं, शिक्षा विभाग ने उपनिदेशक विकास श्रीवास्तव को इसका जिम्मा दिया। श्रीवास्तव ने पटना जाकर सुपर-30 के संस्थापक आनन्द कुमार से बातचीत की थी।
मालूम हो कि सुपर-30 पिछले 11 वष्रो से बिहार में आईआईटी में दाखिला चाहने वाले गरीब विद्यार्थियों को मुफ्त कोचिंग दे रहा है। यह संस्थान गरीब वर्ग के 30 मेधावी विद्यार्थियों को चुनकर उन्हें आईआई-जेईई के लिये तैयार करता है।
उन्होंने बताया कि सुपर-30 के लिये विद्यार्थियों का चयन एक परीक्षा के आधार पर किया जाना प्रस्तावित है। यह इम्तेहान लखनउ, इलाहाबाद, गोरखपुर, बरेली, झांसी, कानपुर, आगरा, मुरादाबाद और आजमगढ़ समेत 11 केन्द्रों पर होगा। अधिकारी ने बताया कि सुपर-30 के संस्थापक आनन्द कुमार ने सरकारी स्कूलों के शिक्षकों के लिये प्रशिक्षण कार्यक्रम चलाने का सुझाव दिया है, ताकि वे छात्रों में प्रतियोगी परीक्षाएं पास करने के लायक नींव ढाल सकें।
उन्होंने बताया कि इस काम के लिये सुपर-30 राज्य सरकार से कोई मानदेय नहीं लेगा। मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने इस साल जनवरी में नवोदय विद्यालय के कई गरीब लड़कों द्वारा आईआईटी प्रवेश परीक्षा पास करने और अपने सामने आयी समस्याओं को उनसे साझा किये जाने के बाद सुपर-30 की मदद लेने में दिलचस्पी दिखायी थी। अखिलेश की इस पहल पर राज्य सरकार ने मुख्यमंत्री के विशेष सचिव मुतुकुमार स्वामी को इस योजना को मूर्तरूप देने के लिये नोडल अधिकारी बनाया है। वहीं, शिक्षा विभाग ने उपनिदेशक विकास श्रीवास्तव को इसका जिम्मा दिया। श्रीवास्तव ने पटना जाकर सुपर-30 के संस्थापक आनन्द कुमार से बातचीत की थी।
मालूम हो कि सुपर-30 पिछले 11 वष्रो से बिहार में आईआईटी में दाखिला चाहने वाले गरीब विद्यार्थियों को मुफ्त कोचिंग दे रहा है। यह संस्थान गरीब वर्ग के 30 मेधावी विद्यार्थियों को चुनकर उन्हें आईआई-जेईई के लिये तैयार करता है।
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