नई दिल्ली:
विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने एयरोनाटिक्स के क्षेत्र में स्नातक स्तर का डिग्री पाठ्यक्रम पेश करने की पहल की है और इस बारे में पाठ्यक्रम के ढांचे पर विभिन्न पक्षों की राय ले रही है। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के सचिव जयपाल एस संधु की ओर से जारी नोटिस में कहा गया है कि यूजीसी ने विशेषज्ञों की एक समिति का गठन किया गया है जिसे एयरोनाटिक्स के क्षेत्र में स्नातक स्तरीय डिग्री पाठ्यक्रम का ढांचा तैयार करने की संभावना तलाशने को कहा गया है। इसका मकसद तेजी से उभरते हुए एयरोनाटिक्स क्षेत्र में कौशल सम्पन्न मानव संसाधनों की कमी को पूरा करना है।
समिति की बैठक में विचार विमर्श एवं चर्चा के दौरान यह बात सामने आई कि विमान रखरखाव का क्षेत्र विशेष तौर पर कौशल सम्पन्न मानव संसाधनों की कमी का सामना कर रहा है और इसलिए इस विषय पर उच्च शिक्षण संस्थाओं पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है। इसे ध्यान में रखते हुए समिति ने एयरक्राफ्ट मेन्टेनेंश के क्षेत्र में बीएससी आनर्स पाठ्यक्रम का डिजाइन तैयार करने का निर्णय किया गया । इसके तहत भारत में विश्वविद्यालयों से यूजीसी की ओर से पेश सीबीसीएस प्रणाली के तहत अपने परिसरों में यह कार्यक्रम पेश करने के लिये प्रोत्साहित करने की पहल की गई है।
पाठ्यक्रम की डिजाइन में विशेष तौर पर एयरक्राफ्ट ढांचा और एयरक्राफ्ट प्रणाली के विभिन्न आयामों को अध्ययन के लिए शामिल किया गया है । इसमें एयरोनाटिकल साइंस से जुड़ी विभिन्न शब्दावली एवं विषयवस्तु को रखा गया है। इसमें छात्रों को विभिन्न प्रकार के विमानों, इनके रूपों तथा विशेषताओं का अध्ययन कराने पर जोर होगा । विमानों के पंख, स्टेबिलाइजर, उड़ान नियंत्रण प्रणाली के अध्ययन को भी पाठ्यक्रम में रखा गया है। इसमें पैसेंजर केबिन प्रणाली, एवियोनिक्स जैसे विषयों को भी शामिल किया गया है।
समिति की बैठक में विचार विमर्श एवं चर्चा के दौरान यह बात सामने आई कि विमान रखरखाव का क्षेत्र विशेष तौर पर कौशल सम्पन्न मानव संसाधनों की कमी का सामना कर रहा है और इसलिए इस विषय पर उच्च शिक्षण संस्थाओं पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है। इसे ध्यान में रखते हुए समिति ने एयरक्राफ्ट मेन्टेनेंश के क्षेत्र में बीएससी आनर्स पाठ्यक्रम का डिजाइन तैयार करने का निर्णय किया गया । इसके तहत भारत में विश्वविद्यालयों से यूजीसी की ओर से पेश सीबीसीएस प्रणाली के तहत अपने परिसरों में यह कार्यक्रम पेश करने के लिये प्रोत्साहित करने की पहल की गई है।
पाठ्यक्रम की डिजाइन में विशेष तौर पर एयरक्राफ्ट ढांचा और एयरक्राफ्ट प्रणाली के विभिन्न आयामों को अध्ययन के लिए शामिल किया गया है । इसमें एयरोनाटिकल साइंस से जुड़ी विभिन्न शब्दावली एवं विषयवस्तु को रखा गया है। इसमें छात्रों को विभिन्न प्रकार के विमानों, इनके रूपों तथा विशेषताओं का अध्ययन कराने पर जोर होगा । विमानों के पंख, स्टेबिलाइजर, उड़ान नियंत्रण प्रणाली के अध्ययन को भी पाठ्यक्रम में रखा गया है। इसमें पैसेंजर केबिन प्रणाली, एवियोनिक्स जैसे विषयों को भी शामिल किया गया है।
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