माया वर्मा और अमोल पंजाबी
वाशिंगटन:
भारतीय मूल के अमेरिकी छात्रों ने 10 लाख डॉलर (करीब साढ़े छह करोड़) की पुरस्कार राशि वाली ‘इंटेल टैलेंट सर्च’ में अपना परचम लहराया है। उनमें से दो छात्र नवोन्मेष एवं शोध श्रेणी में विजेता बन कर उभरे हैं, जबकि चार अन्य युवा छात्रों ने इस प्रतिष्ठित प्रतियोगिता में दूसरा या तीसरा स्थान अपने नाम किया है।
प्रथम तीन स्थानों के पुरस्कारों में भारतीय मूल के अमेरिकी छात्रों ने दो पुरस्कार अपने नाम किए हैं। अमोल पंजाबी ने बेसिक रिसर्च के लिए मेडल ऑफ डिस्टिंकशन हासिल किया है जबकि माया वर्मा ने नवोन्मेष के लिए फर्स्ट प्लेस मेडल प्राप्त किया।
सभी तीन श्रेणियों में ऐसा ही रहा और भारतीय मूल के अमेरिकी छात्रों को दूसरा तथा तीसरा स्थान मिला।
सोसाइटी फॉर साइंस एंड पब्लिक की सीईओ एवं अध्यक्ष और साइंस टैलेंट सर्च की अलुमना माया अजमेरा ने बताया कि ये लोग भविष्य की जरूरत के लिए हल तैयार कर रहे हैं।
मैसाचुएटेस के पंजाबी (17) ने ऐसा सॉफ्टवेयर तैयार किया है जो दवा निर्माताओं को कैंसर और हृदय रोग उपचार के लिए नयी चिकित्सा पद्धति विकसित करने में मदद कर सकेगा।
कैलिफोर्निया की वर्मा (17) ने फेफड़े की कार्यप्रणाली के विश्लेषण के लिए स्मार्टफोन आधारित एक ऐसे बेहद सस्ते उपकरण का निर्माण किया है जिससे इस समय चिकित्या प्रयोगशालाओं में इस समय इस्तेमाल किये जाने वाले महंगे यंत्र के समान ही सटीकता से फेफड़े संबंधी बीमारी के निदान में मदद मिलेगी।
इलिनोइस की मीना जगदीसन (17) ने ‘सेकंड प्लेस ऑफ डिस्टिंक्शन फॉर बेसिक रिसर्च’, पेंसिल्वेनिया के मिलिंद जगोटा (18) ने ‘सेकंड प्लेस मेडल ऑफ डिस्टिंक्शन फॉर इनोवेशन’, वर्जीनिया के कुणाल श्रॉफ (17) ने ‘थर्ड प्लेस मेडल ऑफ डिस्टिंक्शन फॉर बेसिक रिसर्च’ जबकि ओहायो की काव्या रविचंद्रन (17) ने ‘थर्ड प्लेस मेडल ऑफ डिस्टिंक्शन फॉर इनोवेशन’ का पुरस्कार जीता है।
इस प्रतियोगिता में शीर्ष स्थान पाने वाले तीन विजेताओं को डेढ़ लाख डॉलर, दूसरा स्थान हासिल करने वाले तीन विजेताओं को 75,000 डॉलर की राशि मिली है और तीसरा स्थान हासिल करने वाले तीन विजेताओं को 35,000 डॉलर की राशि मिली है।
प्रथम तीन स्थानों के पुरस्कारों में भारतीय मूल के अमेरिकी छात्रों ने दो पुरस्कार अपने नाम किए हैं। अमोल पंजाबी ने बेसिक रिसर्च के लिए मेडल ऑफ डिस्टिंकशन हासिल किया है जबकि माया वर्मा ने नवोन्मेष के लिए फर्स्ट प्लेस मेडल प्राप्त किया।
सभी तीन श्रेणियों में ऐसा ही रहा और भारतीय मूल के अमेरिकी छात्रों को दूसरा तथा तीसरा स्थान मिला।
सोसाइटी फॉर साइंस एंड पब्लिक की सीईओ एवं अध्यक्ष और साइंस टैलेंट सर्च की अलुमना माया अजमेरा ने बताया कि ये लोग भविष्य की जरूरत के लिए हल तैयार कर रहे हैं।
मैसाचुएटेस के पंजाबी (17) ने ऐसा सॉफ्टवेयर तैयार किया है जो दवा निर्माताओं को कैंसर और हृदय रोग उपचार के लिए नयी चिकित्सा पद्धति विकसित करने में मदद कर सकेगा।
कैलिफोर्निया की वर्मा (17) ने फेफड़े की कार्यप्रणाली के विश्लेषण के लिए स्मार्टफोन आधारित एक ऐसे बेहद सस्ते उपकरण का निर्माण किया है जिससे इस समय चिकित्या प्रयोगशालाओं में इस समय इस्तेमाल किये जाने वाले महंगे यंत्र के समान ही सटीकता से फेफड़े संबंधी बीमारी के निदान में मदद मिलेगी।
इलिनोइस की मीना जगदीसन (17) ने ‘सेकंड प्लेस ऑफ डिस्टिंक्शन फॉर बेसिक रिसर्च’, पेंसिल्वेनिया के मिलिंद जगोटा (18) ने ‘सेकंड प्लेस मेडल ऑफ डिस्टिंक्शन फॉर इनोवेशन’, वर्जीनिया के कुणाल श्रॉफ (17) ने ‘थर्ड प्लेस मेडल ऑफ डिस्टिंक्शन फॉर बेसिक रिसर्च’ जबकि ओहायो की काव्या रविचंद्रन (17) ने ‘थर्ड प्लेस मेडल ऑफ डिस्टिंक्शन फॉर इनोवेशन’ का पुरस्कार जीता है।
इस प्रतियोगिता में शीर्ष स्थान पाने वाले तीन विजेताओं को डेढ़ लाख डॉलर, दूसरा स्थान हासिल करने वाले तीन विजेताओं को 75,000 डॉलर की राशि मिली है और तीसरा स्थान हासिल करने वाले तीन विजेताओं को 35,000 डॉलर की राशि मिली है।
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