कोरोनावायरस के चलते देश में हालात गंभीर बने हुए हैं. कोरोना के खतरे को देखते हुए देशभर के सभी स्कूल मार्च के महीने में ही बंद कर दिए गए थे. स्कूलों के लंबे समय से बंद होने की वजह से स्टूडेंट्स की पढ़ाई का कफी नुकसान हो रहा है. इसके मद्देनजर देश में स्कूलों को फिर से खोलने पर विचार किया जा रहा है. मानव संसाधन विकास मंत्रालय के सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, सरकार 15 अगस्त के बाद देशभर के सभी स्कूलों को दोबारा से खोलने पर विचार कर रही है. हालांकि, कोरोनावायरस से पनपे हालातों को ध्यान में रखकर ही स्कूलों को फिर से खोलने के बारे में निर्णय लिया जाएगा. सूत्र ने बताया, "केंद्रीय गृह मंत्रालय और स्वास्थ्य मंत्रालय के दिशा-निर्देशों के आधार पर मानव संसाधन विकास मंत्रालय स्कूलों को फिर से खोलने के बारे में फैसला करेगा."
मई में NDTV को दिए इंटरव्यू में मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने कहा था कि स्कूलों को फिर से खोलने पर अंतिम निर्णय उस समय की स्थिति पर निर्भर करेगा. मंत्री ने कहा था, "1 जुलाई से 15 जुलाई के बीच एग्जाम आयोजित कराए जाएंगे और एग्जाम होने के बाद स्कूल फिर से खोले जाएंगे. "
वहीं, हाल ही में HRD मंत्री ने अपने एक इंटरव्यू के दौरान ये भी कहा कि सीबीएसई की बोर्ड परीक्षाओं (CBSE Board Exams Result) का रिजल्ट 15 अगस्त से पहले ही जारी होने की संभावना है. रिजल्ट जारी होने के बाद ही नया अकेडमिक सत्र शुरू किया जाएगा. बता दें कि सीबीएसई की बोर्ड (CBSE Board) परीक्षाएं 1 जुलाई से 15 जुलाई के बीच आयोजित की जाएंगी. लेकिन सीबीएसई की बोर्ड परीक्षाएं सिर्फ 12वीं क्लास के लिए आयोजित की जाएंगी. 10वीं के सिर्फ पूर्वी दिल्ली के दंगों से प्रभावित स्टूडेंट्स को ही बोर्ड परीक्षाएं देनी होंगी.
वहीं, गंभीर स्थिति को देखते हुए सीबीएसई बोर्ड (CBSE Board) ने हाल ही में एक अहम घोषणा की है. सीबीएसई ने कहा है कि विशेष आवश्यकताओं वाले बच्चे जिन्हें परीक्षा के लिए किसी लेखक की जरूरत है वे 10वीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षाओं में शामिल न होने का विकल्प चुन सकते हैं. दरअसल, बोर्ड का कहना है कि ऐसी स्थिति में सोशल डिस्टेंसिंग के निमयों का पालन करना मुश्किल होगा. सीबीएसई ने ये भी कहा है कि विशेष आवश्यकताओं वाले स्टूडेंट्स, जो परीक्षा में शामिल न होने का विकल्प चुनते हैं उनका रिजल्ट अल्टरनेटिव मोड यानी इंटरनल असेसमेंट के आधार पर जारी किया जाएगा.
वहीं, देश में कोरोनावायरस महामारी के बीच ऑनलाइन एजुकेशन का ट्रेंड भी शुरू हो गया है. दरअसल, स्कूलों के बंद होने के स्टूडेंट्स की पढ़ाई का काफी नुकसान हो रहा था, जिसको ध्यान में रखकर सभी स्कूल, कॉलेज और यूनिवर्सिटी स्टूडेंट्स को ऑनलाइन पढ़ा रहे हैं. यहां तक की दिल्ली यूनिवर्सिटी समेत कई यूनिवर्सिटी परीक्षाएं भी ऑनलाइन आयोजित करा रही हैं, ताकि अकेडमिक कैलेंडर को जारी रखा जा सके.
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