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This Article is From Feb 18, 2020

रतन टाटा को मैनचेस्टर विश्वविद्यालय ने डॉक्टरेट की मानद उपाधि से किया सम्मानित, ये है वजह

रतन टाटा (Ratan Tata) को मैनचेस्टर विश्वविद्यालय ने डॉक्टरेट की मानद उपाधि से सम्मानित किया है.

रतन टाटा को मैनचेस्टर विश्वविद्यालय ने डॉक्टरेट की मानद उपाधि से किया सम्मानित, ये है वजह
रतन टाटा 'टाटा ट्रस्ट' के जरिए समाज की भलाई के लिए काम करते आ रहे हैं.
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रतन टाटा को मैनचेस्टर विश्वविद्यालय ने सम्मानित किया है.
उन्हें डॉक्टरेट की मानद उपाधि दी गई है.
विश्वविद्यालय की कुलपति ने कहा कि रतन टाटा बेहद प्रेरणादायक हैं.
नई दिल्‍ली:

उद्योगपति रतन टाटा (Ratan Tata) को नवाचार और परोपकार में योगदान के लिए मैनचेस्टर विश्वविद्यालय ने डॉक्टरेट की मानद उपाधि से सम्मानित किया है. ब्रिटेन के विश्वविद्यालय ने कहा कि हाल में कुलपति प्रोफेसर डेम नैन्सी रोथवेल की भारत यात्रा के दौरान 82 वर्षीय उद्योगपति को यह उपाधि दी गई. रोथवेल ने कहा कि रतन टाटा बेहद प्रेरणादायक हैं और वह बड़े कारोबार तथा छोटे उद्यमों के लिए, शोधकर्ताओं के लिए उदाहरण हैं.

मैनचेस्टर विश्वविद्यालय ने कहा कि रतन टाटा को डॉक्टरेट की मानद उपाधि से नवाजे जाने की वजह उनकी सामाजिक जिम्मेदारी और उनके परोपकारी कार्य हैं. रतन टाटा 'टाटा ट्रस्ट' के जरिए समाज की भलाई के लिए काम करते आ रहे हैं.

बता दें कि रतन टाटा ने वर्ष 1991 में टाटा की कमान संभाली थी. उनके कार्यकाल के दौरान, टाटा समूह ने कई ऊंचाइयों को छुआ. उन्हें आज देश के सबसे ईमानदार उद्योगपतियों में गिना जाता है. रतन टाटा को साल 2000 में भारत के तीसरे सबसे बड़े नागरिक सम्मान पद्म भूषण से नवाजा गया था. इसके अलावा साल 2008 में उन्हें पद्म विभूषण से भी सम्मानित किया गया था.

(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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