कल्याण सिंह
जयपुर:
राजस्थान के राज्यपाल एवं राज्य के राजकीय विश्वविद्यालयों के कुलाधिपति कल्याण सिंह ने कहा है कि अब राज्य के राजकीय विश्वविद्यालयों के दीक्षान्त समारोह में विद्यार्थी राजस्थानी तौर तरीके वाली भारतीय पोशाक पहनकर डिग्री ग्रहण करेंगे।
राज्यपाल सिंह की अध्यक्षता में हुई कुलपति समन्वय समिति की बैठक में अनेक महत्वपूर्ण निर्णय किये गये। इस निर्णय के बाद राजस्थान देश का ऐसा पहला राज्य बन गया है, जहां के राजकीय विश्वविद्यालयों के दीक्षान्त समारोह का ड्रेस कोड भारतीय पोशाक होगा।
सिंह ने कहा है कि विश्वविद्यालय के दीक्षान्त समारोह में अंग्रेजों के जमाने से चली आ रही पोशाक गॉउन को बदलने का निर्णय किया गया है। अब राजस्थान के विश्वविद्यालयों के दीक्षान्त समारोह में विद्यार्थी भारतीय पोशाक ही धारण करेंगे।
राज्यपाल ने कहा कि विद्यार्थी हित से कोई समझोता नहीं होगा। अब विद्यार्थियों को 75 प्रतिशत या उससे अधिक की उपस्थिति पर अंक मिलेंगे। सभी विश्वविद्यालयों के लिए एक समान अकादमिक कलैण्डर तैयार किया जाएगा। इसमें सभी विश्वविद्यालयों में समान कार्य दिवस होंगे। इसमें सत्र आरम्भ से लेकर दीक्षान्त समारोह तक की तिथियां तय की जाएंगी। बैठक में अनाथ बच्चों को राज्य के सभी राजकीय विश्वविद्यालयों में नि:शुल्क शिक्षा देने, विश्वविद्यालयों में भर्ती प्रक्रिया को शीघ्र शुरू करने और उनकी समय सीमा का निर्धारण, मार्किंग सिस्टम के अनुसार परीक्षा कराने के लिए मानदेय के निर्धारण, गांव को स्मार्ट बनाने के लिए जिला प्रशासन के सहयोग, विश्वविद्यालय में रजिस्ट्रार और विनियंत्रकों की नियुक्ति और शोध को बढ़ावा देने का निर्णय किया गया।
राज्यपाल सिंह की अध्यक्षता में हुई कुलपति समन्वय समिति की बैठक में अनेक महत्वपूर्ण निर्णय किये गये। इस निर्णय के बाद राजस्थान देश का ऐसा पहला राज्य बन गया है, जहां के राजकीय विश्वविद्यालयों के दीक्षान्त समारोह का ड्रेस कोड भारतीय पोशाक होगा।
सिंह ने कहा है कि विश्वविद्यालय के दीक्षान्त समारोह में अंग्रेजों के जमाने से चली आ रही पोशाक गॉउन को बदलने का निर्णय किया गया है। अब राजस्थान के विश्वविद्यालयों के दीक्षान्त समारोह में विद्यार्थी भारतीय पोशाक ही धारण करेंगे।
राज्यपाल ने कहा कि विद्यार्थी हित से कोई समझोता नहीं होगा। अब विद्यार्थियों को 75 प्रतिशत या उससे अधिक की उपस्थिति पर अंक मिलेंगे। सभी विश्वविद्यालयों के लिए एक समान अकादमिक कलैण्डर तैयार किया जाएगा। इसमें सभी विश्वविद्यालयों में समान कार्य दिवस होंगे। इसमें सत्र आरम्भ से लेकर दीक्षान्त समारोह तक की तिथियां तय की जाएंगी। बैठक में अनाथ बच्चों को राज्य के सभी राजकीय विश्वविद्यालयों में नि:शुल्क शिक्षा देने, विश्वविद्यालयों में भर्ती प्रक्रिया को शीघ्र शुरू करने और उनकी समय सीमा का निर्धारण, मार्किंग सिस्टम के अनुसार परीक्षा कराने के लिए मानदेय के निर्धारण, गांव को स्मार्ट बनाने के लिए जिला प्रशासन के सहयोग, विश्वविद्यालय में रजिस्ट्रार और विनियंत्रकों की नियुक्ति और शोध को बढ़ावा देने का निर्णय किया गया।
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