एमिटी लॉ स्कूल की उपस्थिति नीति के खिलाफ उच्च न्यायालय में एक याचिका दायर की गई है। दरअसल हाजिरी की कमी के कारण सेमेस्टर परीक्षा में न बैठने देने पर एक छात्र द्वारा कथित रूप से खुदकुशी करने की घटना के बाद यह घटनाक्रम सामने आया।
याचिका को आज मुख्य न्यायाधीश जी रोहिणी और न्यायमूर्ति संगीता ढींगरा सहगल की पीठ के सामने सूचीबद्ध किया गया। इसमें दावा किया गया है कि संस्थान सभी विषयों में औसत 75 प्रतिशत उपस्थिति की जरूरत को ‘‘एकतरफा तरीके से हटाकर’’ हर विषय में 75 प्रतिशत उपस्थिति मांगता है।
हालांकि अदालत ने कहा कि इस मामले में एक अन्य पीठ पांच सितंबर को सुनवाई करेगी।
याचिका के अनुसार, इंद्रप्रस्थ विश्वविद्यालय कानून 1998 के तहत लागू अध्यादेश का उपबंध 9 . 1 कहता है कि हर छात्र को एक सेमेस्टर के सभी विषयों में कुल मिलाकर न्यूनतम 75 प्रतिशत या इससे अधिक उपस्थिति पूरी करनी होगी।
याचिका को आज मुख्य न्यायाधीश जी रोहिणी और न्यायमूर्ति संगीता ढींगरा सहगल की पीठ के सामने सूचीबद्ध किया गया। इसमें दावा किया गया है कि संस्थान सभी विषयों में औसत 75 प्रतिशत उपस्थिति की जरूरत को ‘‘एकतरफा तरीके से हटाकर’’ हर विषय में 75 प्रतिशत उपस्थिति मांगता है।
हालांकि अदालत ने कहा कि इस मामले में एक अन्य पीठ पांच सितंबर को सुनवाई करेगी।
याचिका के अनुसार, इंद्रप्रस्थ विश्वविद्यालय कानून 1998 के तहत लागू अध्यादेश का उपबंध 9 . 1 कहता है कि हर छात्र को एक सेमेस्टर के सभी विषयों में कुल मिलाकर न्यूनतम 75 प्रतिशत या इससे अधिक उपस्थिति पूरी करनी होगी।
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