याचिका में अदालत से जल्द सुनवाई करने का अनुरोध किया गया.
अहमदाबाद:
एमबीबीएस में दाखिले के लिए राष्ट्रीय पात्रता-सह-प्रवेश परीक्षा (एनईईटी) में शामिल हुए कई परीक्षार्थियों के अभिभावकों ने गुरुवार को गुजरात उच्च न्यायालय से अनुरोध किया कि गुजराती और अंग्रेजी भाषाओं में एक तरह के सवालों के साथ फिर से परीक्षा करायी जाए.छात्रों के 40.45 अभिभावकों के समूह ने अदालत में याचिका दायर कर कहा कि सीबीएसई द्वारा संचालित परीक्षा में गुजराती के प्रश्नपत्र अंग्रेजी के प्रश्नपत्र से ज्यादा कठिन थे.
याचिका में अदालत से जल्द सुनवाई करने का अनुरोध किया गया. न्यायमूर्ति ए जे शास्त्री की अवकाश पीठ ने इस अनुरोध को स्वीकार कर लिया. अब इस याचिका पर 26 मई को सुनवाई होगी.याचिका में कहा गया है कि ज्यादा कठिन प्रश्नपत्र देकर संविधान के अनुच्छेद 14 के तहत प्रदत्त समानता के छात्रों के अधिकार का उल्लंघन किया गया है.
याचिका में मांग की गयी है कि सात मई को हुयी परीक्षा रद्द की जानी चाहिए और एक जैसे सवालों के साथ फिर से परीक्षा करायी जाए. याचिकाकर्ताओं ने कहा कि गुजराती भाषा में परीक्षा देने वाले छात्रों को अलग प्रश्नपत्र दिए गए जो ज्यादा कठिन थे.
याचिका में अदालत से जल्द सुनवाई करने का अनुरोध किया गया. न्यायमूर्ति ए जे शास्त्री की अवकाश पीठ ने इस अनुरोध को स्वीकार कर लिया. अब इस याचिका पर 26 मई को सुनवाई होगी.याचिका में कहा गया है कि ज्यादा कठिन प्रश्नपत्र देकर संविधान के अनुच्छेद 14 के तहत प्रदत्त समानता के छात्रों के अधिकार का उल्लंघन किया गया है.
याचिका में मांग की गयी है कि सात मई को हुयी परीक्षा रद्द की जानी चाहिए और एक जैसे सवालों के साथ फिर से परीक्षा करायी जाए. याचिकाकर्ताओं ने कहा कि गुजराती भाषा में परीक्षा देने वाले छात्रों को अलग प्रश्नपत्र दिए गए जो ज्यादा कठिन थे.