नई दिल्ली:
मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने साफ किया है कि जिन उम्मीदवारों ने एनईईटी के तहत मेडिकल परीक्षा दी और एनईईटी 2 के लिए आवेदन दिया, लेकिन उसमें उपस्थित नहीं हुए, उनके विषय को निरीक्षण समिति के पास रखा जायेगा।
जिस छात्र ने एनईईटी 1 परीक्षा दी उसे एनईईटी 2 में बैठने की अनुमति है, अगर वह इस बात की घोषणा करता है कि वह पहली परीक्षा के अंक को छोड़ देगा। मेडिकल एवं डेंटल कालेजों में दाखिले के लिए राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (एनईईटी 2) 24 जुलाई को निर्धारित है और इसे सीबीएसई आयोजित कर रही है।
मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावडेकर ने कहा कि अगर कोई उम्मीदवार एनईईटी 1 में उपस्थित हुआ है और एनईईटी 1 के लिए आवेदन दिया हो लेकिन फीस का भुगतान नहीं किया हो, तब उनकी उम्मीदवारी पर विचार नहीं किया जायेगा क्योंकि फीस का भुगतान नहीं हुआ है और इसलिए उसका फार्म सफलतापूर्वक पेश किया हुआ नहीं माना जायेगा।
इस संबंध में उच्चतम न्यायालय में तीन सदस्यीय निरीक्षण समिति का गठन किया था जिसमें भारत के पूर्व प्रधान न्यायाधीश न्यायमूर्ति आर एम लोढा, डा एस के सरीन और पूर्व कैग विनोद राय शामिल हैं।
जिस छात्र ने एनईईटी 1 परीक्षा दी उसे एनईईटी 2 में बैठने की अनुमति है, अगर वह इस बात की घोषणा करता है कि वह पहली परीक्षा के अंक को छोड़ देगा। मेडिकल एवं डेंटल कालेजों में दाखिले के लिए राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (एनईईटी 2) 24 जुलाई को निर्धारित है और इसे सीबीएसई आयोजित कर रही है।
मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावडेकर ने कहा कि अगर कोई उम्मीदवार एनईईटी 1 में उपस्थित हुआ है और एनईईटी 1 के लिए आवेदन दिया हो लेकिन फीस का भुगतान नहीं किया हो, तब उनकी उम्मीदवारी पर विचार नहीं किया जायेगा क्योंकि फीस का भुगतान नहीं हुआ है और इसलिए उसका फार्म सफलतापूर्वक पेश किया हुआ नहीं माना जायेगा।
इस संबंध में उच्चतम न्यायालय में तीन सदस्यीय निरीक्षण समिति का गठन किया था जिसमें भारत के पूर्व प्रधान न्यायाधीश न्यायमूर्ति आर एम लोढा, डा एस के सरीन और पूर्व कैग विनोद राय शामिल हैं।
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