दिल्ली उच्च न्यायालय ने कहा है कि किसी प्रवेश परीक्षा में रैंक पाने वाले विद्यार्थी अगर प्रवेश के लिए काउंसलिंग के समय जरूरी दस्तावेज जमा नहीं कर पाते तो वह दाखिला नहीं देने पर विश्वविद्यालय को जिम्मेदार नहीं ठहरा सकते.
न्यायमूर्ति संजीव सचदेवा ने कहा, ‘‘चूंकि याचिकाकर्ता अधिसूचना के अनुसार मूल दस्तावेजों के साथ काउंसलिंग में नहीं आ सके, इसलिए उन्हें प्रवेश नहीं देने तथा बाद की तारीख में दी गयी डिग्री पर विचार नहीं करने की प्रतिवादी विश्वविद्यालय की कार्रवाई को गलत नहीं बताया जा सकता.’’ अदालत ने छात्र भीम शंकर ठाकुर की याचिका खारिज करते हुए यह टिप्पणी की. ठाकुर ने आग्रह किया था कि दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) को उनकी डिग्री को स्वीकार करने तथा 2016-17 के सत्र में एलएलबी पाठ्यक्रम में दाखिला देने का निर्देश दिया जाए.
ठाकुर एलएलबी प्रवेश परीक्षा में शामिल हुए थे और उन्हें ओबीसी श्रेणी में 767 रैंक प्राप्त हुई थी. रैंक के अनुसार उन्हें 22 अगस्त को काउंसलिंग के लिए बुलाया गया लेकिन वह स्नातक की मूल डिग्री जमा नहीं कर सके.
ठाकुर ने 2012 में स्नातक किया था लेकिन विश्वविद्यालय से डिग्री नहीं ली थी. विश्वविद्यालय ने जब उन्हें दाखिला देने से मना किया तो उन्होंने आठ सितंबर, 2016 को मेरठ के अपने पूर्व विश्वविद्यालय से डिग्री प्राप्त की.
जब वह काउंसलिंग समाप्त होने के बाद डिग्री जमा करने दिल्ली विश्वविद्यालया गये तो उसने इसे स्वीकार नहीं किया.
न्यायमूर्ति संजीव सचदेवा ने कहा, ‘‘चूंकि याचिकाकर्ता अधिसूचना के अनुसार मूल दस्तावेजों के साथ काउंसलिंग में नहीं आ सके, इसलिए उन्हें प्रवेश नहीं देने तथा बाद की तारीख में दी गयी डिग्री पर विचार नहीं करने की प्रतिवादी विश्वविद्यालय की कार्रवाई को गलत नहीं बताया जा सकता.’’ अदालत ने छात्र भीम शंकर ठाकुर की याचिका खारिज करते हुए यह टिप्पणी की. ठाकुर ने आग्रह किया था कि दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) को उनकी डिग्री को स्वीकार करने तथा 2016-17 के सत्र में एलएलबी पाठ्यक्रम में दाखिला देने का निर्देश दिया जाए.
ठाकुर एलएलबी प्रवेश परीक्षा में शामिल हुए थे और उन्हें ओबीसी श्रेणी में 767 रैंक प्राप्त हुई थी. रैंक के अनुसार उन्हें 22 अगस्त को काउंसलिंग के लिए बुलाया गया लेकिन वह स्नातक की मूल डिग्री जमा नहीं कर सके.
ठाकुर ने 2012 में स्नातक किया था लेकिन विश्वविद्यालय से डिग्री नहीं ली थी. विश्वविद्यालय ने जब उन्हें दाखिला देने से मना किया तो उन्होंने आठ सितंबर, 2016 को मेरठ के अपने पूर्व विश्वविद्यालय से डिग्री प्राप्त की.
जब वह काउंसलिंग समाप्त होने के बाद डिग्री जमा करने दिल्ली विश्वविद्यालया गये तो उसने इसे स्वीकार नहीं किया.
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