दिल्ली में विभिन्न अस्पतालों के रेजीडेंट डॉक्टरों ने नीट-पीजी काउंसिलिंग 2021 में विलंब को लेकर यहां निर्माण भवन के सामने सोमवार को प्रदर्शन किया. जिसके साथ ही डॉक्टरों का ये आंदोलन ओर तेज हो गया है. निर्माण भवन में ही केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया का कार्यालय है. केंद्र द्वारा संचालित तीन अस्पतालों और दिल्ली सरकार के कुछ अस्पतालों के रेजीडेंट डॉक्टरों ने आपातकालीन सेवाओं समेत सभी सेवाओं का बहिष्कार कर दिया है. जिससे सोमवार को लगातार चौथे दिन स्वास्थ्य सेवाएं प्रभावित रहीं. फेडरेशन ऑफ रेजीडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन' (फोरडा) ने राष्ट्रव्यापी प्रदर्शन का आह्वान किया है.
फोरडा अध्यक्ष डॉ. मनीष ने कहा, ‘‘हम आज अपना प्रदर्शन तेज करने जा रहे हैं.'' फोरडा ने अपने ट्विटर हैंडल पर एक वीडियो क्लिप साझा की है. जिसमें बड़ी संख्या में डॉक्टरों को निर्माण भवन के परिसर के सामने प्रदर्शन करते हुए देखा जा सकता है. प्रदर्शनरत डॉक्टरों ने बैनर और पोस्टर लेकर प्रदर्शन किया और इस मुद्दे के समाधान की मांग करते हुए नारे लगाए. सफदरजंग आरडीए के महासचिव डॉ. अनुज अग्रवाल ने कहा, ‘‘मंत्री के साथ ही कुछ अधिकारियों ने मौखिक रूप से हमें आश्वासन दिया था कि एक हफ्ते के भीतर अदालत में ईडब्ल्यूएस रिपोर्ट सौंपी जाएगी और तत्काल आधार पर मामले की सुनवाई की जाएगी. लेकिन वे मामले को सूचीबद्ध नहीं करा पाए.''
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लेडी हार्डिंग मेडिकल कॉलेज आरडीए के अध्यक्ष डॉ. सुनील दुचानिया ने कहा, ‘‘चार डॉक्टरों के एक समूह ने स्वास्थ्य मंत्री से मुलाकात की थी. जिन्होंने हमसे ये कहते हुए हड़ताल वापस लेने के लिए कहा था कि मामले पर तत्काल सुनवाई के लिए सभी प्रयास किए जा रहे हैं. हालांकि पहले भी इस तरह के मौखिक आश्वासन दिए जा चुके हैं और हम निर्माण भवन के बाहर अपना प्रदर्शन जारी रखेंगे.''
राम मनोहर लोहिया, सफदरजंग और लेडी हार्डिंग अस्पतालों के रेजीडेंट डॉक्टरों और एलएनजेपी हॉस्पिटल समेत मौलाना आजाद मेडिकल कॉलेज के तहत आने वाले तीन अस्पतालों ने शुक्रवार को प्रदर्शन फिर से शुरू करते हुए सरकार पर झूठा वादा करने का आरोप लगाया.
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