
नई दिल्ली:
मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने बताया कि वर्तमान अकादमिक वर्ष में सीबीएसई से संबद्ध 2000 निजी स्कूलों को एनसीईआरटी की किताबों की आपूर्ति की गई और अगले सत्र में अन्य स्कूलों को भी इन किताबों की आपूर्ति की जाएगी. जावड़ेकर ने राज्यसभा में शून्यकाल के दौरान यह जानकारी दी.उन्होंने कहा ‘‘दुर्भाग्य की बात यह है कि निजी स्कूलों के लिए शिक्षा छात्रों को लूटने का एक माध्यम बन गई है. इस पर रोक लगनी चाहिए. प्रकाशकों के साथ उनका तालमेल रहता है और वह मुनाफा कमाते हैं.’’
जावड़ेकर का जवाब माकपा सदस्य के के रागेश द्वारा उठाए गए मुद्दे के संदर्भ में था जिन्होंने मांग की थी कि केंद्र सरकार को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि सीबीएसई के सभी स्कूलों के लिए इस साल एनसीईआरटी की पाठ्यपुस्तकें अनिवार्य की जानी चाहिए.
माकपा सदस्य ने कहा कि निजी स्कूल सरकार के फैसले का पालन न करने के लिए रास्ते खोज लेते हैं. ज्यादातर स्कूल अभिभावकों तथा छात्रों को महंगे दामों में पाठ्यपुस्तकें खरीदने के लिए बाध्य करते हैं.
जावड़ेकर ने कहा कि निजी स्कूलों द्वारा अधिक दाम लिए जाने की खबरें मिलने के बाद सीबीएसई स्कूलों के लिए एनसीईआरटी की किताबें अनिवार्य किए जाने का निर्णय किया गया था. उन्होंने कहा कि यह प्रथम वर्ष था इसलिए सरकार ने यह जायजा लिया कि एनसीईआरटी कितनी किताबें आपूर्ति करने के लिए तैयार हैं.
उन्होंने बताया ‘‘हमने सभी स्कूलों से उनकी जरूरत बताने के लिए कहा. हमें अच्छी प्रतिक्रिया मिली और 2000 निजी स्कूलों ने अपनी जरूरत बताई जिन्हें एनसीईआरटी की किताबों की आपूर्ति कर दी गई. अगले साल इन किताबों की आपूर्ति और स्कूलों को भी की जाएगी.’’
जावड़ेकर का जवाब माकपा सदस्य के के रागेश द्वारा उठाए गए मुद्दे के संदर्भ में था जिन्होंने मांग की थी कि केंद्र सरकार को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि सीबीएसई के सभी स्कूलों के लिए इस साल एनसीईआरटी की पाठ्यपुस्तकें अनिवार्य की जानी चाहिए.
माकपा सदस्य ने कहा कि निजी स्कूल सरकार के फैसले का पालन न करने के लिए रास्ते खोज लेते हैं. ज्यादातर स्कूल अभिभावकों तथा छात्रों को महंगे दामों में पाठ्यपुस्तकें खरीदने के लिए बाध्य करते हैं.
जावड़ेकर ने कहा कि निजी स्कूलों द्वारा अधिक दाम लिए जाने की खबरें मिलने के बाद सीबीएसई स्कूलों के लिए एनसीईआरटी की किताबें अनिवार्य किए जाने का निर्णय किया गया था. उन्होंने कहा कि यह प्रथम वर्ष था इसलिए सरकार ने यह जायजा लिया कि एनसीईआरटी कितनी किताबें आपूर्ति करने के लिए तैयार हैं.
उन्होंने बताया ‘‘हमने सभी स्कूलों से उनकी जरूरत बताने के लिए कहा. हमें अच्छी प्रतिक्रिया मिली और 2000 निजी स्कूलों ने अपनी जरूरत बताई जिन्हें एनसीईआरटी की किताबों की आपूर्ति कर दी गई. अगले साल इन किताबों की आपूर्ति और स्कूलों को भी की जाएगी.’’
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