पूरे देश के साथ-साथ अब महाराष्ट्र में भी कोरोना का प्रभाव कम होता दिख रहा है. कोरोना (Corona) काल के लंबे अंतराल के बाद ज्यादातर राज्य स्कूल-कॉलेज खोल रहे हैं, जिसकी वजह से महाराष्ट्र सरकार ने लगाए गए लॉकडाउन के प्रतिबंधों में काफी ढील दे दी है और अब कॉलेजों और विश्वविद्यालयों को भी वापस से खोलने का निर्णय लिया है. बता दें कि स्कूलों के लिए सख्त कोविड-19 प्रोटोकॉल (Covid-19 Protocol) लागू हैं. कोरोना (COVID-19) महामारी के कारण डेढ़ साल से अधिक समय तक बंद रहने के बाद, महाराष्ट्र भर के कॉलेजों और विश्वविद्यालयों ने आज (बुधवार) से फिजिकल क्लासेस (Physical Classes) फिर से शुरू कर दीं हैं. राज्य सरकार (State Government) के निर्देश के अनुसार, केवल पूर्ण टीकाकरण (Fully vaccinated) वाले छात्रों को ही कक्षा सत्र में भाग लेने की अनुमति दी जा रही है. वहीं, जो लोग पूरी तरह से टीकाकरण मानदंड के मद्देनजर कॉलेज में नहीं आ सकते हैं, उनके लिए अधिकांश कॉलेजों ने लाइव लेक्चर करने या ऑनलाइन क्लासेस की सुविधा जारी रखने का प्रावधान किया है.
सख्त कोविड-19 प्रोटोकॉल लागू
दरअसल, कोरोना काल के लंबे अंतराल के बाद ज्यादातर राज्य कॉलेजों और विश्वविद्यालय खोल रहे हैं, जहां सख्त कोविड-19 प्रोटोकॉल लागू है. वहीं कॉलेजों में छात्रों, शिक्षकों और स्टाफ के लिए ये एक जरूरी शर्त लागू की गई है, जिसे कोरोना संक्रमण फैलने से बचाने के लिए जरूरी माना जा रहा है. बता दें कि फिजिकल कक्षाओं में भाग लेने के लिए छात्रों के लिए पूरी तरह से टीकाकरण कराना जरूरी किया गया है.
'छात्रों के लिए पूरी तरह से टीकाकरण जरूरी'
बता दें कि पिछले हफ्ते, महाराष्ट्र के उच्च और तकनीकी शिक्षा मंत्री उदय सामंत (Maharashtra Higher and Technical Education Minister Uday Samant) ने कहा कि राज्य के सभी कॉलेज (Colleges) और विश्वविद्यालय (Universities) 20 अक्टूबर से शारीरिक कक्षाएं संचालित कर सकते हैं, लेकिन कक्षा सत्र (Classroom Sessions) में भाग लेने के लिए छात्रों का पूरी तरह से टीकाकरण होना चाहिए.
ये छात्र आ सकेंगे कॉलेज
राज्य में महामारी के कारण डेढ़ साल से अधिक समय तक बंद रहने के बाद 4 अक्टूबर को कक्षा 5 से 12 के लिए फिजिकल क्लासेज (Physical Sessions) फिर से शुरू करने वाले राज्य के स्कूलों को ध्यान में रखकर यह निर्णय लिया गया है. राज्य सरकार ने बुधवार से सभी गैर-कृषि कॉलेज (Non-Agricultural Colleges), राज्य द्वारा संचालित विश्वविद्यालय (State-Run Universities), डीम्ड विश्वविद्यालय (Deemed Universities), स्व-वित्तपोषित विश्वविद्यालय (Self-Financed Universities) और उनसे संबद्ध कॉलेजों को फिजिकल क्लासेज आयोजित करने की अनुमति दी है.
सभी कॉलेजों के लिए SOP जारी
आपदा प्रबंधन अधिनियम, 2005 के तहत अधिकार प्राप्त स्थानीय अधिकारियों के साथ इस मामले पर चर्चा करने के बाद एक कक्षा में कितने छात्रों को उपस्थित होना चाहिए, इससे संबंधित निर्णय लिया जाएगा. मंत्री सामंत (Minister Samant) ने पिछले हफ्ते कहा था कि प्रत्येक विश्वविद्यालय को इससे संबद्ध कॉलेजों को मानक संचालन प्रक्रिया ( SOP) जारी करनी चाहिए. सरकार के निर्देश पर कार्रवाई करते हुए, मुंबई विश्वविद्यालय (Mumbai University) ने रविवार को इससे संबद्ध सभी कॉलेजों के लिए एसओपी जारी की.
50% छात्रों को अनुमति
कोरोना गाइडलाइंस के नये नियमों के अनुसार 50 प्रतिशत विद्यार्थी ही कॉलेज में आ सकते हैं और उन्हें कोरोना नियमों का पालन करना भी अनिवार्य होगा. इसके चलते कॉलेजों में साफ-सफाई और सेनिटाइजेशन का काम पूरा कर लिया गया है. कॉलेज प्रशासन भी छात्रों की सुरक्षा को लेकर पूरी तरह से तैयार है. है कि कॉलेज में छात्रों का पूरा ध्यान रखा जायेगा. वहीं सारे नियमों का पालन भी होगा. मुंबई विश्वविद्यालय के एसओपी के अनुसार, संस्थानों को शारीरिक सत्र में भाग लेने वाले प्रत्येक छात्र और कर्मचारियों के कोविड-19 टीकाकरण प्रमाण पत्र का रिकॉर्ड रखना पड़ेगा.
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं