प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा है कि जामिया मिल्लिया इस्लामिया ने स्वतंत्रता आंदोलन के दौरान देश की एकता और उसके सामाजिक-सांस्कृतिक ताने-बाने को मजबूत करने में ''महत्वपूर्ण योगदान'' दिया. हाल ही में आयोजित विश्वविद्यालय के वार्षिक दीक्षांत समारोह के मौके पर जामिया के नाम एक संदेश में, प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि छात्रों की ठोस शैक्षणिक और सांस्कृतिक बुनियाद तथा संस्थान के पूर्व छात्र राष्ट्र को उत्कृष्टता की अधिक ऊंचाइयों को हासिल करने में मदद करेंगे.
उन्होंने कहा, हमारे युवाओं को आम आदमी के लाभ के लिए इनोवेेशन, अनुसंधान और उच्च प्रौद्योगिकी में उत्कृष्टता हासिल करनी चाहिए, क्योंकि 21वीं सदी ज्ञान-समृद्ध समाजों और राष्ट्रों की होगी. दीक्षांत समारोह को छात्रों के लिए “यादगार अवसर“ बताते हुए उन्होंने कहा कि यह उनके संबंधित क्षेत्रों में पेशेवर विशेषज्ञों के तौर पर बदलने की शुरुआत का प्रतीक है.
प्रधानमंत्री ने जेएमआई की पूरी अकादमिक बिरादरी - शिक्षकों, छात्रों, पूर्व छात्रों और विश्वविद्यालय से जुड़े सभी लोगों को बधाई दी. कुलपति प्रो.नजमा अख़्तर ने प्रधानमंत्री को उनके उत्साहवर्धक संदेश के लिए धन्यवाद दिया और कहा कि इससे जामिया बिरादरी को अपने संस्थान को नई ऊंचाइयों पर ले जाने का उत्साह मिलेगा.
दीक्षांत समारोह 30 अक्टूबर को आयोजित किया गया था जहां माननीय राष्ट्रपति श्री रामनाथ कोविंद मुख्य अतिथि थे और केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री श्री रमेश पोखरियाल ‘निशंक' गेस्ट ऑफ ऑनर थे. 2017 और 2018 में पास होने वाले 10 हजार से अधिक छात्रों को इस अवसर पर डिग्री और डिप्लोमा प्रदान किए गए.
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