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This Article is From Jun 10, 2018

JEE Advanced Results 2018 : परीक्षा शुरू होने के वक़्त कंप्यूटर हो गया ख़राब, फिर भी मिला दूसरा स्‍थान

साहिल बताते हैं कि जब वो जेईई एडवांस्ड की परीक्षा देने जयपुर के अपने एक सेंटर में गए तो वहां उन्हें जो कंप्यूटर दिया गया था वो ख़राब था.

JEE Advanced Results 2018 : परीक्षा शुरू होने के वक़्त कंप्यूटर हो गया ख़राब, फिर भी मिला दूसरा स्‍थान
साहिल छात्रों को सलाह देना चाहते हैं कि किसी परेशानी से घबराना नहीं चाहिए
नई दिल्‍ली: रविवार को जेईई एडवांस्ड 2018 के जो नतीज़े घोषित किये गए हैं उनमें साहिल ऑल इंडिया रैंकिंग में दूसरे स्थान पर हैं. कोटा के रहने वाले साहिल किसी टॉपर की तरह अपनी आंखें चिड़िया की आंख पर टिकाए हुए थे. जेईई मेन का रिजल्ट उनके मन के मुताबिक नहीं था पर उसकी उन्हें फिक्र भी नहीं थी, उनका तो निशाना था एडवांस्ड में टॉप 50 में आना. जाहिर है साहिल के लिए ख़ुशी का ठिकाना नहीं था. एनडीटीवी से बातचीत में साहिल जैन ने बताया कि आपको खुद पर विश्वास होना चाहिए, फिर बीच की असफलता और परेशानियों से आपको हार नहीं माननी चाहिए.

साहिल बताते हैं कि जब वो जेईई एडवांस्ड की परीक्षा देने जयपुर के अपने एक सेंटर में गए तो वहां उन्हें जो कंप्यूटर दिया गया था वो ख़राब था, जिसके चलते दोनों पालियों में उनके करीब 10 मिनट बर्बाद हो गए और उन्हें सेंटर की गलती वजह से परीक्षा में ख़राब हुए वक़्त के लिए कोई अतिरिक़्त वक़्त भी नहीं मिला. फिर भी उन्होंने शांत दिमाग से परीक्षा दी.

साहिल छात्रों को सलाह देना चाहते हैं कि उन्हें भी इस तरह की अचानक आई किसी परेशानी से घबराना नहीं चाहिए. पढ़ाई की व्यस्तता में कोई ध्यान न बंटे इसके लिए साहिल ने अपना फेसबुक अकाउंट भी डिलीट कर दिया था. साहिल बताते हैं कि बारहवीं क्लास, जेईई मेन और जेईई एडवांस्ड के लिए अलग-अलग तैयारी करने के बजाय सिर्फ एडवांस्ड पर फोकस किया और बाकी तैयारी भी साथ में होती चली गई.
 
jee advanced 2018 2nd topper sahil jain 650

साहिल का सुझाव है कि छात्रों को पिछले सालों के सारे सवालों को हल करना चाहिए और साथ ही साथ टेस्ट सीरीज जरूर करनी चाहिए ताकि टाइम मैनेजमेंट आ सके. इनऑर्गेनिक केमिस्ट्री जैसे विषय के लिए साहिल नोट्स बनाते थे और उसे जेब में रखते थे ताकि जैसे ही वक़्त मिले उससे दोहरा सकें. साहिल की दिनचर्या में घंटों पढ़ाई के अलावा योग और मेडिटेशन भी शामिल था, जिससे एकाग्रता बढ़ाने में उन्हें सहायता मिली.

केमिस्ट्री के लिए साहिल ने मुख्यतः एनसीईआरटी की किताबों का सहारा लिया, जबकि फिजिक्स के लिए उन्होंने एचसी वर्मा, आईई ईरोडोव और यूनिवर्सिटी फिजिक्स जैसी किताबें पढ़ीं. मैथ्स के लिए एसएल लोनी, हॉल एंड नाईट और जीएन वर्मन वगैरह की किताबों से उन्होंने काफी प्रैक्टिस की. इसके अलावा साहिल बताते हैं कि कोटा के एक कोचिंग इंस्टिट्यूट से भी उन्हें अपनी तैयारी में काफी सहायता मिली. साहिल मानते हैं कि स्मार्ट स्टडी, परिवार का साथ और खुद का निश्चय ये उनकी सफलता के सबसे बड़े क़िरदार हैं. अब आगे साहिल का इरादा है कि आईआईटी मुंबई से कंप्यूटर साइंस में पढ़ाई के बाद वो रिसर्च में जाएं.

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