कलश की फाइल फोटो
नई दिल्ली:
JEE Advanced के नतीज़े रविवार को आईआईटी कानपुर ने घोषित कर दिए. इस परीक्षा में दिल्ली के कलश गुप्ता ने तीसरा स्थान हासिल किया है वहीं लड़कियों में कोटा की मीनल परख ने टॉपर बनी. हालांकि ऑल इंडिया रैंकिंग में मीनल छठे स्थान पर हैं. एनडीटीवी ने JEE Advanced के इन टॉपर्स से खास बातचीत की और उनकी सफलता राज जाना. एनडीटीवी से बातचीत में JEE Advanced की परीक्षा में तीसरा स्थान हासिल करने वाले कलश ने बताया कि उन्हें कंप्यूटर साइंस में शुरू से ही ख़ास दिलचस्पी थी. उन्होंने बताया कि वह हर दिन अपने लिए छोटे छोटे लक्ष्य तय करते थे.
निर्धारित लक्ष्य को हासिल करने के बाद ही वह आगे बढ़ते थे. कलश ने बताया कि उन्होंने अपनी तैयारी के लिए कोचिंग की सहायता ली थी और दिल्ली के ही एक कोचिंग इंस्टिट्यूट में पढ़ते थे. कोचिंग में दी गई सामग्री के अलावा कलश ने फिजिक्स के कॉन्सेप्ट्स के लिए एचसी वर्मा और न्यूमेरिकल्स के लिए आईई ईरोडोव जैसी किताबें पढ़ीं. इनऑर्गेनिक केमिस्ट्री के लिए उन्होंने जेडी ली और आर्गेनिक केमिस्ट्री के लिए पौला ब्रूस की किताबों का सहारा लिया. कलश बताते हैं कि उन्होंने बोर्ड और जेईई की तैयारी साथ-साथ ही की लेकिन बारहवीं की परीक्षा से दो महीने पहले अपना सारा ध्यान उस पर केंद्रित कर दिया था.
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कलश खुद को जेईई के नए पैटर्न के लिए तैयार करने के मक़सद से ज्यादा से ज्यादा सवाल कंप्यूटर पर हल करते थे ताकि एक्यूरेसी और स्पीड दोनों ला सकें. कलश का ख़ास ध्यान मॉक टेस्ट और पुराने प्रश्न पत्रों को हल करने पर भी था. कलश को कंप्यूटर से बहुत प्यार है और वो आईआईटी बॉम्बे या आईआईटी दिल्ली में कंप्यूटर साइंस की पढ़ाई करना चाहते हैं.
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वहीं लड़कियों में टॉप करने वाले और ऑल इंडिया रैंकिंग में छठा स्थान हासिल करने वाली मीनल ने अपनी सफलता का श्रेय अपने कोचिंग सेंटर और माता-पिता को दिया है. उन्हें इस परीक्षा में 360 में 318 अंक हासिल हुए हैं. मीनल ने बारहवीं, जेईई मेन और जेईई एडवांस्ड के लिए कोई अलग से स्ट्रेटेजी नहीं बनाई न ही अलग से कोई वक़्त दिया.
जो भी परीक्षा उनके सामने आयी, उसके मुताबिक़ अपनी रणनीति बनाती गईं. मीनल ने नौवीं कक्षा से कोटा में कोचिंग इंस्टिट्यूट ज्वाइन कर लिया था और कुछेक चुनिंदा किताबों जैसी फिजिक्स के लिए एचसी वर्मा, आईई ईरोडोव, यूनिवर्सिटी फिजिक्स के अलावा उनकी तैयारी पूरी तरफ़ से कोचिंग द्वारा दी सामग्री पर आधारित थी.
निर्धारित लक्ष्य को हासिल करने के बाद ही वह आगे बढ़ते थे. कलश ने बताया कि उन्होंने अपनी तैयारी के लिए कोचिंग की सहायता ली थी और दिल्ली के ही एक कोचिंग इंस्टिट्यूट में पढ़ते थे. कोचिंग में दी गई सामग्री के अलावा कलश ने फिजिक्स के कॉन्सेप्ट्स के लिए एचसी वर्मा और न्यूमेरिकल्स के लिए आईई ईरोडोव जैसी किताबें पढ़ीं. इनऑर्गेनिक केमिस्ट्री के लिए उन्होंने जेडी ली और आर्गेनिक केमिस्ट्री के लिए पौला ब्रूस की किताबों का सहारा लिया. कलश बताते हैं कि उन्होंने बोर्ड और जेईई की तैयारी साथ-साथ ही की लेकिन बारहवीं की परीक्षा से दो महीने पहले अपना सारा ध्यान उस पर केंद्रित कर दिया था.
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जो भी परीक्षा उनके सामने आयी, उसके मुताबिक़ अपनी रणनीति बनाती गईं. मीनल ने नौवीं कक्षा से कोटा में कोचिंग इंस्टिट्यूट ज्वाइन कर लिया था और कुछेक चुनिंदा किताबों जैसी फिजिक्स के लिए एचसी वर्मा, आईई ईरोडोव, यूनिवर्सिटी फिजिक्स के अलावा उनकी तैयारी पूरी तरफ़ से कोचिंग द्वारा दी सामग्री पर आधारित थी.
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