लोकनायक जयप्रकाश नारायण (Lok Nayak Jai Prakash Narayan) की पुण्यतिथि 8 अक्टूबर को मनाई जाती है. जयप्रकाश नारायण (Jai Prakash Narayan) भारतीय स्वतंत्रता सेनानी और राजनेता थे. देश में आजादी की लड़ाई से लेकर वर्ष 1977 तक तमाम आंदोलनों में जेपी का अहम रोल रहा है. जेपी (JP Narayan) को पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के विरोध के लिए जाना जाता था. कहा जाता है कि उनके आंदोलन की वजह से इंदिरा गांधी के हाथ से सत्ता तक छिन गई थी. लोकनायक जयप्रकाश नारायण ने भारतीय जनमानस पर अपना अमिट छाप छोड़ी है. जयप्रकाश जी का समाजवाद का नारा आज भी गूंज रहा है. देश की आजादी के लिए स्वतंत्रता संग्राम में शामिल हुए जेपी को तरह-तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ा लेकिन उन्होंने अंग्रेज़ों के सामने घुटने नहीं टेके. आइये जानते हैं जयप्रकाश नारायण के जीवन से जुड़ी 10 बातें.
जयप्रकाश नारायण के जीवन से जुड़ी 10 बातें.
- लोकनायक जयप्रकाश नारायण का जन्म 11 अक्टूबर 1902 में बिहार के सिताबदियारा में हुआ था.
- जयप्रकाश नारायण राष्ट्रवादी थे और उन्होंने जलियांवाला बाग़ नरसंहार के विरोध में ब्रिटिश शैली के स्कूलों को छोड़कर बिहार विद्यापीठ से अपनी उच्चशिक्षा पूरी की.
- जयप्रकाश जी ने समाजशास्त्र से एम. ए. किया. उन्होंने अमेरिकी विश्वविद्यालय से आठ वर्ष तक अध्ययन किया.
- अमेरिका से वापस आने के बाद उनका संपर्क गांधी जी के साथ काम कर रहे जवाहर लाल नेहरु से हुआ. वे भारतीय स्वतंत्रता संग्राम का हिस्सा बने. 1932 में गांधी, नेहरु और अन्य महत्त्वपूर्ण कांग्रेसी नेताओं के जेल जाने के बाद, उन्होंने भारत में अलग-अलग हिस्सों में संग्राम का नेतृत्व किया. अन्ततः उन्हें भी मद्रास में सितम्बर 1932 में गिरफ्तार कर लिया गया और नासिक के जेल में भेज दिया गया.
- 1939 में उन्होंने द्वितीय विश्वयुद्ध के दौरान, अंग्रेज सरकार के खिलाफ लोक आन्दोलन का नेतृत्व किया. उन्होंने सरकार को किराया और राजस्व रोकने के अभियान चलाये. टाटा स्टील कम्पनी में हड़ताल कराके यह प्रयास किया कि अंग्रेज़ों को इस्पात न पहुंचे. उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया और 9 महीने की कैद की सज़ा सुनाई गयी.
- 1948 में उन्होंने कांग्रेस के समाजवादी दल का नेतृत्व किया और बाद में गांधीवादी दल के साथ मिलकर समाजवादी सोशलिस्ट पार्टी की स्थापना की.
- 1960 के दशक के अंतिम भाग में वे राजनीति में पुनः सक्रिय रहे. 1974 में किसानों के बिहार आन्दोलन में उन्होंने तत्कालीन राज्य सरकार से इस्तीफे की मांग की.
- वे इंदिरा गांधी की प्रशासनिक नीतियों के विरुद्ध थे. 1975 में इंदिरा गांधी ने आपातकाल की घोषणा की जिसके अन्तर्गत जेपी सहित 6०० से भी अधिक विरोधी नेताओं को बन्दी बनाया गया और प्रेस पर सेंसरशिप लगा दी गयी.
- 1977 जेपी के प्रयासों से एकजुट विरोध पक्ष ने इंदिरा गांधी को चुनाव में हरा दिया.
- जयप्रकाश नारायण का निधन उनके निवास स्थान पटना में 8 अक्टूबर 1979 को हृदय की बीमारी और मधुमेह के कारण हुआ.