केन्द्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल ''निशंक'' ने बुधवार को कहा कि भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) उन छात्रों के लिये विशेष भर्ती अभियान चलाएंगे जिनकी नौकरी की पेशकश कोरोनावायरस (Coronavirus) के चलते रद्द हो गई है.
निशंक ने कहा, ''मैंने भी संस्थानों के निदेशकों को ऐसे छात्रों के लिये विशेष भर्ती अभियान शुरू करने को कहा है जिन छात्रों को नौकरी की पेशकश की जा चुकी थी वे देश के होनहार छात्र हैं और संकट की घड़ी में नियोक्ताओं के बहुत काम आ सकते हैं.''
उन्होंने कहा, ''मैंने सभी नियोक्ताओं से तकनीकी शिक्षण संस्थानों के स्नातक छात्रों के सामने रखी गई नौकरी की पेशकश वापस नहीं लेने की अपील की है."
इससे पहले मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने सोमवार को कंपनियों से अपील की कि वे 'कैंपस प्लेसमेंट' के तहत स्टूडेंट्स को दी गई नौकरियों की पेशकश को कोविड-19 महामारी की वजह से वापस न लें.
निशंक ने कहा, "प्लसेमेंट के बारे में स्नातक छात्रों की चिंताओं को दूर करने के लिए मैं कंपनियों से अपील करता हूं कि छात्रों को की गई नौकरियों की किसी भी पेशकश को वापस न लें. सरकार यह सुनिश्चित करने का प्रयास कर रही है कि कोविड-19 की स्थिति का अर्थव्यवस्था पर दीर्घकालिक असर न पड़े."
उन्होंने कहा, "इन छात्रों को नौकरियों के लिए न लेना अनुचित होगा जो असल में मेधावी हैं और देश को इस स्थिति से बाहर निकालने में मदद कर सकते हैं."
इससे पहले पिछले हफ्ते मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थानों (आईआईटी) से यह सुनिश्चित करने को कहा कि कोरोनावायरस की महामारी के कारण उत्पन्न स्थिति के मद्देनजर छात्रों का प्लेसमेंट प्रभावित नहीं हो. मानव संसाधन विकास मंत्री ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये 23 आईआईटी के प्रमुखों के साथ संवाद में उन्हें इस उद्देश्य के लिये एक कार्यबल गठित करने का निर्देश दिया.
निशंक ने आईआईटी के प्रमुखों से कहा, "इन संस्थानों में प्लेसमेंट को लेकर एक कार्यबल गठित किया जाना चाहिए जो विभिन्न कंपनियों के साथ सम्पर्क में रहेगा और यह सुनिश्चित करेगा कि इन संस्थानों में विगत वर्षो के स्तर से कम प्लेसमेंट न हो."
इनपुट: भाषा
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं