क्यूएस रैंकिंग 2016: टॉप 150 रैंकिंग में कोई भारतीय संस्थान नहीं, MIT नं 1 पर कायम

क्यूएस रैंकिंग 2016: टॉप 150 रैंकिंग में कोई भारतीय संस्थान नहीं, MIT नं 1 पर कायम

ब्रिटेन में हुए एक सर्वेक्षण में दुनिया के टॉप 150 संस्थानों में किसी भी भारतीय संस्थान या यूनिवर्सिटी को जगह नहीं मिली है। ‘क्यूएस वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग 2016’ में आईआईटी और आईआईएससी संस्थानों की रैंकिंग गिर गई है। सिर्फ मद्रास आईआईटी ही पिछले साल की तुलना में पांच पायदान ऊपर आया है, शेष आईआईटी की रैंकिंग नीचे खिसक गई है। रैंकिंग में आईआईएससी पहले की तरह सभी भारतीय संस्थानों में टॉप पर है। 

क्यूएस वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग के अनुसार मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (एमआईटी) शीर्ष पर है जबकि अमेरिका के दो अन्य विश्वविद्यालय स्टैनफोर्ड तथा हार्वर्ड क्रमश: दूसरे तथा तीसरे नंबर पर हैं। चौथे स्थान पर यूनिवर्सिटी ऑफ कैम्ब्रिज, यूके और पांचवें पर कैलिफोर्निया इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, यूएस है।

सर्वे के अनुसार, शीर्ष 200 में बने रहने के लिए अभी भी भारतीय संस्थानों को मश्क्कत करनी पड़ रही है। भारतीय विज्ञान संस्थान की रैंकिंग पिछले वर्ष के 147 के मुकाबले पांच स्थान घटकर 152 हो गयी है जबकि आईआईटी दिल्ली की रैंकिग भी 179 रैंक से खिसक कर 185 हो गयी है।

शीर्ष 400 की सूची में शामिल अन्य संस्थान हैं-  आईआईटी बंबई (219), मद्रास (249), कानपुर (302), खड़गपुर (313) और रूड़की (399)।

क्यूएस में अनुसंधान प्रमुख बेन सोवटर ने कहा कि इस वर्ष की रैंकिंग दिखाती है कि निवेश का स्तर दिखाता है कि कौन प्रगति कर रहा है और कौन पीछे जा रहा है।

विश्वविद्यालयों की ताजा रैंकिग में पहली बारी कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय विश्व के शीर्ष तीन संस्थानों में शामिल नहीं है।


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