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This Article is From Jun 24, 2020

ICSE Board Exams 2020: महाराष्ट्र सरकार ने HC से कहा- ICSE बोर्ड को नहीं दे सकते पेंडिंग परीक्षाएं आयोजित करने की अनुमति

ICSE Board Exams 2020:  महाराष्ट्र सरकार ने बुधवार को बॉम्बे हाईकोर्ट को बताया कि इंडियन सर्टिफिकेट ऑफ सेकेंडरी एजुकेशन (ICSE) बोर्ड को COVID-19 स्थिति के मद्देनजर जुलाई में 10वीं और 12वीं क्लास की पेंडिंग परीक्षाएं आयोजित करने की अनुमति नहीं दी जा सकती है.

ICSE Board Exams 2020: महाराष्ट्र सरकार ने HC से कहा- ICSE बोर्ड को नहीं दे सकते पेंडिंग परीक्षाएं आयोजित करने की अनुमति
महाराष्ट्र सरकार ने ICSE बोर्ड को राज्य में परीक्षा आयोजित करने से इनकार कर दिया है.
नई दिल्ली:

ICSE Board Exams 2020:  महाराष्ट्र सरकार ने बुधवार को बॉम्बे हाईकोर्ट को बताया कि इंडियन सर्टिफिकेट ऑफ सेकेंडरी एजुकेशन (ICSE) बोर्ड को COVID-19 स्थिति के मद्देनजर जुलाई में 10वीं और 12वीं क्लास की पेंडिंग परीक्षाएं आयोजित करने की अनुमति नहीं दी जा सकती है. सरकार ने कोर्ट में अपना पक्ष रखते हुए ये भी कहा कि राज्य में स्थित यूनिवर्सिटी की फाइनल ईयर की परीक्षाएं भी कोरोनावायरस के खतरे को देखते हुए कैंसिल कर दी गई हैं. 

सरकार की ओर से कोर्ट में दलील रखने वाले वकील जनरल आशुतोष कुंभकोनी ने चीफ जस्टिस दीपांकर दत्ता और जस्टिस एसएस शिंदे की डिवीजन बेंच को बताया कि मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे की अध्यक्षता में स्टेट डिजास्टर मैनेजमेंट कमेटी ने मंगलवार को एक बैठक की, जिसमें यह फैसला लिया गया कि आईसीएसई बोर्ड (ICSE Board) को अपनी परीक्षा आयोजित करने की अनुमति नहीं दी जा सकती है. उन्होंने कोर्ट को बताया कि कोरोनावायरस से पनपे हालातों के मद्देनजर राज्य सरकार ICSE बोर्ड को 2 जुलाई से परीक्षाएं आयोजित करने के लिए अनुमति नहीं दे सकती है. 

क्या है पूरा मामला?
दरअसल, महाराष्ट्र राज्य में कोरोनावायरस के तेजी से बढ़ते हुए मामले देखकर बॉम्बे हाई कोर्ट ने पिछले हफ्ते राज्य सरकार को निर्देश दिए थे कि वो स्पष्ट करें कि राज्य में ICSE बोर्ड को 10वीं और 12वीं की पेंडिंग परीक्षाएं आयोजित करने के लिए अनुमति देते हैं या नहीं. कोर्ट ने राज्य सरकार से परीक्षाओं को लेकर उनका स्टैंड क्लियर करने के लिए कहा था. जिसपर अब महाराष्ट्र सरकार ने कोर्ट को अपना पक्ष बताया है. 

वहीं, इससे पहले ICSE बोर्ड ने बॉम्बे हाई कोर्ट के सामने अपना प्रस्ताव रखा था कि 10वीं और 12वीं क्लास के स्टूडेंट्स अगर चाहें तो परीक्षाओं को छोड़ सकते हैं. परीक्षा न देने का विकल्प चुनने वाले स्टूडेंट्स का रिजल्ट प्री- बोर्ड एग्जाम की परफॉर्मेंस या इंटरनल असेसमेंट के आधार पर जारी किया जाएगा. 

दरअसल, कुछ पैरेंटस की तरफ से कोर्ट में याचिका दायर की गई थी कि कोरोनावायरस के खतरे के चलते एग्जाम कैंसिल कराने के निर्देश दिए जाएं. इसी याचिका पर कोर्ट में सुनवाई हुई थी, जिसमें बोर्ड ने अपना पक्ष रखा था. बोर्ड के इस प्रस्ताव के बाद बेंच ने बोर्ड से भी अल्टरनेटिव ग्रेडिंग सिस्टम को लेकर उनकी कार्यप्रणाली उन स्टूडेंट्स के लिए पेश करने के लिए कहा था, जो परीक्षा में शामिल नहीं हो सकते हैं. कोर्ट के इस आदेश के बाद बोर्ड ने कार्यप्रणाली पर अपना अंतिम फैसला देने के लिए समय मांगा था. 

बता दें कि कोरोनावायरस महामारी के चलते ICSE बोर्ड ने 10वीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षाओं को स्थगित कर दिया था. अब ये पेंडिंग एग्जाम 1 जुलाई से 14 जुलाई के बीच आयोजित होनी हैं. 

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