
नई दिल्ली:
मानव संसाधन विकास मंत्रालय कठिन प्रश्न होने के मद्देनजर कुछ पत्रों में रियायती आधार पर अंक देने (ग्रेस मार्क्स) के चलन को समाप्त करने के लिए राज्यों के साथ विचार विमर्श करने की योजना बना रहा है. यह पहल ऐसे समय में सामने आ रही है जब केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड ने पिछले वर्ष दिसंबर में मानव संसाधन विकास मंत्रालय से यह आग्रह किया था कि वह रियायती आधार पर अंक देने की नीति को समाप्त करने के लिए सभी राज्य बोर्ड के साथ बात करके सहमति बनाने में मदद करे.
अंक देने की रियायती नीति के तहत अगर प्रश्न कठिन हों, तब परीक्षार्थियों को कुछ पत्रों में 15 प्रतिशत तक अतिरिक्त अंक प्रदान किये जा सकते हैं.
सीबीएसई का मत है कि रियायती आधार पर अंक देने की नीति को एकतरफा ढंग से समाप्त किये जाने से स्नातक स्तर पर दाखिले के समय छात्र नुकसान की स्थिति में रहेंगे . बोर्ड का मत है कि इस महत्वपूर्ण विषय पर सभी राज्य बोर्ड को सहमत होना चाहिए .
मानव संसाधन विकास मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि मंत्रालय ने 24 अप्रैल को सभी राज्य शिक्षा सचिवों और राज्य बोर्ड के अध्यक्षों की बैठक बुलाई है और इस बैठक में इस विषय पर विचार किया जायेगा.
न्यूज एजेंसी भाषा से इनपुट
अंक देने की रियायती नीति के तहत अगर प्रश्न कठिन हों, तब परीक्षार्थियों को कुछ पत्रों में 15 प्रतिशत तक अतिरिक्त अंक प्रदान किये जा सकते हैं.
सीबीएसई का मत है कि रियायती आधार पर अंक देने की नीति को एकतरफा ढंग से समाप्त किये जाने से स्नातक स्तर पर दाखिले के समय छात्र नुकसान की स्थिति में रहेंगे . बोर्ड का मत है कि इस महत्वपूर्ण विषय पर सभी राज्य बोर्ड को सहमत होना चाहिए .
मानव संसाधन विकास मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि मंत्रालय ने 24 अप्रैल को सभी राज्य शिक्षा सचिवों और राज्य बोर्ड के अध्यक्षों की बैठक बुलाई है और इस बैठक में इस विषय पर विचार किया जायेगा.
न्यूज एजेंसी भाषा से इनपुट
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