नई दिल्ली:
मानव संसाधन विकास मंत्रालय आईआईटी छात्रों को ब्याज मुक्त ऋण प्रदान करने के लिए एक योजना लेकर आई है ताकि उन्हें फीस का भुगतान करने में मदद मिले सके जो हाल में बढ़ाया गया है।
प्रकाश जावडेकर के नेतृत्व वाले मंत्रालय की ओर से जारी आदेश के मुताबिक, यह सुविधा उन छात्रों के लिए उपलब्ध होगी जिसके परिवार की आय 9 लाख रूपये प्रति वर्ष से अधिक नहीं होगी।
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अधिकारियों ने बताया कि इस योजना के तहत ट्यूशन फीस आयेगा और ब्याज दर से राहत मिलेगी जो अधिकतम पांच सालों के लिए होगी। हाल ही में इन संस्थानों की फीस में वृद्धि की गई है, ऐसे में सरकार छात्रों एवं उनके अभिभावकों की मदद करना चाहती है ताकि उन्हें कठिनाइयों का सामना नहीं करना पड़े।
एक अधिकारी ने बताया, ‘‘मंत्रालय ने आर्थिक मदद की एक योजना की संकल्पना की है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि ऋण के ब्याज वाले हिस्से का ध्यान वह रख सके ।’’ जब स्मृति ईरानी मानव संसाधन विकास मंत्री थी तब आईआईटी की फीस 90 हजार रूपये प्रति वर्ष से बढ़ा कर 2 लाख रूपये प्रति वर्ष की गयी थी। हालांकि अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अशक्त एवं आर्थिक रूप से पिछड़े वर्ग को इससे छूट दी गई थी।
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अधिकारी ने बताया कि इस योजना का लाभ उन छात्रों को मिलेगा जो इस श्रेणी के दायरे में नहीं आते लेकिन बढ़ी फीस के मद्देनजर उन्हें मदद की जरूरत हो सकती है।
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अधिकारियों ने बताया कि इस योजना के तहत ट्यूशन फीस आयेगा और ब्याज दर से राहत मिलेगी जो अधिकतम पांच सालों के लिए होगी। हाल ही में इन संस्थानों की फीस में वृद्धि की गई है, ऐसे में सरकार छात्रों एवं उनके अभिभावकों की मदद करना चाहती है ताकि उन्हें कठिनाइयों का सामना नहीं करना पड़े।
एक अधिकारी ने बताया, ‘‘मंत्रालय ने आर्थिक मदद की एक योजना की संकल्पना की है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि ऋण के ब्याज वाले हिस्से का ध्यान वह रख सके ।’’ जब स्मृति ईरानी मानव संसाधन विकास मंत्री थी तब आईआईटी की फीस 90 हजार रूपये प्रति वर्ष से बढ़ा कर 2 लाख रूपये प्रति वर्ष की गयी थी। हालांकि अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अशक्त एवं आर्थिक रूप से पिछड़े वर्ग को इससे छूट दी गई थी।
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